ये है भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन! एयरपोर्ट जैसी लग्जरी सुविधाएं देख रह जाएंगे दंग

अब ट्रेन से सफर करना बनेगा एयरपोर्ट जैसी लग्जरी का अनुभव! भारत को मिला पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन, जहां वेटिंग लाउंज से लेकर वाई-फाई तक मिलेंगी शानदार सुविधाएं। जानिए इस स्टेशन की अनसुनी बातें और क्यों इसे भविष्य के रेलवे का मॉडल कहा जा रहा है

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Written byRohit Kumar

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ये है भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन! एयरपोर्ट जैसी लग्जरी सुविधाएं देख रह जाएंगे दंग
ये है भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन! एयरपोर्ट जैसी लग्जरी सुविधाएं देख रह जाएंगे दंग

भारत में रेलवे सेवाओं के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है। देश को मिला है अपना पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन, जो एयरपोर्ट जैसी लग्जरी सुविधाओं से लैस है। यात्रियों को अब ट्रेन के सफर में भी वही शानदार अनुभव मिलेगा, जैसा किसी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मिलता है। यह पहल भारतीय रेलवे और निजी कंपनियों के बीच साझेदारी का नतीजा है, जो भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का नया युग शुरू कर रही है।

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भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन देश में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ है। एयरपोर्ट जैसी सुविधाओं से लैस यह स्टेशन यात्रियों को एक बिल्कुल नया अनुभव प्रदान कर रहा है। भविष्य में इस मॉडल के तहत और भी स्टेशनों के विकास की उम्मीद की जा रही है, जिससे भारत का रेलवे नेटवर्क और अधिक आधुनिक और विश्वस्तरीय बन सकेगा।

कहां स्थित है भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन

भारत का पहला निजी रेलवे स्टेशन भोपाल, मध्य प्रदेश में स्थित है। इसे हबीबगंज रेलवे स्टेशन (Habibganj Railway Station) के नाम से जाना जाता था, जिसे अब रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamalapati Railway Station) के नाम से पुनः नामित किया गया है। इस स्टेशन का विकास एक प्राइवेट कंपनी, बीएल एंड जी ग्रुप (Bansal Group) ने किया है, जो रेलवे के साथ पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत संचालित किया गया है।

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एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी यात्रियों को

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलती हैं। स्टेशन पर एयरपोर्ट की तरह स्वचालित एस्केलेटर, शानदार वेटिंग लाउंज, फूड कोर्ट, रिटेल शॉप्स, वाई-फाई, अत्याधुनिक सिक्योरिटी सिस्टम, क्लीन वॉशरूम्स और प्रीमियम पार्किंग जैसी सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा स्टेशन को ग्रीन बिल्डिंग सर्टिफिकेट भी मिला है, क्योंकि इसमें रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) का विशेष ध्यान रखा गया है।

विकास में लगी कितनी लागत

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह निवेश बीएल एंड जी ग्रुप ने किया है। स्टेशन का डिजाइन और संरचना पूरी तरह से एयरपोर्ट मॉडल पर आधारित है। इसके निर्माण में पर्यावरण अनुकूल तकनीक और आधुनिक आर्किटेक्चर का विशेष ध्यान रखा गया है, जिससे यात्रियों को एक आरामदायक और सुरक्षित यात्रा अनुभव मिल सके।

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प्राइवेट रेलवे स्टेशन के फायदे

प्राइवेट रेलवे स्टेशन मॉडल के तहत भारतीय रेलवे को कई फायदे मिल रहे हैं। इससे रेलवे की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी, यात्रियों को प्रीमियम सुविधाएं मिलेंगी और रेलवे स्टेशनों का रखरखाव उच्च स्तर का होगा। साथ ही, इससे निजी क्षेत्र को भी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में भागीदारी का अवसर मिलेगा, जिससे देश में रोजगार और निवेश के नए रास्ते खुलेंगे।

भविष्य में और भी प्राइवेट रेलवे स्टेशन

रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की सफलता के बाद भारतीय रेलवे कई और स्टेशनों को भी प्राइवेट मॉडल पर विकसित करने की योजना बना रही है। आने वाले समय में देश के बड़े-बड़े स्टेशनों का पुनर्विकास इसी तर्ज पर किया जाएगा, जिससे यात्रियों को हर जगह उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिल सकें।

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रेलवे के निजीकरण की दिशा में बड़ा कदम

भारत सरकार रेलवे सेक्टर में सुधार और निवेश बढ़ाने के लिए निजीकरण की ओर तेजी से कदम बढ़ा रही है। स्टेशन पुनर्विकास योजना, प्राइवेट ट्रेनों का संचालन, और लॉजिस्टिक्स में निजी कंपनियों की भागीदारी जैसे कदम इस दिशा में उठाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ यात्रियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी, बल्कि रेलवे की आय में भी इजाफा होगा।

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