Japanese Baba Vanga की डरावनी भविष्यवाणी से मचा हड़कंप! जुलाई में इस देश पर मंडरा रहा खतरा, लोग छोड़ने लगे घर

जुलाई 2025 को लेकर Japanese Baba Vanga यानी रयो तात्सुकी की डरावनी भविष्यवाणी ने पूरे जापान में हड़कंप मचा दिया है। मंगा किताब The Future I Saw में सुनामी और ज्वालामुखी विस्फोट की आशंका जताई गई है। सोशल मीडिया पर दहशत का माहौल है, हजारों लोग घर छोड़ रहे हैं और पर्यटन क्षेत्र में बुकिंग्स 50% तक गिर गई हैं। क्या सच में आने वाली है तबाही?

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Written byRohit Kumar

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Japanese Baba Vanga की डरावनी भविष्यवाणी से मचा हड़कंप! जुलाई में इस देश पर मंडरा रहा खतरा, लोग छोड़ने लगे घर
Japanese Baba Vanga की डरावनी भविष्यवाणी से मचा हड़कंप! जुलाई में इस देश पर मंडरा रहा खतरा, लोग छोड़ने लगे घर

Japanese Baba Vanga यानी जापानी मंगा कलाकार रयो तात्सुकी (Ryo Tatsuki) की ओर से की गई जुलाई 2025 में भीषण सुनामी (Tsunami) और ज्वालामुखीय आपदा की भविष्यवाणी ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया है। यह चेतावनी अब केवल एक मंगा की कल्पना नहीं रह गई है, बल्कि एक सामूहिक मनोवैज्ञानिक डर का रूप ले चुकी है। जापान, जो पहले से ही दुनिया के सबसे भूकंप-संवेदनशील देशों में से एक है, अब एक बार फिर भय के साए में है। तात्सुकी की भविष्यवाणी ने जापानी और विदेशी पर्यटकों के बीच डर का माहौल बना दिया है, जिसका सीधा असर पर्यटन बुकिंग्स पर देखा जा रहा है।

1999 की किताब ने पहले भी दिखाई हैं सटीक घटनाएं

रयो तात्सुकी ने अपनी 1999 की प्रसिद्ध किताब The Future I Saw में कई चौंकाने वाली घटनाओं का उल्लेख किया था, जिनमें 1995 का कोबे भूकंप, 2011 की सुनामी और फ्रेडी मर्करी की मृत्यु शामिल हैं। 2021 में प्रकाशित इस किताब के अद्यतन संस्करण में उन्होंने जुलाई 2025 के महीने में समुद्र के उबलने और पानी के नीचे दरारें पड़ने जैसी घटनाओं की आशंका जताई है। ये चित्रण उनके सपनों पर आधारित हैं, जिन्हें उन्होंने मंगा चित्रों के रूप में प्रस्तुत किया। अब इंटरनेट पर कई लोग उन्हें Japanese Baba Vanga की संज्ञा देने लगे हैं, क्योंकि बाबा वेंगा की तरह उनकी भविष्यवाणियों में भी कई बार सच्चाई दिखी है।

पर्यटन पर दिखने लगा है सीधा असर, बुकिंग्स में 50% तक गिरावट

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तात्सुकी की चेतावनी का सबसे बड़ा प्रभाव जापान के पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ताइवान, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों से आने वाले पर्यटकों में भारी डर देखा गया है। जुलाई के लिए होटल बुकिंग्स में 30% से लेकर 50% तक की गिरावट दर्ज की गई है। जापान डेली से बातचीत में एक होटल मैनेजर ने कहा, “यह अचानक हुआ बदलाव किसी वास्तविक खतरे की वजह से नहीं, बल्कि लोगों के मन में बसे डर की वजह से है।” गर्मी की छुट्टियों के लिए जापान आने वाले कई पर्यटकों ने अपनी यात्राएं रद्द या स्थगित कर दी हैं।

सोशल मीडिया पर #July2025Prediction से बढ़ी हलचल

सोशल मीडिया पर तात्सुकी की भविष्यवाणी को लेकर जबरदस्त चर्चा है। Reddit, YouTube और BBS जैसे प्लेटफॉर्म्स पर “#July2025Prediction” हैशटैग के तहत आपदा से जुड़े पोस्ट वायरल हो रहे हैं। लोग बड़ी मात्रा में आपातकालीन किट्स, टॉर्च, पानी फिल्टर जैसी चीजें खरीद रहे हैं। कुछ लोग इस भविष्यवाणी को एक मनोरंजन या पॉप कल्चर का हिस्सा मानते हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग इसे गंभीरता से ले रहे हैं।

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वैज्ञानिक संस्थानों ने नहीं दी कोई चेतावनी

जहां तात्सुकी की मंगा में “उबलते समुद्र” और “पानी के नीचे की दरार” जैसे संकेत दिए गए हैं, वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अभी तक कोई ठोस चेतावनी जारी नहीं की गई है। Japan Meteorological Agency (JMA) और US Geological Survey (USGS) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों ने जुलाई 2025 के लिए किसी भी तरह की आपदा को लेकर कोई चेतावनी नहीं दी है। टोहो यूनिवर्सिटी के जियोफिजिसिस्ट प्रोफेसर ताकाशी कावामुरा का कहना है कि यह डर पूरी तरह से एक मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रिया है, जिसका आधार मंगा है, न कि कोई वैज्ञानिक विश्लेषण।

रयो तात्सुकी: भविष्यवक्ता नहीं, लेकिन उनके सपनों पर भरोसा

रयो तात्सुकी खुद को भविष्यवक्ता नहीं मानतीं, लेकिन उनके सपनों और मंगा की गंभीरता को देखते हुए अब बड़ी संख्या में लोग उन्हें भविष्यवाणी करने वाली हस्ती के रूप में देखने लगे हैं। जापान में मंगा संस्कृति का गहरा प्रभाव है और तात्सुकी की किताब The Future I Saw उसी संस्कृति का हिस्सा है, जिसने एक पूरे देश को चिंतन में डाल दिया है।

रिन्यूएबल एनर्जी और भूगर्भीय सतर्कता बनी चर्चा का विषय

इस मामले ने जापान में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और प्राकृतिक आपदा प्रबंधन की दिशा में नई बहस को जन्म दिया है। विशेषज्ञ अब यह सवाल उठा रहे हैं कि किस हद तक जनता को मीडियाई और पॉप-सांस्कृतिक प्रभावों से प्रभावित होने देना चाहिए। वहीं सरकार और पर्यावरण विशेषज्ञ आपदा प्रबंधन प्रणालियों को और अधिक सुदृढ़ बनाने की बात कर रहे हैं।

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