
हिसार के किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है। अब उन्हें बाडो पट्टी, चौधरीवास और मय्यड़ टोल प्लाजा पर टोल टैक्स नहीं देना होगा। यह राहत किसानों को किसान संघर्ष समिति और टोल प्रशासन के बीच हुई समझौते के बाद मिली है। इन तीनों टोल प्लाजा पर किसानों को टोल मुक्त करने पर सहमति बनी है, जिससे अब वे बिना किसी रोक-टोक के यात्रा कर सकेंगे। किसानों की यह बड़ी जीत मानी जा रही है, क्योंकि इससे उन्हें यात्रा के दौरान होने वाली अतिरिक्त आर्थिक परेशानियों से राहत मिलेगी।
समझौते के बाद मिली राहत
22 अप्रैल को चौधरीवास टोल पर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक हुई थी, जिसमें किसानों और टोल प्रशासन के बीच कई मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में किसानों की प्रमुख मांगों पर सहमति बनी और टोल प्रशासन ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न होने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों ने भी अपने पक्ष में की गई सहमति को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया और इसे अपनी जीत मानते हुए टोल टैक्स से मुक्ति मिलने पर खुशी जताई।
साथ ही, किसान नेताओं ने यह भी साफ किया कि यदि कोई किसान गलत तरीके से टोल टैक्स से बचने के लिए गलत कार्ड या पहचान पत्र का इस्तेमाल करता है, तो उसकी जिम्मेदारी किसान मोर्चा नहीं लेगा। यह कदम टोल टैक्स से मुक्ति के बाद किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोकने के लिए लिया गया है।
टोल पर नहीं रोकी जाएगी गाड़ी
यह भी तय किया गया है कि अब किसान की गाड़ी पर झंडा, कार्ड या बैज लगे होने पर उसे किसी भी स्थिति में टोल पर रोका नहीं जाएगा। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि किसानों को अब बिना किसी परेशानी के इन टोल प्लाजा से गुजरने की अनुमति होगी, जब तक कि उनके पास सभी जरूरी पहचान पत्र और दस्तावेज सही तरीके से लगे हों। इस फैसले के बाद किसानों को अपनी यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की रुकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में किसानों ने यह सुनिश्चित किया कि यदि कोई गाड़ी पर झंडा, कार्ड या बैज नहीं लगाए हुए है, तो उसे टोल पर वेरिफिकेशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा, ताकि कोई गलत तरीके से टोल टैक्स से बचने का प्रयास न कर सके।
टोल कर्मियों से विशेष निर्देश
किसान नेताओं ने यह भी बताया कि अब टोल कर्मियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी गाड़ी को, जिसमें महिला और परिवार के सदस्य हों, बिना किसी अमर्यादित व्यवहार के बगैर टोल से गुजरने देंगे। यह कदम किसानों के सम्मान को बनाए रखने और किसी भी प्रकार के अमानवीय व्यवहार को रोकने के लिए उठाया गया है। किसानों ने यह भी कहा कि रात के समय कोई भी टोल कर्मी उन्हें बात करने के लिए बाध्य नहीं करेगा, जब तक वह खुद से बात करने के लिए तैयार न हो।
इसके अलावा, अगर गाड़ी पर झंडा, कार्ड और बैज लगा होता है, तो इन गाड़ियों का कोई वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा और वे बिना किसी रोक-टोक के यात्रा कर सकेंगे। टोल कर्मियों को यह आदेश दिया गया है कि वे किसानों की यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा उत्पन्न न करें और उनकी यात्रा को आसान बनाएं।
किसानों की बढ़ी हुई उम्मीदें
यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में सामने आया है, क्योंकि इससे उनके यात्रा के दौरान टोल शुल्क की समस्या समाप्त हो जाएगी। टोल टैक्स के बगैर यात्रा करने की सुविधा मिलने से किसानों के आर्थिक बोझ में कमी आएगी और उन्हें बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, किसानों को यह भी उम्मीद है कि ऐसे समझौतों से उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र होगा और उनके अधिकारों का सम्मान किया जाएगा।
किसान नेताओं का मानना है कि इस तरह की पहल से उनकी आवाज़ सरकार तक पहुँचती है और इससे किसानों का मनोबल बढ़ता है। इसके साथ ही, उनका यह भी कहना है कि अगर किसी टोल प्लाजा पर इस समझौते का उल्लंघन होता है, तो वे पुनः संघर्ष करेंगे और अपनी आवाज़ उठाएंगे।