मॉनसून ने लिया विकराल रूप! 11 से 14 जुलाई तक इन राज्यों में होगी भारी बारिश, हाई अलर्ट जारी

भारत में इस बार मानसून ने तबाही मचाने की पूरी तैयारी कर ली है। 11 से 14 जुलाई के बीच कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ और जलभराव की स्थिति बन सकती है। जानिए, कहां-कहां हाई अलर्ट जारी है और कैसे आप इस प्राकृतिक आपदा से बच सकते हैं!

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Written byRohit Kumar

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मॉनसून ने लिया विकराल रूप! 11 से 14 जुलाई तक इन राज्यों में होगी भारी बारिश, हाई अलर्ट जारी
मॉनसून ने लिया विकराल रूप! 11 से 14 जुलाई तक इन राज्यों में होगी भारी बारिश, हाई अलर्ट जारी

भारत में इस बार मानसून ने अपनी उपस्थिति जिस तेजी से दर्ज की है, उसने कई राज्यों में तबाही मचाई है। वहीं, कुछ हिस्सों में मानसून की दस्तक देर से हुई है। अब मौसम विभाग (IMD) ने आगामी 11 से 14 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। अगर आप इन क्षेत्रों में रहते हैं, तो आपको इस अवधि में बाढ़, जलभराव, और सड़क दुर्घटनाओं जैसी गंभीर समस्याओं का सामना हो सकता है। IMD का अनुमान है कि इस दौरान विशेष रूप से पूर्वी, मध्य और पश्चिमी भारत में बारिश का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलेगा, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है। आइए जानते हैं, कहां किस प्रकार की परिस्थितियां बन सकती हैं, और किन सावधानियों के साथ आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और गुजरात में भारी बारिश से अलर्ट

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 11 जुलाई को मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और गुजरात के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान है। इससे न केवल जलभराव की स्थिति पैदा हो सकती है, बल्कि बाढ़ और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ सकता है। 12 जुलाई को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश के कारण यह अलर्ट जारी रहेगा। ओडिशा में 13 और 14 जुलाई तक बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे इस क्षेत्र में जनजीवन प्रभावित हो सकता है। यह बारिश इन क्षेत्रों में स्थिति को और विकराल बना सकती है।

उत्तर-पश्चिम भारत में भारी बारिश की संभावना

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उत्तर-पश्चिम भारत के लिए भी मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। 11 से 14 जुलाई के बीच हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भारी बारिश का अनुमान है। इन क्षेत्रों में विशेष रूप से नदी-नालों के उफान पर आने और भूस्खलन जैसी घटनाओं के होने की संभावना है। जलभराव और बाढ़ जैसी घटनाओं से इन राज्यों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

पश्चिम भारत में कोंकण, गोवा और गुजरात में बारिश का खतरा

पश्चिम भारत के कोंकण, गोवा और गुजरात में भी 14 जुलाई तक भारी बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में समुद्र की लहरों के बढ़ने और समुद्र तटों पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका है। कोंकण और गोवा के तटीय इलाकों में समुद्र का जल स्तर ऊंचा हो सकता है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है। इन क्षेत्रों में समुद्र के किनारे रहने वालों को खासतौर पर सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़ का खतरा

पूर्वोत्तर भारत में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में 14 जुलाई तक बारिश हो सकती है। इन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिससे सड़क यातायात प्रभावित हो सकता है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और नदियों का उफान बढ़ने की संभावना है। इन राज्यों में रहने वाले नागरिकों को भी सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

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दक्षिण भारत में कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में बारिश का खतरा

दक्षिण भारत के कर्नाटक, केरल और तेलंगाना में भी 9 से 14 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान है। इन राज्यों में मूसलधार बारिश के कारण जलभराव, सड़कें बंद होने और फसलों के नुकसान का खतरा हो सकता है। कर्नाटक और केरल के तटीय क्षेत्रों में समुद्र की लहरें भी बढ़ने की संभावना है, जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इन क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को नदियों और समुद्र तटों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

ऐसा क्या करें ताकि बच सकें इस प्राकृतिक आपदा से?

मॉनसून की इस विकराल स्थिति को देखते हुए, प्रभावित राज्यों को पहले से तैयारियां करनी चाहिए। मौसम विभाग द्वारा जारी किए गए अलर्ट को गंभीरता से लें और किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें। स्थानीय प्रशासन को राहत कार्यों के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए। इसके साथ ही, नागरिकों को नदियों के किनारे, समुद्र तटों या पहाड़ी इलाकों में जाने से बचना चाहिए। खासकर समुद्र तटों पर रहने वालों को सावधान रहने की सलाह दी जा रही है।

सरकार ने भी बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है और राहत सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की है। यदि आप इन क्षेत्रों में रहते हैं, तो अधिकारियों के निर्देशों का पालन करें और संभावित संकट से निपटने के लिए तैयार रहें।

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