
भारत सरकार ने नए इनकम टैक्स बिल में बड़ा बदलाव करते हुए असेसमेंट ईयर (Assessment Year) और प्रीवियस ईयर (Previous Year) की अवधारणा को समाप्त कर दिया है। अब, केवल टैक्स ईयर (Tax Year) रहेगा, जो उस फाइनेंशियल ईयर के लिए इस्तेमाल होगा, जिसके लिए टैक्स भरा जा रहा है। नए नियम के तहत, टैक्स ईयर हर साल 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त होगा।
सरकारी कर्मचारियों के लिए एंटरटेनमेंट अलाउंस डिडक्शन समाप्त
1 अप्रैल 2026 से लागू होने वाले नए इनकम टैक्स बिल में, सरकारी कर्मचारियों के लिए एंटरटेनमेंट अलाउंस (Entertainment Allowance) पर मिलने वाली डिडक्शन (Deduction) की सुविधा समाप्त कर दी गई है। अभी तक, यह सुविधा सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को मिलती थी, जिसमें निम्नलिखित में से सबसे कम राशि कर-मुक्त होती थी:
- बैसिक सैलरी का 1/5 हिस्सा
- ₹5000 तक की राशि
- जितना एंटरटेनमेंट अलाउंस प्राप्त हुआ हो
अब नए बिल के तहत यह डिडक्शन पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है, जिससे सरकारी कर्मचारियों की टैक्स देनदारी बढ़ सकती है।
गिफ्ट टैक्स को लेकर सफाई
नए इनकम टैक्स बिल में गिफ्ट टैक्स (Gift Tax) को लेकर भी स्थिति स्पष्ट की गई है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56(2)(x) के अनुसार, यदि किसी करदाता को उसके परिवार के सदस्य (Parents, Spouse, Siblings) से गिफ्ट प्राप्त होता है, तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। हालांकि, यदि गिफ्ट किसी अन्य व्यक्ति से प्राप्त होता है, तो उस पर टैक्स देना अनिवार्य होगा। इस नियम से करदाताओं को गिफ्ट के स्रोत को लेकर अधिक स्पष्टता मिलेगी।
धारा 276CCC के तहत गैर-संज्ञेय अपराध और कड़ी पेनाल्टी
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 276CCC के अंतर्गत इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल न करने के मामलों में सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। अब इसे एक गैर-संज्ञेय (Non-Cognizable) अपराध माना जाएगा, जिसे केवल प्राधिकृत अधिकारी की अनुमति से ही आगे बढ़ाया जा सकेगा। यदि कोई व्यक्ति इस अपराध में दोबारा दोषी पाया जाता है, तो उसे 6 महीने से 7 साल तक की जेल और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को अतिरिक्त अधिकार
CBDT (Central Board of Direct Taxes) को नए इनकम टैक्स विधेयक के तहत अधिक शक्तियां प्रदान की गई हैं। अब CBDT तय करेगा कि किन परिस्थितियों में ITR फाइल करना अनिवार्य होगा। पहले यह नियम था कि यदि कोई व्यक्ति:
- विदेश यात्रा करता है,
- उसका व्यवसाय एक निर्धारित टर्नओवर सीमा पार करता है,
- उसकी ग्रॉस रिसीप्ट (Gross Receipt) एक निश्चित सीमा से अधिक होती है,
तो भले ही उसकी सालाना आमदनी न्यूनतम टैक्स छूट सीमा से कम हो, उसे ITR फाइल करना होता था। लेकिन अब यह अधिकार पूरी तरह से CBDT के पास रहेगा। साथ ही, CBDT अब करदाता की क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन्स, अधिक खर्च और बिजनेस प्लेस से संबंधित जानकारी भी मांग सकता है।