सोलर पैनल बनाने में लगने वाले मटेरियल
नवीनीकरण ऊर्जा स्त्रोत के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से सोलर पावर को काफी लोकप्रियता मिल रही है। सोलर सिस्टम सूरज से आ रही ऊर्जा को इलेक्ट्रिक पावर में परिवर्तित करता है। इस प्रकार के सोलर पैनलों में लगने वाली सामग्री के बारे काफी कम ही लोगो को पता है आज के लेख में आपको सोलर पैनलों के इस्तेमाल होने वाली सामग्री की जानकारी दे रहे है जोकि इनके निर्माण में लगती है।
सोलर पैनल उस तरफ के उपकरण है जोकि सूरज की किरणों को बिजली में बदल देते है। इसमें सोलर सेल लगे रहते है जोकि फोटोवोल्टिक सेल भी कहलाते है। ये फोटोवोल्टिक प्रभाव से ही पावर बनाने का काम करते है। जिस समय पर सूर्य की रोशनी इनमे आती है तो ये इलेक्ट्रॉन को मुक्त करने लगते है और पावर बनने लगती है।
1. सिलिकॉन
- पॉलीक्रिस्टलाइन सिलिकॉन: इस प्रकार के सेल कम कार्यकुशलता वाले होते है और कम खर्च वाले रहते है। हालांकि सभी में सर्वाधिक इनका ही प्रयोग होता है।
- मोनोक्रिस्टलाइन सिलिकॉन: इस प्रकार के सेल उच्च कार्यकुशलता देते है एवं सूर्य की किरणों को इलेक्ट्रिसिटी में बदल पाते है। अपनी अधिक कार्यकुशलता की वजह से इनके मूल्य अधिक रहते है।
2. एमोर्फोस सिलिकॉन (A-Si)
यह नॉन क्रिस्टलाईन सिलिकॉम की तरह से जाना जाता है और इसको थिन फिल्म सोलर पैनल में इस्तेमाल करते है। इस तरह के पैनल बहुउद्देशीय एवं कम खर्चीले रहते है किंतु इनके टूट जाने अथवा खराब हो जाने के अधिक चांस भी रहते है। इस प्रकार से पैनलों की कुशलता एवं सहनशीलता हो बढ़िया करने को A-Si कार्बाइड, A-Si जर्मेनियम, माइक्रोक्रिस्टलाइन सिलिकॉन और A-Si नाइट्राइड आदि वेरिएंट इस्तेमाल होते है।
3. कैडमियम टेलुराइड (CdTe)
कैडमियम एवं टेल्यूरियम से बने CdTe को ऑप्टिमल बैंडगैप कुशलता पाने में थिन फिल्म वाले पैनल में करते है। यह कम खर्चे वाले रहते है एवं अपने टिकाऊपन के लिए पहचान रखते है।
4. गैलियम आर्सेनाइड
गैलियम आर्सेनाएड को इस्तेमाल में लाने वाले सोलर पैनलों को सिलिकॉन सेल के मुकाबले उच्च कार्यकुशलता, थीं प्रोफाइल एवं कम घनत्व का लाभ मिलता है। इस प्रकार से ये परंपरागत सिलिकॉन सेल को लेकर बढ़िया विकल्प बनते है।
5. एल्यूमीनियम, एंटीमोनी, और लेड
सिलिकॉन को एल्यूमिनियम, एंटीमोनी एवं लेड आदि धातुओं से मिश्रित कर देने पर सेल की एनर्जी बैंडगैप में बेहतरी हो जाती है। इन मिश्रधातुओं के इस्तेमाल मल्टी जंक्शन सोलर सेल के निर्माण, कार्यकुशलता बेहतरी एवं ताप को मैनेज करने में करते है।
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6. कार्बन नैनोट्यूब (CNT)
सीएनटी नैनोमेटेरियल को सोलर पैनल की विशेषताओं में वृद्धि करने को प्रयोग करते है। इनको ट्रांसपेरेंट कंडक्टर सामग्री के विकास एवं बिजली के प्रवाह को बेहतर करने में इस्तेमाल करते है। इस प्रकार से 75 फीसदी तक सोलर पावर का रूपांतरण बिजली में हो पाता है।