
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंचीधाम नीम करौली बाबा धाम (Kainchi Dham – Shri Neeb Karori Baba Ashram) अब देश ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केन्द्र बन चुका है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए यहां पहुंच रहे हैं। बढ़ती भीड़ और इससे उत्पन्न हो रही ट्रैफिक समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। अब श्रद्धालु निजी वाहन से कैंचीधाम तक नहीं जा सकेंगे। इसके स्थान पर शटल सेवा (Shuttle Service) शुरू की गई है, जो श्रद्धालुओं को पार्किंग स्थल से कैंचीधाम तक ले जाएगी और वापस लाएगी।
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कैंचीधाम नीम करौली बाबा धाम (Kainchi Dham – Neeb Karori Baba Ashram) में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए ट्रैफिक मैनेजमेंट की यह नई व्यवस्था आवश्यक और कारगर कदम साबित हो सकती है। इससे जहां एक ओर श्रद्धालुओं की यात्रा सुगम होगी, वहीं पहाड़ी क्षेत्रों की ओर जाने वाले आम यात्रियों को भी राहत मिलेगी। हालांकि बाइपास निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद हालात और बेहतर हो सकते हैं।
भीड़ से बिगड़ा यातायात प्रबंधन, प्रशासन ने बदली व्यवस्था
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के अनुसार, बीते कुछ समय में कैंचीधाम में भीड़ तेजी से बढ़ी है, जिससे न केवल पर्यटकों को बल्कि पहाड़ी जिलों की ओर जाने वाले यात्रियों को भी जाम की भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए नैनीताल जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा नई यातायात योजना लागू की गई है, जिससे श्रद्धालुओं की यात्रा भी सुगम हो और आम यात्रियों को भी राहत मिले।
निजी वाहनों की एंट्री बंद, शटल सेवा अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्रद्धालुओं के निजी वाहनों की कैंचीधाम में पूरी तरह से एंट्री बंद कर दी गई है। वहीं, शनिवार, रविवार और त्योहारी सीजन में सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक किसी भी निजी वाहन को कैंचीधाम में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
श्रद्धालुओं को अब दो प्रमुख मार्गों से पार्किंग स्थल पर अपने वाहन पार्क करने होंगे:
1. भीमताल मार्ग – यहां आने वाले श्रद्धालुओं को इंडस्ट्रियल एरिया, भीमताल पार्किंग स्थल में वाहन पार्क करना होगा।
2. ज्योलिकोट-भवाली मार्ग – इस मार्ग से आने वालों को भवाली सैनिटोरियम के पास स्थित कैची बाइपास के 1.5 किलोमीटर क्षेत्र में पार्किंग की सुविधा दी गई है।
इसके बाद श्रद्धालु केवल शटल सेवा के माध्यम से कैंचीधाम जा सकेंगे और दर्शन उपरांत वापस वहीं लौटेंगे।
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ट्रैफिक कंट्रोल के लिए प्रशासन सख्त, आईजी ने दिए निर्देश
कुमाऊं की आईजी रिद्धिम अग्रवाल ने जानकारी दी है कि इस बार व्यवस्थाओं को पहले से बेहतर बनाया गया है। शटल सेवा को फ्लेक्सिबल रखा गया है, यानी श्रद्धालुओं की संख्या के अनुसार इसकी फ्रीक्वेंसी को कम या ज्यादा किया जाएगा। इसके अलावा पार्किंग स्पेस को भी बढ़ाया जा रहा है ताकि किसी को असुविधा न हो।
सप्ताहांत और त्योहारी सीजन में भारी वाहनों पर रोक
सप्ताहांत और त्योहारों के दौरान ट्रैफिक का दबाव बहुत अधिक हो जाता है। ऐसे में भारी वाहनों (Heavy Vehicles) का आवागमन सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा, जिससे जाम की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सके। इस दौरान पहाड़ की ओर जाने वाले बाकी सभी सामान्य वाहन अपने निर्धारित मार्गों से गंतव्य की ओर जा सकेंगे।
बाइपास निर्माण की प्रतीक्षा, केंद्र से स्वीकृति बाकी
कैंचीधाम की भीड़ और ट्रैफिक को देखते हुए भवाली सैनिटोरियम के पास से एक बाइपास रोड बनाए जाने की योजना है, जो भवाली गांव से रातीघाट तक जाएगा। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है, लेकिन अब तक 8 किलोमीटर लंबी इस सड़क को स्वीकृति नहीं मिली है। अगर यह स्वीकृति मिलती है तो आने वाले समय में कैंचीधाम का ट्रैफिक दबाव काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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प्रतिदिन 10 हजार, त्योहारों में 20 हजार से अधिक श्रद्धालु
कैंचीधाम में प्रतिदिन औसतन 10,000 श्रद्धालु पहुंचते हैं, जबकि छुट्टियों और त्योहारों के दौरान यह संख्या 20,000 से अधिक हो जाती है। इस कारण अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर की ओर जाने वाले रास्ते पर 4 से 5 घंटे का जाम लगना आम बात हो गई थी। यही वजह है कि अब शटल सेवा की शुरुआत कर वाहनों को नियंत्रित किया जा रहा है।
शटल सेवा का समय और नियम
- सामान्य दिनों (सोमवार से शुक्रवार) को शटल सेवा सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक प्रभावी रहेगी।
- वीकेंड और त्योहारों पर सेवा सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक चलेगी।
- पार्किंग स्थलों से कैंचीधाम तक केवल शटल सेवा ही उपलब्ध होगी।
- श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से कैंचीधाम नहीं जा पाएंगे।