हर नागरिक को मिलेगा नेशनल ID कार्ड? सरकार नागरिकता कानून के तहत ला सकती है बड़ा बदलाव

क्या आप जानते हैं, कि सरकार नागरिकता कानून में बड़े बदलाव की योजना बना रही है, जिसके तहत हर भारतीय नागरिक को एक नेशनल ID कार्ड दिया जाएगा? इस ऐतिहासिक कदम का आपके जीवन पर क्या असर पड़ेगा और यह पहचान से जुड़े आपके अधिकारों को कैसे नया रूप देगा? जानिए इस बदलाव के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी!

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Written byRohit Kumar

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हर नागरिक को मिलेगा नेशनल ID कार्ड? सरकार नागरिकता कानून के तहत ला सकती है बड़ा बदलाव
हर नागरिक को मिलेगा नेशनल ID कार्ड? सरकार नागरिकता कानून के तहत ला सकती है बड़ा बदलाव

भारत सरकार हाल में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि अब हर भारतीय नागरिक को राष्ट्रीय पहचान पत्र (National Identity Card) दिया जाएगा। यह जानकारी 5 अगस्त 2025 को लोकसभा में गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने दी है। उनके मुताबिक, नागरिकता कानून 1955 के तहत यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिसके माध्यम से नागरिकों का रजिस्ट्रेशन करेगी और उन्हें पहचान पत्र जारी करेगी। यह कदम नागरिकों के लिए एक जरूरी दस्तावेज़ साबित होगा, जिससे उनकी नागरिकता की पहचान की जाएगी।

पहचान पत्र क्यों जरूरी है?

नागरिकता कानून 1955 के तहत, भारत सरकार अब यह कंफर्म करेगी कि हर नागरिक का रजिस्ट्रेशन किया जाए, और उन्हें राष्ट्रीय पहचान पत्र पत्र प्रदान किया जाए। ये पहचान पत्र उन नागरिकों को जारी होंगे जिनका नाम नेशन रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) या नेशनल रजिस्टर ऑफ़ इंडियन सिटीजन्स (NRIC) में शामिल होगा। इस पहचान पत्र से नागरिकता की पहचान साफ होगी और यह देशभर के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ होगा।

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अभी तक, सिर्फ असम राज्य में NRC की प्रक्रिया पूरी हो पाई है। हालांकि, असम सरकार ने 2019 में प्रकाशित NRC के ड्राफ्ट को कोर्ट में चुनौती दी थी, जिससे इसका फाइनल रजिस्टर अभी तक जारी नहीं हो पाया है। असम सरकार का कहना है कि 3.29 करोड़ आवेदकों में से 19 लाख निवासियों को NRC से बाहर रखा गया है।

CAA और NRC पर सरकार का नजरिया

केंद्र सरकार ने यह भी बताया है कि 2027 में होने वाली जनगणना के दौरान नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को अपडेट करने का कोई फैसला नहीं लिया गया है। NPR, NRC का पहला कदम होता है, और इसके जरिए नागरिकों के डेटा को इकट्ठा किया जाता है। हालांकि, इस समय नए आवेदकों को NRC में जोड़ने पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया है।

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NPR को पहली बार 2010 में तैयार किया गया था और बाद में 2011 में इसका डेटा एकत्र किया गया था। फिर इसे 2015-16 में अपडेट किया गया था, जिसमें 119 करोड़ नागरिकों की जानकारी शामिल की गई थी।

CAA और NRC के विरोध के बाद क्या हुआ?

2019-20 में CAA और NRC को लेकर देशभर में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों के दौरान 83 लोगों की जानें भी गईं। इसके बाद सरकार ने यह स्पष्ट किया कि NRC को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने का फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हालांकि, 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में NRC एक महत्वपूर्ण मुद्दा था, लेकिन 2024 के चुनाव में इसे बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र से हटा दिया।

देखें आगे क्या होगा?

अब तक सरकार ने यह साफ किया है कि सभी भारतीय नागरिकों को राष्ट्रीय पहचान पत्र मिलेगा, लेकिन NRC और CAA को लेकर फैसले को लेकर अभी भी सवाल बने हुए हैं। सरकार के सामने यह सवाल है कि इस प्रक्रिया को किस तरह लागू किया जाएगा और उन नागरिकों का क्या होगा जिनका नाम NRC में नहीं होगा। आने वाले समय में सरकार इन मुद्दों पर और स्पष्टता प्रदान कर सकती है।

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