Lok Adalat 2025: इन चालानों को माफ नहीं करवा सकते लोक अदालत में, जाना होगा कोर्ट

Lok Adalat 2025: इन चालानों को माफ नहीं करवा सकते लोक अदालत में, जाना होगा कोर्ट
Lok Adalat 2025: इन चालानों को माफ नहीं करवा सकते लोक अदालत में, जाना होगा कोर्ट
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दिल्ली में National Lok Adalat 2025 का आयोजन 8 मार्च को किया जा रहा है। इस लोक अदालत में पेंडिंग ट्रैफिक चालानों के निपटारे का सुनहरा मौका मिलेगा। यदि आपका कोई पुराना चालान लंबित है, तो इस अदालत के जरिए उसे माफ या कम कराया जा सकता है। हालांकि, यह सुविधा हर तरह के चालानों पर लागू नहीं होती। कुछ मामलों में लोक अदालत से राहत नहीं मिलती और इसके लिए आपको कोर्ट में केस लड़ना पड़ता है।

लोक अदालत में मुख्य रूप से ट्रैफिक चालान जैसे मामूली अपराधों को निपटाने की सुविधा दी जाती है। हालांकि, क्रिमिनल केस या एक्सीडेंट से जुड़े चालान इस दायरे में नहीं आते। ऐसे मामलों में लोक अदालत की बजाय कोर्ट से ही समाधान मिलेगा। इस लेख में जानें कि कौन-कौन से ट्रैफिक चालान लोक अदालत में सुलझाए जाएंगे और किन मामलों में आपको अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

लोक अदालत में कौन से चालान होंगे माफ?

लोक अदालत मुख्य रूप से छोटे-मोटे ट्रैफिक नियम उल्लंघन के मामलों को सुलझाने के लिए लगाई जाती है। अगर आपका चालान सीट बेल्ट न पहनने, हेलमेट न लगाने, रेड लाइट जंप करने, नो पार्किंग में गाड़ी खड़ी करने या ओवरस्पीडिंग जैसे मामूली मामलों के कारण हुआ है, तो आप लोक अदालत में जाकर उसका निपटारा करा सकते हैं। इस प्रक्रिया में आपका चालान पूरी तरह माफ भी हो सकता है या जुर्माने की राशि कम की जा सकती है।

हालांकि, यह राहत केवल उन्हीं मामलों में मिलेगी जिनमें कोई गंभीर अपराध नहीं हुआ हो। यानी, अगर आपके वाहन का चालान किसी हिट एंड रन केस, एक्सीडेंट, शराब पीकर गाड़ी चलाने (Drunk and Drive) या किसी क्रिमिनल केस से जुड़ा है, तो ऐसे मामलों को लोक अदालत नहीं सुनेगी। ऐसे चालानों को लेकर कोर्ट जाना अनिवार्य होगा।

लोक अदालत में चालान माफ होने की प्रक्रिया

अगर आपका ट्रैफिक चालान लोक अदालत के दायरे में आता है, तो आपको 8 मार्च को संबंधित अदालत में जाना होगा। वहां आपको अपना चालान नंबर और वाहन से जुड़े दस्तावेज दिखाने होंगे। लोक अदालत में जज और संबंधित अधिकारी आपकी दलीलें सुनेंगे और उचित समाधान निकालेंगे।

इस प्रक्रिया में आपका चालान पूरी तरह माफ भी किया जा सकता है या जुर्माने की राशि कम की जा सकती है। लोक अदालत की एक और खासियत यह होती है कि यहां आपसी सहमति से ही मामलों का निपटारा किया जाता है, जिससे कानूनी प्रक्रिया तेज और सरल हो जाती है।

एक्सीडेंट और क्रिमिनल केस वाले चालान नहीं होंगे माफ

यदि आपके वाहन का चालान किसी गंभीर अपराध से जुड़ा है, तो लोक अदालत में उसका समाधान नहीं मिलेगा। ऐसे मामलों में कोर्ट में मुकदमा लड़कर ही फैसला लिया जाएगा। खासकर यदि किसी वाहन का चालान एक्सीडेंट, हिट एंड रन केस, शराब पीकर गाड़ी चलाने, रोडरेज या किसी अन्य अपराध से संबंधित है, तो ऐसे मामलों की सुनवाई सिर्फ कोर्ट में ही होगी।

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लोक अदालत केवल उन्हीं मामलों को सुलझाती है जिनमें कोई विवाद नहीं होता और आपसी सहमति से समाधान निकल सकता है। लेकिन, यदि मामला क्रिमिनल केस या गंभीर आरोपों से जुड़ा है, तो आपको कानूनी प्रक्रिया से ही गुजरना होगा।

सिर्फ दिल्ली के चालानों का ही होगा निपटारा

दिल्ली में लगने वाली National Lok Adalat केवल उन्हीं चालानों को निपटाने का अधिकार रखती है जो दिल्ली में काटे गए हैं। यदि किसी व्यक्ति का चालान किसी अन्य राज्य में कटा है, तो उसे वहां की लोक अदालत या संबंधित कोर्ट में ही जाना होगा।

यह भी ध्यान दें कि अगर आप लोक अदालत में जाकर चालान निपटाने का मौका चूक जाते हैं, तो फिर आपको वर्चुअल कोर्ट या अन्य कानूनी माध्यमों से ही चालान का भुगतान करना होगा।

क्या करें अगर लोक अदालत में न पहुंच सकें?

अगर आप 8 मार्च को लोक अदालत में नहीं जा सकते हैं, तो आप वर्चुअल कोर्ट (Virtual Court) के जरिए भी अपने चालान का भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा, कोर्ट के अन्य माध्यमों से भी चालान का निपटारा किया जा सकता है। लेकिन, लोक अदालत में जाने से आपको राहत मिलने की संभावना अधिक होती है क्योंकि यहां जुर्माने में कटौती हो सकती है या चालान पूरी तरह माफ किया जा सकता है।

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By Rohit Kumar

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