
झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की महत्वाकांक्षी योजना “मंईयां सम्मान योजना” (Maiyan Samman Yojana) में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। सरकार की जांच में पाया गया कि इस योजना का लाभ 42,432 अपात्र महिलाओं को मिल रहा था। लातेहार जिले में की गई जांच में सामने आया कि कई संपन्न परिवारों की महिलाएं इस योजना का अनुचित लाभ उठा रही थीं। इनमें सरकारी शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, पेंशनधारियों, आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं और संविदा कर्मियों के नाम भी शामिल हैं।
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लातेहार जिले में हुआ सबसे बड़ा खुलासा
सरकार के आदेश पर राज्य और जिला स्तर पर की गई जांच के दौरान पाया गया कि लातेहार जिले में कुल 1,48,000 महिलाओं को इस योजना से जोड़ा गया था। इनमें से 42,432 महिलाएं अपात्र पाई गईं, जिन्हें अब इस योजना से हटा दिया गया है। सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ केवल जरूरतमंद और गरीब महिलाओं को दिया जाएगा।
योजना का उद्देश्य और मिलने वाली आर्थिक सहायता
मंईयां सम्मान योजना झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गई एक सामाजिक कल्याण योजना है। इसका उद्देश्य 18 से 50 साल की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह योजना झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के चुनावी वादों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी।
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किन इलाकों में मिले फर्जी लाभुक?
सरकारी जांच में यह सामने आया कि लातेहार जिले के कई इलाकों में बड़ी संख्या में अपात्र महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल रहा था। जांच के दौरान जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक फर्जी लाभुक पाए गए, वे निम्नलिखित हैं:
- बालूमाथ – 7,078
- लातेहार – 7,038
- लातेहार शहरी क्षेत्र – 1,513
- बारियातू – 2,954
- बरवाडीह – 4,803
- चंदवा – 5,072
- गारू – 1,559
- हेरहंज – 2,348
- महुआडांड़ – 4,417
- मनिका – 4,963
- सरयू – 687
सरकार की सख्ती और आगे की कार्रवाई
सरकार ने इस घोटाले को गंभीरता से लिया है और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की बात कही है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने स्पष्ट किया है कि सरकारी योजनाओं में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि इस योजना से संबंधित सभी दस्तावेजों की गहन समीक्षा की जाए और भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जाए।
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योजना में गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई
जांच के दौरान यह भी पाया गया कि कई सरकारी और संविदा कर्मियों ने गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठाया है। सरकार ने ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। यदि किसी सरकारी कर्मचारी या संपन्न परिवार की महिला को इस योजना का अनुचित लाभ लेते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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योजना में पारदर्शिता लाने के प्रयास
इस घोटाले के सामने आने के बाद झारखंड सरकार योजना की कार्यप्रणाली में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए नए उपाय लागू करने जा रही है। अब लाभुकों की पहचान और सत्यापन की प्रक्रिया को और अधिक सख्त किया जाएगा। इसके अलावा, जिला प्रशासन को हर महीने इस योजना की समीक्षा करने और अपात्र लाभुकों को हटाने के निर्देश दिए गए हैं।