
Mobile Spying को लेकर कई बार लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि क्या वाकई हमारा फोन हमारी बातें सुनता है? कई बार ऐसा होता है कि आप किसी चीज के बारे में बात कर रहे होते हैं या सोच रहे होते हैं और उसी से जुड़ा कंटेंट कुछ ही समय बाद आपके फोन स्क्रीन पर नजर आता है। ऐसे में यह मानना मुश्किल नहीं कि फोन में मौजूद कोई फीचर लगातार आपकी बातचीत और व्यवहार पर नजर रखता है।
असल में, आपका फोन उस तकनीक से लैस होता है जो आपकी आवाज़ को कैप्चर कर सकता है और उसी के आधार पर Targeted Ads और कंटेंट दिखा सकता है। ये प्रोसेस काफी हद तक आपके फोन के Microphone Access के कारण मुमकिन हो पाता है।
माइक्रोफोन एक्सेस: आपकी प्राइवेसी पर सबसे बड़ा खतरा
फोन में इस्तेमाल हो रहे अधिकतर ऐप्स के पास आपके डिवाइस के माइक्रोफोन का एक्सेस होता है। चाहे वो सोशल मीडिया ऐप हो, गेमिंग ऐप या फिर म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस – ये सभी आपकी अनुमति से या कभी-कभी बिना स्पष्ट इजाजत के माइक्रोफोन के जरिए आपकी बातचीत को सुन सकते हैं।
यह Microphone Access ही आपकी प्राइवेसी पर सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है। एक बार जब ऐप को माइक्रोफोन की परमिशन मिल जाती है, तो वह बैकग्राउंड में आपकी बातचीत सुन सकता है और उस डेटा का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर सकता है – खासतौर पर विज्ञापन दिखाने के लिए।
क्या iPhone और Android दोनों में होता है ऐसा?
जी हां, चाहे आपका डिवाइस iPhone हो या Android, दोनों प्लेटफॉर्म्स पर ऐप्स के पास माइक्रोफोन एक्सेस की सुविधा होती है। फर्क सिर्फ इतना होता है कि iPhone में आपको यह देखने का थोड़ा बेहतर कंट्रोल मिलता है कि कौन-कौन से ऐप्स माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि Android में यह कंट्रोल थोड़ा छुपा होता है लेकिन फिर भी बदला जा सकता है।
Apple और Google दोनों कंपनियां दावा करती हैं कि वे यूजर की प्राइवेसी को अहमियत देती हैं, लेकिन कई बार Third-Party Apps इन सुरक्षा व्यवस्थाओं को बायपास करने की कोशिश करते हैं।
कैसे करें Microphone Access को कंट्रोल?
आप कुछ आसान स्टेप्स को फॉलो करके अपने फोन की सेटिंग्स में बदलाव कर सकते हैं जिससे Microphone Access को लिमिट किया जा सके। इसके लिए सबसे पहले अपने फोन की Settings में जाएं। वहां से Security & Privacy के सेक्शन पर क्लिक करें। अब नीचे स्क्रॉल करने पर आपको Privacy का विकल्प दिखाई देगा।
Privacy पर क्लिक करने के बाद Permission Manager को चुनें। यहां आपको सभी ऐप्स की एक लिस्ट दिखाई देगी जो आपके डिवाइस के माइक्रोफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
हर ऐप की परमिशन कैसे बदलें?
Permission Manager में मौजूद ऐप्स की लिस्ट में से आप एक-एक करके हर ऐप पर क्लिक कर सकते हैं और उसकी माइक्रोफोन एक्सेस सेटिंग बदल सकते हैं। उदाहरण के लिए अगर आप YouTube पर क्लिक करते हैं तो आपको तीन ऑप्शन मिलते हैं:
- Allow all the time
- Ask every time
- Don’t allow
यहां आपको Ask every time चुनना चाहिए ताकि हर बार जब भी ऐप माइक्रोफोन एक्सेस करना चाहे, वह आपसे अनुमति मांगे। इससे आप तय कर सकते हैं कि कब और कौन सा ऐप आपकी वॉयस को एक्सेस कर सके।
क्या इससे ऐप्स की परफॉर्मेंस पर असर पड़ेगा?
इस बदलाव के बाद भी आपके फोन के ऐप्स पहले की तरह ही काम करेंगे। फर्क सिर्फ इतना होगा कि वे अब बिना आपकी अनुमति के माइक्रोफोन एक्सेस नहीं कर पाएंगे। इससे न सिर्फ आपकी Privacy सुरक्षित रहेगी बल्कि आप पर नजर रखने वाली Ad Technologies का असर भी घटेगा।
Microphone Access को लिमिट करने से आपका मोबाइल यूजिंग एक्सपीरियंस ज्यादा कंट्रोल्ड और सिक्योर हो जाएगा, खासकर तब जब आप अपने डिवाइस में Social Media या Third-Party Apps का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं।
मोबाइल स्पाइंग से कैसे बचें?
Mobile Spying से बचने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि आप अपने फोन की Permissions को समय-समय पर रिव्यू करें। हर नए ऐप इंस्टॉल करते वक्त उसकी जरूरत से ज्यादा Permissions को न दें और पहले से मौजूद ऐप्स की सेटिंग्स को नियमित रूप से चेक करते रहें।
अगर आप अपनी Privacy को लेकर गंभीर हैं, तो इस छोटे से बदलाव से आप बड़ी समस्या से बच सकते हैं।