
नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में आयकर विधेयक, 2025 पेश किया और अध्यक्ष ओम बिड़ला से इसे सदन की एक चयन समिति को भेजने का आग्रह किया। यह विधेयक संपत्ति से होने वाली आय की गणना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान करता है।
संपत्ति से आय की गणना के नए दिशा-निर्देश
विधेयक के अनुसार, स्व-अधिकृत (Self-Occupied) संपत्तियों के लिए वार्षिक मूल्य शून्य माना जाएगा, जिससे करदाताओं को राहत मिलेगी। वर्तमान में, केवल एक स्व-अधिकृत संपत्ति के लिए यह लाभ उपलब्ध था, लेकिन नए प्रावधान के तहत दो स्व-अधिकृत संपत्तियों के लिए वार्षिक मूल्य शून्य माना जाएगा।
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‘कर वर्ष’ की नई अवधारणा
विधेयक में ‘कर वर्ष’ (Tax Year) की नई अवधारणा पेश की गई है, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाली 12 महीने की अवधि होगी। यह वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले ‘आकलन वर्ष’ (Assessment Year) और ‘पिछला वर्ष’ (Previous Year) जैसी शब्दावली को बदल देगी, जिससे कर कानूनों को सरल और समझने में आसान बनाया जा सके।
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एनआरआई पर प्रभाव
नए आयकर विधेयक का उद्देश्य कर कानूनों को सरल, पारदर्शी और समझने में आसान बनाना है, जिससे प्रवासी भारतीयों (NRIs) के लिए भी कर अनुपालन आसान होगा। हालांकि, एनआरआई के लिए विशिष्ट प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी विधेयक के पूर्ण पाठ के अध्ययन के बाद ही स्पष्ट होगी।
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65 वर्षों में पहली बार बड़ा बदलाव
यह विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम को प्रतिस्थापित करेगा, जो 65 वर्षों में आयकर कानून में सबसे बड़ा बदलाव होगा। नए विधेयक में 536 धाराएं हैं, जो वर्तमान अधिनियम की 298 धाराओं से अधिक हैं, जिससे कर कानूनों को अधिक व्यापक और समकालीन बनाने का प्रयास किया गया है।
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रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रतिक्रिया
सरकार द्वारा आयकर दरों में कटौती और अन्य कर राहत उपायों की घोषणा के बाद, भारतीय रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों में वृद्धि देखी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि ये उपाय मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति को बढ़ाएंगे, जिससे आवासीय रियल एस्टेट में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इसके अतिरिक्त, दो स्व-अधिकृत संपत्तियों के वार्षिक मूल्य को शून्य मानने का प्रावधान विशेष रूप से टियर 2 और 3 शहरों में रियल एस्टेट निवेश को प्रोत्साहित करेगा।