Holi 2025: होली समारोहों में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन? विवाद के बाद गरमाई राजनीति!

धर्मरक्षा संघ ने होली पर ब्रज क्षेत्र में मुस्लिम समाज के लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की है, तो सपा ने इसे बीजेपी की साजिश बताया। क्या यूपी सरकार लेगी बड़ा फैसला? जानिए पूरा मामला, जिससे राजनीति गरमा गई है

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

Holi 2025: होली समारोहों में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन? विवाद के बाद गरमाई राजनीति!
Holi 2025: होली समारोहों में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन? विवाद के बाद गरमाई राजनीति!

उत्तर प्रदेश के वृंदावन में होली (Holi 2025) को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कथित हिंदूवादी संगठन ‘धर्मरक्षा संघ’ ने ब्रज क्षेत्र में होली के दौरान मुस्लिम समाज के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने दावा किया है कि मुस्लिम समाज के लोग होली के दौरान हिंदुओं को धमकाने का प्रयास करते हैं, जिसके चलते यह कदम जरूरी हो गया है। इस मांग को लेकर राजनीति गरमा गई है और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाया है।

यह भी देखें: अयोध्या में बदला रामलला के दर्शन का समय! नई टाइमिंग आज से लागू, जानें पूरी डिटेल

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

वृंदावन में होली पर मुस्लिम समाज के लोगों के प्रवेश को लेकर उठी यह मांग राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस का विषय बन गई है। जहां एक पक्ष इसे हिंदू संस्कृति की रक्षा से जोड़ रहा है, वहीं दूसरा पक्ष इसे देश की गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ बता रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार इस मामले में क्या निर्णय लेती है और क्या ब्रज क्षेत्र की होली अपने पारंपरिक सौहार्द के साथ मनाई जाएगी।

धर्मरक्षा संघ ने मुस्लिमों के प्रवेश पर लगाया सवाल

धर्मरक्षा संघ के राष्ट्रीय संयोजक आचार्य बद्रीश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से अपील की है कि जिस प्रकार अन्य राज्यों में गरबा (Garba) में मुसलमानों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था, ठीक उसी तरह ब्रज क्षेत्र की होली से भी उन्हें दूर रखा जाए। उन्होंने तर्क दिया कि यदि मुस्लिम समाज के लोगों को रंग और गुलाल से ऐतराज है, तो उन्हें होली के आयोजनों में शामिल होने की कोई जरूरत नहीं है।

आचार्य बद्रीश ने यह भी कहा कि यदि मुस्लिम समाज हिंदू समुदाय को लिखित आश्वासन देता है कि वे होली के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना को अंजाम नहीं देंगे, तो उनके प्रवेश पर विचार किया जा सकता है।

सपा सांसद ने जताई आपत्ति

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सांसद सनातन पांडेय (Sanatan Pandey) ने इस मांग को खारिज करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की भूमि पर किसी भी धर्म के लोगों के लिए पाबंदी लगाने की बात करना उनके मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह मांग करने वाले श्रीकृष्ण के सच्चे अनुयायी नहीं हो सकते।

यह भी देखें: 8th Pay Commission पर बड़ा अपडेट! सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में क्या होगा बदलाव?

Also Readइतनी सस्ती कभी नहीं मिली OnePlus टैबलेट! ₹15,000 से भी कम में जबरदस्त ऑफर – मौका चूकना मत

इतनी सस्ती कभी नहीं मिली OnePlus टैबलेट! ₹15,000 से भी कम में जबरदस्त ऑफर – मौका चूकना मत

सपा सांसद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सत्ताधारी दल की रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत हिंदू और मुस्लिम समाज को बांटने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि होली भाईचारे और प्रेम का त्योहार है, जिसे संकीर्ण मानसिकता से नहीं देखा जाना चाहिए।

बीजेपी ने आरोपों को किया खारिज

बीजेपी नेताओं ने सपा के आरोपों को निराधार बताया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि धर्मरक्षा संघ एक स्वतंत्र संगठन है और उनकी मांगों से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। बीजेपी नेताओं का यह भी कहना है कि होली के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे और किसी भी धर्म के व्यक्ति के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा।

ब्रज क्षेत्र में होली का महत्व

ब्रज क्षेत्र (Braj Region) की होली न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश और दुनिया में प्रसिद्ध है। मथुरा (Mathura), वृंदावन (Vrindavan), नंदगांव (Nandgaon), बरसाना (Barsana) और गोकुल (Gokul) में मनाई जाने वाली होली में हजारों देशी और विदेशी पर्यटक भाग लेते हैं। लट्ठमार होली (Lathmar Holi), फूलों की होली (Phoolon ki Holi) और रंगों की होली यहां के प्रमुख आकर्षण होते हैं।

यह भी देखें: अयोध्या में बदला रामलला के दर्शन का समय! नई टाइमिंग आज से लागू, जानें पूरी डिटेल

क्या हो सकते हैं इसके प्रभाव?

यदि धर्मरक्षा संघ की मांग को स्वीकार कर लिया जाता है, तो इससे सांप्रदायिक तनाव बढ़ने की आशंका हो सकती है। कई सामाजिक संगठनों ने इसे असंवैधानिक बताते हुए विरोध भी किया है। दूसरी ओर, संगठन के समर्थक इसे सनातन परंपरा की रक्षा के लिए जरूरी कदम बता रहे हैं।

सरकार का क्या रुख होगा?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले पर क्या निर्णय लेते हैं। हालांकि, अब तक सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। सरकार को एक ओर धार्मिक संगठन का दबाव झेलना पड़ रहा है, तो दूसरी ओर विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है।

Also Read8th Pay Commission के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का DA हो सकता है ZERO! चौंकाने वाली वजह जानिए

8th Pay Commission के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का DA हो सकता है ZERO! चौंकाने वाली वजह जानिए

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें