
आयकर अधिनियम-1961 (Income Tax Act-1961) के तहत बैंक, कंपनियां, नियोक्ता और अन्य संस्थान करदाता की आय पर टीडीएस (TDS) काटते हैं। हालांकि, कई बार करदाता की कुल कर देनदारी उतनी नहीं होती जितना टीडीएस काट लिया जाता है। ऐसे में करदाता के लिए अपनी आय पर अनावश्यक कर कटौती से बचने के लिए फॉर्म-13 (Form-13) भरना एक बेहतरीन उपाय हो सकता है।
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क्या है फॉर्म-13?
फॉर्म-13 आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा जारी किया गया एक ऐसा प्रपत्र है जो किसी व्यक्ति, व्यवसाय या संस्था को ज्यादा टीडीएस कटौती से बचने के लिए भरना होता है। इसे फाइल करने पर आयकर अधिकारी धारा 197 (Section 197) के तहत एक प्रमाण पत्र जारी कर सकते हैं, जिससे व्यक्ति को कम टीडीएस कटने या बिल्कुल न कटने की सुविधा मिलती है।
किन परिस्थितियों में भर सकते हैं फॉर्म-13?
फॉर्म-13 उन करदाताओं के लिए उपयोगी होता है:
- जिनकी कुल कर देनदारी बहुत कम है या बिल्कुल नहीं है।
- जिनकी आय पर बैंक या अन्य संस्थान अधिक दर पर टीडीएस काट रहे हैं।
- जिनका टीडीएस रिफंड के रूप में वापस आने की संभावना है और वे रिफंड प्रक्रिया में लगने वाले समय से बचना चाहते हैं।
- जिनकी आय के स्रोत अलग-अलग हैं और उन पर अलग-अलग दर से टीडीएस काटा जा रहा है।
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फॉर्म-13 भरने की प्रक्रिया
फॉर्म-13 भरने की प्रक्रिया को निम्नलिखित चरणों में पूरा किया जा सकता है:
- आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- TRACES पोर्टल पर लॉगिन करें।
- “Request for Form-13” के विकल्प को चुनें।
- आवश्यक विवरण जैसे पैन कार्ड (PAN Card), अनुमानित आय, पिछली आयकर रिटर्न की जानकारी भरें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म को जमा करने के बाद आपको एक संदर्भ संख्या प्राप्त होगी जिससे आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।
- आयकर अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद, आपको कम टीडीएस कटौती (Lower Deduction) या न काटने (Nil Deduction) का प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।
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किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी?
फॉर्म-13 जमा करने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
- पिछले 3 साल के आयकर रिटर्न की कॉपी
- अनुमानित आय का विवरण
- पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी
- बैंक स्टेटमेंट
- संबंधित संस्थानों से प्राप्त टीडीएस कटौती का प्रमाण
फॉर्म-13 से मिलने वाले फायदे
- कैश फ्लो बेहतर होता है: अनावश्यक टीडीएस कटने से मिलने वाले रिफंड के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।
- नकद बचत में वृद्धि: अगर आपकी कर देनदारी कम है तो अधिक टीडीएस कटने से बचा जा सकता है।
- कम टैक्स कंप्लायंस बोझ: रिफंड क्लेम करने की प्रक्रिया जटिल होती है, जिससे बचा जा सकता है।
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फॉर्म-13 से जुड़े महत्वपूर्ण नियम
- यह फॉर्म केवल उन मामलों में लागू होता है जहां करदाता का वास्तविक टैक्स लायबिलिटी कम हो।
- प्रमाण पत्र जारी करने के बाद भी यदि करदाता की आय में परिवर्तन होता है तो इसे आयकर विभाग को सूचित करना आवश्यक है।
- फॉर्म-13 की वैधता आमतौर पर वित्तीय वर्ष के अंत तक होती है, इसके बाद नया आवेदन करना होता है।