हाल ही में मिनिमम बैंलेंस (Minimum Balance) को लेकर बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव किए गए हैं। देश के कई सरकारी बैंकों ने इस नियम को पूरी तरह खत्म कर दिया है जबकि प्राइवेट बैंक अभी भी इस शर्त पर कायम हैं, और नियम का उल्लंघन करने पर पेनल्टी वसूल रहे हैं। खास तौर पर ICICI बैंक ने अपने मिनिमम एवरेज बैलेंस (MBA) की रक़म में कई गुना इजाफा किया है, जिससे यह चर्चा का विषय बन गया है।

क्या है मिनिमम एवरेज बैलेंस (MAB) और क्यों जरूरी है?
जब कोई ग्राहक बैंक में सेविंग अकाउंट (Saving Account) खोलता है, तो बैंक उससे एक तय राशि हर महीने खाते में औसतन बनाए रखने की शर्त रखता है। इसे मंथली अकाउंट बैलेंस (Monthly Account Balance – MAB) भी कहा जाता है। अगर ग्राहक इस औसत बैलेंस को पूरा नहीं कर पाता, तो बैंक पेनल्टी चार्ज करता है। यह राशि बैंक, अकाउंट टाइप और लोकेशन के आधार पर अलग-अलग हो सकती है।
ICICI बैंक के नए नियम
ICICI बैंक ने अपने मेट्रो और अर्बन क्षेत्रों के ग्राहकों के लिए मिनिमम एवरेज बैलेंस की राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है, जो सीधे पांच गुना बढ़ोतरी है। सेमी-अर्बन क्षेत्रों में यह रकम 5,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी गई है। वहीं, रूरल एरिया में अब 5,000 रुपये की जगह 10,000 रुपये का बैलेंस बनाए रखना जरूरी होगा। नियम का पालन न करने पर बैंक पेनल्टी वसूलेगा।
सरकारी बैंकों का रुख मिनिमम बैलेंस की शर्त खत्म
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने पहले ही पांच साल पहले इस नियम को समाप्त कर दिया था। इसके बाद केनरा बैंक, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) ने भी हाल ही में मिनिमम बैलेंस नियम को हटा दिया है।
केनरा बैंक ने जून 2025 में, इंडियन बैंक ने 7 जुलाई 2025 को, जबकि PNB और BOB ने 1 जुलाई 2025 को यह सुविधा दी। अब इन बैंकों के ग्राहकों को अपने खाते में बैलेंस बनाए रखने की बाध्यता नहीं है। हालांकि बैंक ऑफ बड़ौदा ने यह स्पष्ट किया है कि यह सुविधा केवल नॉर्मल सेविंग अकाउंट्स पर लागू होगी, प्रीमियम अकाउंट धारकों के लिए अभी भी एक तय राशि रखना जरूरी है।
प्राइवेट बैंकों की पॉलिसी अभी भी लागू है MAB
HDFC बैंक में अर्बन एरिया के ग्राहकों को 10,000 रुपये का एवरेज मंथली बैलेंस रखना जरूरी है। सेमी-अर्बन शाखाओं के लिए यह राशि 5,000 रुपये और रूरल एरिया के लिए 2,500 रुपये तय है। पेनल्टी की बात करें तो अर्बन एरिया में 600 रुपये तक और सेमी-अर्बन व रूरल एरिया में 300 रुपये तक का चार्ज लगाया जाता है।
एक्सिस बैंक में सेमी-अर्बन और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 10,000 रुपये का एवरेज मंथली बैलेंस जरूरी है। अगर बैलेंस कम रहता है, तो उस पर 6% की दर से पेनल्टी लगाई जाती है, हालांकि पेनल्टी की अधिकतम सीमा 600 रुपये रखी गई है।
क्यों हो रहा है बदलाव?
विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकारी बैंकों द्वारा मिनिमम बैलेंस की शर्त खत्म करने का मकसद ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना है, खासकर ग्रामीण और निम्न-आय वर्ग के लोगों को। वहीं, प्राइवेट बैंक इस नियम को बनाए रखने के पीछे अपने परिचालन खर्च और बैलेंस शीट के प्रबंधन को वजह मानते हैं।
ग्राहकों पर असर
सरकारी बैंकों में यह बदलाव आम ग्राहकों के लिए राहत की खबर है, क्योंकि अब उन्हें अनावश्यक पेनल्टी से बचत होगी। वहीं, ICICI बैंक के नए नियम शहरी और मेट्रो ग्राहकों के लिए भारी पड़ सकते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो खाते में इतना बड़ा बैलेंस नहीं रख पाते।