महंगाई से नहीं मिलेगी राहत! सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली तेल के दाम में जबरदस्त तेजी

Inflation कम होने की खबर से मिली राहत झूठी साबित हो रही है, क्योंकि खाद्य तेलों और सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। जानिए क्यों आपकी थाली से स्वाद और बजट दोनों गायब हो रहे हैं – और आगे क्या होगा इस महंगाई का हाल

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

महंगाई से नहीं मिलेगी राहत! सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली तेल के दाम में जबरदस्त तेजी
महंगाई से नहीं मिलेगी राहत! सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली तेल के दाम में जबरदस्त तेजी

देश में Inflation यानी महंगाई दर में भले ही गिरावट देखी जा रही हो, लेकिन आम जनता को अब भी राहत मिलती नहीं दिख रही है। खासतौर पर खाद्य तेलों (Edible Oils) की कीमतें लगातार ऊंचाई पर बनी हुई हैं, जिससे रसोई का बजट बिगड़ता जा रहा है। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट में सामने आया है कि सरसों तेल (Mustard Oil), सूरजमुखी तेल (Sunflower Oil) और मूंगफली तेल (Groundnut Oil) की कीमतों में लगातार तेजी दर्ज की गई है।

यह भी देखें: Chardham Yatra 2025: रजिस्ट्रेशन शुरू! इस बार बड़ा बदलाव – पहले जान लें नई गाइडलाइन वरना हो सकती है मुश्किल

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

इस ट्रेंड ने विशेषज्ञों और उपभोक्ताओं को चिंतित कर दिया है, क्योंकि खाद्य तेल देश के हर घर की आवश्यक वस्तु है। ऐसे में इनकी कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।

खाद्य तेलों की कीमतों में लगातार इज़ाफा

आरबीआई की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य तेलों के दामों में कोई खास नरमी नहीं देखी गई है, जबकि अन्य क्षेत्रों में महंगाई नियंत्रण में आई है। वैश्विक बाजार में कच्चे तेलों की कीमतों में उतार-चढ़ाव और घरेलू उत्पादन में कमी इस बढ़ोतरी के प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।

सरसों तेल की कीमत में सबसे अधिक उछाल देखा गया है, जिसके बाद सूरजमुखी और मूंगफली तेल भी तेजी से महंगे हो रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, आयात पर निर्भरता और फसलों की पैदावार में अनिश्चितता से यह स्थिति बनी हुई है।

यह भी देखें: Paytm-SBI का धमाकेदार ऑफर! सिर्फ ₹250 से शुरू करें JanNivesh SIP – बिना ब्रांच जाए मोबाइल से करें निवेश

जेब पर बढ़ता बोझ

खाद्य तेल की कीमतों में इजाफा सीधे तौर पर घर-घर के बजट पर असर डालता है। सरसों तेल, जो खासकर उत्तर भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, उसकी कीमतों में आई तेजी से मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।

साथ ही होटल और रेस्टोरेंट इंडस्ट्री में भी इसकी लागत बढ़ रही है, जिसका असर खाने-पीने की चीजों की कीमतों पर भी पड़ता है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक सरकार खाद्य तेलों की आपूर्ति और आयात नीति पर मजबूत नियंत्रण नहीं करती, तब तक कीमतों में राहत मिलना मुश्किल है।

सब्जियों में भी राहत नहीं

हालांकि कुछ समय पहले टमाटर की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन प्याज (Onion) अब भी ऊंचे दाम पर बना हुआ है। आलू और अन्य हरी सब्जियां भी स्थिर दरों पर बिक रही हैं, जिनमें कोई बड़ी राहत नहीं दिख रही।

टमाटर की कीमतें जरूर फिलहाल नियंत्रण में हैं, लेकिन यह राहत अस्थायी हो सकती है, क्योंकि आगामी गर्मियों में उत्पादन पर असर पड़ने की संभावना है। इसलिए आने वाले महीनों में सब्जियों की कीमतों में फिर से उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।

Also ReadIMD Weather Alert: दिल्ली-NCR में आज बारिश का येलो अलर्ट! इन राज्यों में होगी बर्फबारी

IMD Weather Alert: दिल्ली-NCR में आज बारिश का येलो अलर्ट! इन राज्यों में होगी बर्फबारी

यह भी देखें: हाईकोर्ट जज के घर में लगी आग! कमरे में मिला बेहिसाब कैश,CJI ने तुरंत लिया सख्त फैसला

औसत मूल्य सूचकांक में बढ़ोतरी

आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य पदार्थों की महंगाई भले ही कुछ हद तक कम हुई हो, लेकिन औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में खाद्य तेलों और सब्जियों की कीमतों के कारण फिर से बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

यह स्थिति दर्शाती है कि मौजूदा आर्थिक सुधारों और Inflation control measures के बावजूद आवश्यक वस्तुओं की महंगाई पर नियंत्रण पाना अभी भी एक बड़ी चुनौती है।

महंगाई के बीच सोना-चांदी और प्याज की चाल

एक दिलचस्प ट्रेंड यह भी देखने को मिला है कि जब महंगाई चरम पर होती है, तो सोना-चांदी (Gold-Silver) जैसी वस्तुएं निवेश का प्रमुख साधन बन जाती हैं। वहीं, इस बार प्याज ने भी अपनी कीमतों के चलते सुर्खियां बटोरी हैं।

जहां एक ओर टमाटर की कीमतों में गिरावट से राहत मिली, वहीं दूसरी ओर प्याज की कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं। यह परिदृश्य यह दर्शाता है कि खाद्य उत्पादों की कीमतें अब भी अस्थिर बनी हुई हैं।

यह भी देखें: IPL का मजा हुआ फीका! KKR vs RCB का ओपनिंग मैच हो सकता है रद्द, जानें चौंकाने वाली वजह

आगे क्या हो सकता है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार को खाद्य तेलों के आयात को लेकर रणनीतिक निर्णय लेने की आवश्यकता है। इसके अलावा रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देकर घरेलू उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है।

अगर सरकार समय रहते इन मुद्दों पर ठोस कदम नहीं उठाती, तो महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद कम ही नजर आती है। आने वाले महीनों में मानसून और वैश्विक बाजार की स्थिति भी इस दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

Also ReadHigh Court: क्या पत्नी के नाम खरीदी प्रोपर्टी मानी जाएगी बेनामी संपत्ति, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

High Court: क्या पत्नी के नाम खरीदी प्रोपर्टी मानी जाएगी बेनामी संपत्ति, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें