जब भी कोई कंपनी अपने शेयरों की सार्वजनिक पेशकश (IPO) लाती है, तो निवेशकों के मन में यह जानने की उत्सुकता होती है कि उन्हें शेयर आवंटित हुए हैं या नहीं। IPO अलॉटमेंट की प्रक्रिया के पूरा होने के बाद निवेशकों को यह पता लगाने की सुविधा मिलती है। IPO अलॉटमेंट स्टेटस चेक करना यह सुनिश्चित करता है कि आपने जिन शेयरों के लिए आवेदन किया है, वे आपको मिले हैं या नहीं।
IPO अलॉटमेंट क्या है?
IPO अलॉटमेंट एक प्रक्रिया है, जिसमें किसी कंपनी द्वारा सार्वजनिक पेशकश के तहत शेयरों का आवंटन किया जाता है। किसी भी IPO के दौरान शेयरों की मांग अक्सर उनकी उपलब्धता से अधिक होती है। ऐसे में कंपनी एक व्यवस्थित प्रक्रिया के तहत निर्णय करती है कि किन निवेशकों को शेयर मिलेंगे। जिन निवेशकों को शेयर आवंटित किए जाते हैं, उन्हें ‘अलॉट’ माना जाता है, जबकि जिनको शेयर नहीं मिलते, उनका पैसा वापस कर दिया जाता है।
IPO अलॉटमेंट स्टेटस कैसे चेक करें?
IPO अलॉटमेंट स्टेटस चेक करने के कई आसान तरीके हैं। इनमें BSE की वेबसाइट, रजिस्ट्रार कंपनी की वेबसाइट, ब्रोकर के प्लेटफॉर्म, और NSDL या CDSL शामिल हैं। इन सभी प्लेटफॉर्म्स के जरिए निवेशक यह जान सकते हैं कि उनके आवेदन को स्वीकार किया गया है या नहीं।
BSE की वेबसाइट से स्टेटस चेक करना
BSE की आधिकारिक वेबसाइट से IPO अलॉटमेंट स्टेटस चेक करना एक भरोसेमंद विकल्प है। इसके लिए आपको “Status of Issue Application” सेक्शन में जाकर अपने आवेदन की जानकारी भरनी होती है। यहां से आपको यह पता चल जाता है कि आपको शेयर आवंटित हुए हैं या नहीं।
IPO रजिस्ट्रार की वेबसाइट से स्टेटस चेक करना
IPO की रजिस्ट्रार कंपनी, जैसे Link Intime या KFintech, भी निवेशकों को अलॉटमेंट स्टेटस चेक करने की सुविधा देती हैं। रजिस्ट्रार की वेबसाइट पर आपको पैन नंबर या एप्लिकेशन नंबर जैसे विवरण डालने होते हैं। इसके बाद, आपका स्टेटस स्क्रीन पर दिखता है।
ब्रोकर की वेबसाइट या ऐप से चेक करना
अगर आपने अपने ब्रोकर के जरिए IPO में आवेदन किया है, तो उनके प्लेटफॉर्म पर भी अलॉटमेंट स्टेटस चेक किया जा सकता है। अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लॉगिन करके आप IPO सेक्शन में जाकर स्टेटस की जांच कर सकते हैं।
NSDL या CDSL के जरिए स्टेटस चेक करना
डीमैट खाते के माध्यम से भी IPO अलॉटमेंट स्टेटस चेक किया जा सकता है। NSDL या CDSL के जरिए आपके खाते में शेयर क्रेडिट होने पर आपको नोटिफिकेशन मिल जाता है। यह तरीका सरल और प्रभावी है।
अगर IPO अलॉटमेंट नहीं होता तो क्या?
यदि किसी निवेशक को IPO में शेयर अलॉट नहीं होते, तो उनकी ब्लॉक की गई राशि कुछ ही दिनों में उनके बैंक खाते में वापस कर दी जाती है। यह प्रक्रिया ASBA (Application Supported by Blocked Amount) के तहत होती है, जिसमें राशि कटती नहीं बल्कि केवल ब्लॉक रहती है। रिफंड प्रक्रिया स्वचालित होती है और इसके लिए निवेशकों को अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं होती।
IPO में आवेदन करते समय ध्यान देने योग्य बातें
IPO आवेदन करते समय निवेशकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी सभी जानकारी सही और सटीक है। इसमें पैन नंबर, डीमैट अकाउंट डिटेल्स और अन्य व्यक्तिगत जानकारी शामिल है। अलॉटमेंट डेट और रिफंड डेट पर नजर रखना भी जरूरी है। साथ ही, अपने ईमेल और मैसेज बॉक्स को चेक करते रहें, क्योंकि कई बार रजिस्ट्रार या ब्रोकर कंपनियां अलॉटमेंट से संबंधित सूचना भेजती हैं।
Frequently Asked Questions (FAQs)
Q1: IPO अलॉटमेंट स्टेटस कितने दिनों बाद चेक किया जा सकता है?
IPO अलॉटमेंट प्रक्रिया आमतौर पर आवेदन की अंतिम तिथि के 5-7 कार्य दिवसों के भीतर पूरी होती है। उसके बाद निवेशक स्टेटस चेक कर सकते हैं।
Q2: क्या IPO अलॉटमेंट में सभी को शेयर मिलते हैं?
नहीं, अगर मांग अधिक और शेयर सीमित हों, तो सभी निवेशकों को शेयर नहीं मिलते। शेयर आवंटन एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत किया जाता है।
Q3: अलॉटमेंट स्टेटस चेक करने के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स चाहिए?
पैन नंबर, एप्लिकेशन नंबर, या डीपी/क्लाइंट आईडी जैसे विवरण की जरूरत होती है।
Q4: अलॉटमेंट न मिलने पर पैसे वापस आने में कितना समय लगता है?
पैसे वापस आने में आमतौर पर 3-5 कार्य दिवस लगते हैं। यह प्रक्रिया स्वचालित होती है।
Q5: क्या IPO में आवेदन के लिए डीमैट अकाउंट अनिवार्य है?
हां, IPO में आवेदन के लिए डीमैट अकाउंट अनिवार्य है, क्योंकि अलॉट किए गए शेयर सीधे इसी अकाउंट में क्रेडिट किए जाते हैं।