
NEET UG 2025 की परीक्षा पास आ रही है और हर साल की तरह इस बार भी लाखों छात्र डॉक्टर बनने का सपना लेकर परीक्षा में शामिल होंगे। लेकिन यह भी सच्चाई है कि हर छात्र को MBBS सीट नहीं मिल पाती, खासकर उन छात्रों को जिनके नंबर अपेक्षा से कम होते हैं। ऐसे में NEET UG 2025 में कम नंबर आने का डर छात्रों को मानसिक दबाव में डाल सकता है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि मेडिकल फील्ड में करियर खत्म हो गया। भारत में ऐसे कई मेडिकल कोर्सेस हैं जो NEET में कम नंबर लाने वाले छात्रों के लिए बेहतरीन विकल्प बन सकते हैं।
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BDS: डेंटिस्ट्री का चमकता विकल्प
यदि आप डॉक्टर नहीं बन सके तो डेंटिस्ट यानी दंत चिकित्सक बनने का विकल्प खुला है। Bachelor of Dental Surgery (BDS) कोर्स भारत में दूसरा सबसे लोकप्रिय मेडिकल कोर्स है। इसमें प्रवेश के लिए NEET स्कोर जरूरी होता है, लेकिन MBBS की तुलना में इसकी कटऑफ कम होती है। यह पांच वर्षीय कोर्स है जिसमें एक साल की इंटर्नशिप भी शामिल होती है। इस फील्ड में क्लीनिक खोलकर या किसी हॉस्पिटल में जुड़कर अच्छी आमदनी की जा सकती है।
BAMS: आयुर्वेदिक चिकित्सा का बढ़ता दायरा
आज के समय में लोग आयुर्वेदिक चिकित्सा की ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं। Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery (BAMS) एक ऐसा कोर्स है जो आयुर्वेद और आधुनिक मेडिकल साइंस का मिश्रण है। यह कोर्स भी NEET स्कोर पर आधारित होता है लेकिन MBBS से कम रैंक पर भी दाखिला संभव है। BAMS की पढ़ाई के बाद आयुर्वेदिक डॉक्टर के तौर पर क्लिनिक, हॉस्पिटल या रिसर्च संस्थानों में करियर बनाया जा सकता है।
BHMS: होम्योपैथी की संभावनाएं
Bachelor of Homeopathic Medicine and Surgery (BHMS) कोर्स उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो प्राकृतिक और बिना साइड इफेक्ट वाली चिकित्सा में रुचि रखते हैं। BHMS की डिग्री प्राप्त करने के बाद आप होम्योपैथिक डॉक्टर बन सकते हैं और क्लिनिकल प्रैक्टिस, रिसर्च या टीचिंग में करियर बना सकते हैं। इसमें प्रवेश के लिए NEET जरूरी है लेकिन इसकी रैंक अपेक्षाकृत कम रहती है।
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BPT: फिजियोथेरेपी का बढ़ता क्षेत्र
Bachelor of Physiotherapy (BPT) मेडिकल साइंस का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है, खासकर खेल, एक्सीडेंट रिहैबिलिटेशन और ओर्थोपेडिक उपचार में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। इसमें NEET अनिवार्य नहीं है लेकिन कुछ कॉलेज NEET स्कोर के आधार पर दाखिला देते हैं। BPT कोर्स 4.5 साल का होता है जिसमें इंटर्नशिप शामिल होती है। इसमें आप सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों, खेल संस्थानों और रिहैबिलिटेशन सेंटर्स में काम कर सकते हैं।
B.Sc. नर्सिंग: सेवा और प्रोफेशन दोनों
यदि आप मरीजों की सेवा में रुचि रखते हैं तो B.Sc. Nursing एक आदर्श विकल्प हो सकता है। यह कोर्स 4 साल का होता है और कई सरकारी मेडिकल कॉलेजों में NEET स्कोर के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। इसके बाद छात्रा सरकारी अस्पतालों, प्राइवेट क्लिनिक्स या अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों में नौकरी पा सकती हैं। इस फील्ड में रोजगार की संभावनाएं बहुत मजबूत हैं।
BMLT: मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी में करियर
Bachelor’s in medical laboratory technology (BMLT) उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जिन्हें क्लीनिकल डायग्नोस्टिक फील्ड में रुचि है। इसमें ब्लड टेस्ट, माइक्रोबायोलॉजी, पैथोलॉजी और क्लीनिकल लैब संबंधी ज्ञान सिखाया जाता है। NEET की अनिवार्यता कॉलेज पर निर्भर करती है। इस कोर्स के बाद सरकारी लैब, प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर्स और हॉस्पिटल्स में रोजगार के कई अवसर हैं।
मेडिकल साइंस में Allied Health Courses की मांग
NEET में कम रैंक लाने वाले छात्रों के लिए Allied Health Sciences भी एक आकर्षक क्षेत्र बनकर उभरा है। इनमें Radiology, Anaesthesia Technology, Operation Theatre Technology, Optometry, Dialysis Technology जैसे कोर्स शामिल हैं। इनकी पढ़ाई 3 से 4 साल की होती है और कई प्राइवेट तथा सरकारी संस्थान इनकी पढ़ाई कराते हैं। रोजगार की दृष्टि से ये कोर्सेज काफी लाभकारी साबित हो रहे हैं।
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हेल्थकेयर मैनेजमेंट: मेडिकल प्लस मैनेजमेंट
अगर आपकी रुचि मैनेजमेंट और हेल्थ सेक्टर दोनों में है तो Healthcare Management या Hospital Administration का कोर्स किया जा सकता है। इसमें मेडिकल क्षेत्र की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक गतिविधियों को मैनेज करना सिखाया जाता है। इसके लिए NEET जरूरी नहीं होता। यह कोर्स MBA या BBA स्तर पर किया जा सकता है और इसमें करियर की काफी संभावनाएं हैं।