बैटरी के टाइप देखें, और अपने सिस्टम के लिए सही बैटरी चुनें

बैटरी के टाइप देखें, और अपने सिस्टम के लिए सही बैटरी चुनें
बैटरी के टाइप की जानकारी

बैटरी के टाइप

भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में सोलर पैनल यूज होने लगे हैं। सरकार ने भी नई स्कीम से सोलर सिस्टम को प्रोत्साहन दिया है। इसी क्रम में सरकार ने बीते दिनों पीएम सोलर होम स्कीम की शुरुआत की है। यह स्कीम देश के मध्यम वर्ग, गरीब लोगों को अपने घर की छत में सोलर पैनलों को इंस्टॉल करने में सब्सिडी देती है।

सोलर पैनलों के साथ ही सोलर बैटरी भी इंस्टाल कर सकते हैं, बैटरी में सोलर पैनल से बनने वाली बिजली को स्टोर कर सकते हैं। एक सोलर इन्वर्टर की सहायता से बैटरी की DC पावर को AC में बदल सकते हैं। AC करंट से ही घरों में ज्यादातर बिजली के उपकरण चलते हैं।

इन्वर्टर और बैटरी का यूज

काफी जगह में इन्वर्टर यूज होता दिखता है, और बैटरी से कनेक्ट होकर ये स्टोर पावर को AC में बदलने का काम करता है। एक इन्वर्टर में बैटरी 2 टाइप की रहती है- लिथियम इन्वर्टर बैटरी और लेड एसिड इन्वर्टर बैटरी। यहां लिथियम वाली बैटरी का खर्च लेड एसिड की बैटरी से अधिक रहता है। कम साइज की लिथियम बैटरी का प्रयोग भी लंबे समय तक कर सकते हैं।

बैटरी के टाइप

  • फ्लैट प्लेट बैटरी
  • जेल बैटरी
  • ट्यूबलर बैटरी
  • सोलर बैटरी

लेड एसिड इन्वर्टर बैटरी

इस प्रकार की बैटरी को पारंपरिक तकनीक से ही बनाना जाता है। ये बैटरी बड़े साइज वाली होती है जोकि रिचार्ज हो जाती है। इस बैटरी में लेड के साथ में सल्फ्यूरिक एसिड यूज होता है। बैटरी एक गैलवेनिक सेल की तरह से कार्य करती है। यह बैटरी करीब 14 से 16 घंटो में फुल चार्ज हो जाती है। बैटरी के ब्रांड इन पर करीब 5 से 6 सालो की वारंटी देते हैं।

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लिथियम आयन बैटरी

आज के समय में नई टेक्नोलॉजी वाली बैटरी है, जोकि हल्की और कम आकार की होती है। ये बैटरी दूसरे प्रकार की बैटरी से बहुत ज्यादा समय तक चलती है, और इलेक्ट्रिक गाडियों में इनका ही यूज होता है। किंतु इनको अब घर में भी प्रयोग कर सकते हैं, चूंकि इनको अधिक रखरखाव की भी जरूरत नहीं पड़ती है। ये ज्यादा पावर स्टोरेज की कैपेसिटी रखती है, और इनका खर्च बाकी बैटरी से अधिक रहता है। इस समय 150Ah की बैटरी की कीमत लगभग 35 हजार रुपए तक है।

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घर के लिए सही बैटरी

यदि आपने इन्वर्टर को इंस्टॉल किया हो, तो इंवर्टर के मुताबिक ही बैटरी का चयन किया जाता है। बैटरी में भी लिथियम बैटरी सर्वाधिक मॉडर्न बैटरी है। काफी फायदे देने वाली ये बैटरी कुछ अधिक खर्च पर आती है। हालांकि सोलर प्लांट में बैटरी इंस्टाल करने में ट्यूबलर बैटरी को चुनना पड़ता है। इस बैटरी की कीमत लिथियम आयन बैटरी से कम रहती है, और इनकी आयु भी ठीक रहती है। ग्राहक अपने बजट के अनुसार भी बैटरी का चयन कर सकते हैं।

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By Rohit Kumar

नमस्ते, Eath NEWJ में आपका स्वागत है! मैं रोहित कुमार हूं, Earthnewj.com चलाने वाला व्यक्ति। कई समाचार पोर्टलों में काम करने के बाद अपने 8 सालों के अनुभव से मैं अर्थ न्यूज को चला रहा हूँ, इस पोर्टल पर मेरी कोशिश हैं की अपने पाठकों को काम की खबर दे पाऊँ।

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