
भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (LoC) एक बार फिर वैश्विक सुर्खियों में आ गई है। 9 मार्च 2025 को अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने नागरिकों के लिए एक नई यात्रा एडवाइजरी जारी की। इस एडवाइजरी में अमेरिकी नागरिकों को LoC के आसपास के क्षेत्रों में यात्रा न करने की सलाह दी गई है। साथ ही, पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की यात्रा से बचने की हिदायत दी गई है। इस एडवाइजरी का मुख्य कारण इन क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों और सशस्त्र संघर्ष की संभावना बताया गया है।
यह भी देखें: AIIMS Gorakhpur Fees: यूपी का सबसे सस्ता मेडिकल कॉलेज, बिना लोन लिए करें MBBS – जानें एडमिशन प्रक्रिया
भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (LoC) पर सुरक्षा स्थिति अत्यधिक संवेदनशील बनी हुई है। अमेरिकी विदेश विभाग की यात्रा एडवाइजरी बताती है कि अमेरिका भी इस क्षेत्र की स्थिति को गंभीरता से देख रहा है। भारत सरकार PoK को लेकर अपने रुख पर कायम है और भारतीय सेना LoC पर पूरी तरह सतर्क है।
LoC पर सुरक्षा स्थिति क्यों चिंताजनक है?
भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (LoC) दशकों से संघर्ष और तनाव का केंद्र बनी हुई है। इस क्षेत्र में दोनों देशों की सेनाएं भारी तैनाती के साथ मौजूद हैं। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपनी एडवाइजरी में उल्लेख किया है कि LoC के आसपास लगातार सशस्त्र संघर्ष का खतरा बना रहता है। इसके अलावा, यहां सीमा पार से घुसपैठ और आतंकवादी गतिविधियां भी चिंता का विषय बनी हुई हैं।
यह भी देखें: Tech Tips: WhatsApp पर बिना नंबर सेव किए कॉल कैसे करें? 99% लोगों को नहीं पता ये आसान ट्रिक!
पाकिस्तान के अस्थिर प्रांतों में बढ़ी हिंसा
अमेरिकी एडवाइजरी में पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। इन क्षेत्रों में हाल के वर्षों में आतंकवादी हमलों और सशस्त्र संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं। पाकिस्तान के इन हिस्सों में चरमपंथी संगठनों की सक्रियता लगातार बढ़ रही है, जिससे सुरक्षा स्थिति अत्यधिक अस्थिर बनी हुई है।
अमेरिका ने क्यों जारी की यह एडवाइजरी?
अमेरिकी नागरिकों को विशेष रूप से सावधान करने के पीछे कई कारण हैं:
- आतंकवादी हमलों का बढ़ता खतरा – बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में हालिया हमलों की घटनाओं के बाद सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
- LoC पर सैन्य संघर्ष की संभावना – भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हमेशा तनाव बना रहता है।
- अस्थिर राजनीतिक स्थिति – पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और कट्टरपंथी संगठनों की बढ़ती गतिविधियां चिंता का विषय हैं।
यह भी देखें: CUET PG Admit Card: CUET PG एडमिट कार्ड जारी, 13 मार्च से होगी परीक्षा – exams.nta.ac.in से करें डाउनलोड!
भारत की प्रतिक्रिया: PoK पर फिर उठा मुद्दा
अमेरिकी एडवाइजरी के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान भी सुर्खियों में है। 8 मार्च 2025 को उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के लोग स्वयं भारत के साथ विलय की मांग करेंगे और पाकिस्तान को इसे स्वीकार करना पड़ेगा। उनका यह बयान दर्शाता है कि भारत सरकार PoK को लेकर अपने रुख पर अडिग है।
LoC और AFSPA को लेकर क्या कहा गृह मंत्री ने?
गृह मंत्री अमित शाह ने 27 मार्च 2024 को कहा था कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को हटाने की संभावना पर विचार कर रही है। यह बयान भले ही सीधे LoC से जुड़ा न हो, लेकिन यह दर्शाता है कि सरकार कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति को सामान्य करने के प्रयास कर रही है।
यह भी देखें: मसूर दाल के आयात पर 10% टैक्स! सरकार ने क्यों लिया यह बड़ा फैसला? Agriculture Infrastructure and Development Cess
सेना प्रमुख का LoC पर सतर्कता का संदेश
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 14 अगस्त 2024 को LoC पर स्थिति की समीक्षा की थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में हुई इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा की गई। हालांकि, सेना ने आधिकारिक तौर पर कोई विशिष्ट बयान जारी नहीं किया, लेकिन भारतीय सेना उच्च सतर्कता पर बनी हुई है।
क्या LoC पर तनाव का मतलब युद्ध की आशंका है?
LoC पर तनाव कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल ही में बढ़ी गतिविधियों ने इसे और गंभीर बना दिया है। हालांकि, इस समय किसी बड़े सैन्य संघर्ष की संभावना नहीं जताई गई है। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में तनाव और बढ़ सकता है, खासकर PoK को लेकर भारतीय नेताओं के हालिया बयानों के बाद।