
हैदराबाद: इंडियन रेलवे (Indian Railway) से रोजाना लाखों लोग सफर करते हैं। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे कई कदम उठाता है, लेकिन कुछ यात्री रेलवे द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का दुरुपयोग भी करते हैं। खासकर एसी कोच (AC Coach) में सफर करने वाले कुछ यात्री ट्रेन में मिलने वाली चादर, तौलिया, तकिया और कंबल चोरी कर लेते हैं। यही कारण है कि रेलवे ने अब ऐसे यात्रियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
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रेलवे की संपत्ति को चुराने पर होगी सख्त कार्रवाई
रेलवे प्रशासन के अनुसार, ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्रियों को जो चादर, तकिया, तौलिया और कंबल दिया जाता है, वह रेलवे की संपत्ति होती है। इनका इस्तेमाल केवल यात्रा के दौरान ही किया जा सकता है और यात्रा पूरी होने के बाद इन्हें अटेंडेंट को वापस करना अनिवार्य होता है। लेकिन कई यात्री इन्हें चोरी कर अपने साथ ले जाते हैं, जिससे रेलवे को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
रेलवे संपत्ति अधिनियम, 1966 के तहत यदि कोई यात्री तकिया, चादर, तौलिया या कंबल चोरी करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
पकड़े जाने पर क्या होगा?
अगर कोई यात्री ट्रेन में मिलने वाली चादर, तकिया, तौलिया या कंबल चोरी करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
- पहली बार पकड़े जाने पर एक साल तक की जेल या 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- यदि मामला गंभीर पाया जाता है, तो आरोपी को 5 साल तक की जेल या भारी जुर्माना या दोनों भी हो सकते हैं।
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रेलवे को हो रहा भारी नुकसान
रेलवे को इस तरह की चोरी की घटनाओं से करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है। 2017-18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केवल पश्चिम रेलवे (Western Railway) से ही भारी संख्या में इन सामानों की चोरी हुई थी:
- 1.95 लाख तौलिए
- 81,736 बेडशीट
- 5,038 तकिए
- 55,573 तकिए के कवर
- 7,043 कंबल
यह आंकड़े इस ओर इशारा करते हैं कि बड़ी संख्या में यात्री रेलवे की संपत्ति को अपने घर ले जाते हैं, जिससे रेलवे को भारी आर्थिक नुकसान होता है।
रेलवे ने अपनाया कड़ा रुख
रेलवे ने अब इस समस्या को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कई ट्रेनों में सीसीटीवी (CCTV) कैमरे लगाए गए हैं और कोच अटेंडेंट को यात्रियों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे इस तरह की चोरी की घटनाओं में शामिल न हों, क्योंकि पकड़े जाने पर उन्हें कड़ी सजा भुगतनी पड़ सकती है।
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जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं
रेलवे प्रशासन यात्रियों को जागरूक करने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान चला रहा है। स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रियों को सूचित करने के लिए पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिसमें बताया जा रहा है कि रेलवे संपत्ति को चोरी करना कानूनी अपराध है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
यात्रियों से अपील
रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझें और यात्रा के दौरान मिलने वाली चादर, तकिया, कंबल आदि को वापस कर दें। इससे न केवल रेलवे को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकेगा, बल्कि सभी यात्रियों को स्वच्छ और अच्छी सुविधाएं भी मिलती रहेंगी।