
फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) भारतीय निवेशकों के बीच सबसे सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश विकल्पों में से एक है। हालांकि, एफडी से मिलने वाली ब्याज आय (Interest Income) पर इनकम टैक्स (Income Tax on FD) लगता है, जिससे निवेशकों को अतिरिक्त कर भुगतान की चिंता सताती थी। अब सरकार ने छोटे और मध्यम वर्गीय निवेशकों को राहत देते हुए एक नया नियम लागू किया है। इस नियम के तहत, अगर आपकी एफडी ₹50 लाख तक की है और आपकी कुल सालाना आय ₹4 लाख से कम है, तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। यह बदलाव आम नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है।
कैसे लगता है फिक्स्ड डिपॉज़िट पर टैक्स?
फिक्स्ड डिपॉजिट से मिलने वाले ब्याज को ‘Other Income’ की श्रेणी में रखा जाता है और इसे आपकी कुल आय में जोड़कर करयोग्य (Taxable) बनाया जाता है। यदि आपकी सालाना आय आयकर स्लैब (Income Tax Slab) में आती है, तो एफडी के ब्याज पर भी टैक्स देना होता है।
₹50 लाख तक की एफडी पर नई टैक्स छूट!
सरकार के इस नए नियम के मुताबिक, अगर आपकी कुल वार्षिक आय ₹4 लाख से कम है और आपकी पूरी बचत ₹50 लाख तक की एफडी में जमा है, तो आपको उस पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
इसका मतलब है कि अगर आपकी आमदनी का एकमात्र स्रोत एफडी का ब्याज है और वह ₹4 लाख से कम है, तो न केवल आपको टैक्स से छूट मिलेगी, बल्कि इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की जरूरत भी नहीं होगी।
कैसे बच सकते हैं FD के टैक्स से?
अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स से बचना चाहते हैं, तो निम्नलिखित उपाय आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं: जैसे सरकार की नई कर व्यवस्था के तहत, ₹4 लाख तक की ब्याज आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इसके आलावा अगर आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, तो बैंक में Form 15G (60 वर्ष से कम उम्र के लिए) या Form 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) जमा करें। इससे बैंक द्वारा टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) नहीं काटा जाएगा। साथ ही यदि आपकी एफडी का ब्याज ₹50,000 (सामान्य नागरिकों के लिए) या ₹1,00,000 (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) से ज्यादा हो रहा है, तो इसे अलग-अलग बैंकों में विभाजित करें ताकि टीडीएस (TDS) की कटौती से बचा जा सके। परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर एफडी खोलकर ब्याज की राशि को विभाजित किया जा सकता है, जिससे टैक्स बोझ कम होगा।
फिक्स्ड डिपॉज़िट पर TDS से कैसे बचें?
बैंक एफडी के ब्याज पर टीडीएस (TDS) काट सकते हैं, लेकिन आप निम्नलिखित उपाय अपनाकर इससे बच सकते हैं:
- फॉर्म 15G/15H सबमिट करें: अगर आपकी सालाना ब्याज आय ₹50,000 (सामान्य नागरिक) और ₹1,00,000 (वरिष्ठ नागरिक) से कम है, तो टीडीएस से बचने के लिए यह फॉर्म जरूर जमा करें।
- पैन कार्ड अपडेट करें: बैंक में अपना पैन (PAN) अपडेट रखें, जिससे टीडीएस की दर केवल 10% होगी, वरना यह 20% तक जा सकती है।
- अलग-अलग बैंकों में FD करें: किसी एक बैंक में ब्याज की सीमा ज्यादा न होने दें ताकि एक ही खाते पर ज्यादा टीडीएस न कटे।
कौन से बैंक एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज दे रहे हैं?
अगर आप एफडी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कौन से बैंक सबसे अधिक ब्याज दर (FD Interest Rate) दे रहे हैं। मौजूदा समय में विभिन्न बैंकों की ब्याज दरें इस प्रकार हैं:
- एसबीआई (SBI) – सामान्य नागरिक: 7.00%, वरिष्ठ नागरिक: 7.50%
- एचडीएफसी बैंक (HDFC) – सामान्य नागरिक: 7.25%, वरिष्ठ नागरिक: 7.75%
- आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) – सामान्य नागरिक: 7.20%, वरिष्ठ नागरिक: 7.70%
- एक्सिस बैंक (Axis) – सामान्य नागरिक: 7.30%, वरिष्ठ नागरिक: 7.80%
- पीएनबी (PNB) – सामान्य नागरिक: 7.40%, वरिष्ठ नागरिक: 7.90%
क्या फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना फायदेमंद रहेगा?
अगर आप सुरक्षित और स्थिर रिटर्न (Stable Returns) चाहते हैं, तो फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) एक बेहतरीन निवेश विकल्प है। सरकार द्वारा Income Tax on FD पर दी गई नई छूट निवेशकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है।
अगर आपकी आय का मुख्य स्रोत एफडी का ब्याज है और वह ₹4 लाख से कम है, तो आपको न केवल टैक्स से राहत मिलेगी, बल्कि टीडीएस से बचने के भी कई तरीके हैं।
अगर आप ज्यादा ब्याज दर वाली एफडी में निवेश करना चाहते हैं, तो उपरोक्त बैंकों के विकल्पों पर विचार करें और अपनी वित्तीय योजना को मजबूत बनाएं।
₹50 लाख तक की फिक्स्ड डिपॉज़िट पर नहीं लगेगा कोई टैक्स! निवेशकों के लिए सुनहरा मौका!
सरकार ने Income Tax on FD को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अब ₹50 लाख तक की एफडी करने वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा, अगर उनकी कुल सालाना आय ₹4 लाख से कम है। यह फैसला छोटे और मध्यम वर्गीय निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत है। जानिए, कैसे आप फिक्स्ड डिपॉजिट पर टैक्स बचा सकते हैं, किस बैंक में सबसे ज्यादा ब्याज मिल रहा है और इस स्कीम का अधिकतम फायदा कैसे उठाया जाए?