
भारत में नागरिकता को लेकर एक बार फिर बहस तेज हो गई है, खासतौर पर उस घटना के बाद जिसमें पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए हैं। इसके साथ ही अवैध रूप से देश में रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान और उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। ऐसे में यह सवाल आम नागरिकों के बीच बार-बार उठ रहा है कि आखिर भारतीय नागरिकता का असली प्रमाण क्या है? आधार कार्ड (Aadhaar Card), पैन कार्ड (PAN Card), राशन कार्ड, वोटर आईडी (Voter ID) और पासपोर्ट (Passport) जैसे दस्तावेजों के बावजूद, किस दस्तावेज़ को सरकार भारतीय नागरिकता का वास्तविक सबूत मानती है?
पहचान के दस्तावेज और नागरिकता के बीच फर्क
भारत सरकार द्वारा कई तरह के पहचान-पत्र जारी किए जाते हैं, जिनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी और पासपोर्ट प्रमुख हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि ये सभी दस्तावेज किसी व्यक्ति की नागरिकता को प्रमाणित करें। इनमें से कई दस्तावेज केवल पहचान, निवास या आय के प्रमाण होते हैं, न कि नागरिकता के।
भारतीय नागरिकता का निर्धारण भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955 (Indian Citizenship Act, 1955) के तहत होता है। इस कानून के अंतर्गत जन्म, वंशानुक्रम, पंजीकरण, प्राकृतिककरण और भारत में अधिवास के आधार पर नागरिकता दी जाती है। भारत दोहरी नागरिकता को मान्यता नहीं देता, यानी अगर कोई भारतीय नागरिक किसी अन्य देश की नागरिकता लेता है, तो उसे भारतीय नागरिकता का त्याग करना होता है।
आधार कार्ड (Aadhaar Card): सिर्फ पहचान, नहीं नागरिकता
आधार कार्ड देश का सबसे व्यापक पहचान-पत्र है, जिसे UIDAI यानी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा जारी किया जाता है। हालांकि, UIDAI ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड भारतीय नागरिकता का प्रमाण नहीं है। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह भारतीय नागरिक हो या विदेशी निवासी, अगर वह भारत में वैध रूप से रह रहा है तो आधार के लिए आवेदन कर सकता है। इसलिए, इसे नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता।
पैन कार्ड (PAN Card): टैक्स का साधन, नागरिकता नहीं
पैन कार्ड आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य वित्तीय लेनदेन और टैक्स की निगरानी है। यह दस्तावेज़ किसी व्यक्ति की वित्तीय पहचान का प्रमाण होता है लेकिन यह भी नागरिकता का सबूत नहीं है। कई विदेशी नागरिक जो भारत में व्यवसाय या निवेश करते हैं, उन्हें भी पैन कार्ड जारी किया जा सकता है। अतः यह कार्ड नागरिकता निर्धारित नहीं करता।
राशन कार्ड: आर्थिक स्थिति का संकेत, नहीं नागरिकता का
राशन कार्ड राज्य सरकारों द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत खाद्यान्न वितरण के लिए जारी किया जाता है। यह परिवार की पहचान और आर्थिक स्थिति का संकेत देता है, लेकिन यह नागरिकता प्रमाणित नहीं करता। कई बार प्रवासी मजदूरों या अस्थायी निवासियों को भी यह दस्तावेज मिल जाता है, इसलिए इसे नागरिकता का प्रमाण नहीं माना जा सकता।
वोटर आईडी (Voter ID): नागरिकता का संकेतक, लेकिन अधूरा
वोटर आईडी कार्ड केवल भारतीय नागरिकों को ही जारी किया जाता है, क्योंकि भारत में केवल नागरिकों को ही मतदान का अधिकार है। यह निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया जाता है और भारतीय नागरिकता का मजबूत संकेत देता है। लेकिन, इसमें जन्म स्थान या राष्ट्रीयता का स्पष्ट उल्लेख नहीं होता, इसलिए अकेले इसे नागरिकता का पूर्ण प्रमाण नहीं माना जा सकता।
पासपोर्ट (Passport): भारत की नागरिकता का सबसे सशक्त प्रमाण
अगर किसी एक दस्तावेज को भारतीय नागरिकता का सबसे प्रामाणिक प्रमाण माना जाए तो वह पासपोर्ट है। यह विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया जाता है और केवल उन्हीं व्यक्तियों को मिलता है जो भारतीय नागरिक हों। पासपोर्ट के लिए आवेदन करते समय व्यक्ति को अपनी नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज जमा करने होते हैं, जैसे जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता की नागरिकता का प्रमाण या अन्य वैधानिक दस्तावेज। इसलिए पासपोर्ट ही एकमात्र ऐसा दस्तावेज है जो कानूनी रूप से भारतीय नागरिकता का पुख्ता प्रमाण है।
नागरिकता कानून: Indian Citizenship Act, 1955
भारत में नागरिकता से जुड़े सभी प्रावधान “भारतीय नागरिकता अधिनियम, 1955” के अंतर्गत आते हैं। इस कानून के तहत नागरिकता प्राप्त करने के विभिन्न तरीके निर्धारित हैं, जैसे भारत में जन्म लेना, भारतीय माता-पिता से जन्म होना, पंजीकरण के माध्यम से नागरिकता लेना, या भारत में लंबे समय तक निवास करने के बाद प्राकृतिक रूप से नागरिकता प्राप्त करना। यह अधिनियम यह भी स्पष्ट करता है कि कोई व्यक्ति विदेशी नागरिकता प्राप्त करने पर भारतीय नागरिक नहीं रह सकता।
नागरिकता साबित करने के लिए जरूरी है सही दस्तावेज़
भारत में नागरिकता साबित करने के लिए केवल पहचान-पत्रों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता। आधार, पैन, राशन कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज नागरिकता का संकेत जरूर देते हैं, लेकिन कानूनी रूप से पासपोर्ट ही एकमात्र ऐसा दस्तावेज है जो नागरिकता का प्रमाण है। किसी भी जांच या कानूनी प्रक्रिया में अगर नागरिकता साबित करनी हो तो पासपोर्ट या उससे संबंधित नागरिकता प्रमाण ही निर्णायक भूमिका निभाते हैं।