बच्चों का Aadhaar कार्ड बन गया है? तो समय रहते करवा लें बायोमेट्रिक अपडेट, जानें कितने साल में है जरूरी

बच्चों का Aadhaar कार्ड बन गया है? तो समय रहते करवा लें बायोमेट्रिक अपडेट, जानें कितने साल में है जरूरी
बच्चों का Aadhaar कार्ड बन गया है? तो समय रहते करवा लें बायोमेट्रिक अपडेट, जानें कितने साल में है जरूरी
बच्चों का Aadhaar कार्ड बन गया है? तो समय रहते करवा लें बायोमेट्रिक अपडेट, जानें कितने साल में है जरूरी

आधार कार्ड आज के समय में सबसे जरुरी डॉक्यूमेंट है, जो न सिर्फ आपकी पहचान और नागरिकता का प्रमाण है, बल्कि स्कूल में एडमिशन से लेकर सरकारी योजनाओं के लाभ लेने के लिए जरुरी होता है, ऐसे में इसमें आपकी जानकारी का अपडेटेड होना बेहद जरुरी है, और इसे लेकर UIDAI ने अलर्ट किया है दरअसल यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यह अलर्ट बच्चों के आधार कार्ड यानी बाल आधार के लिए किया है।

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 भारत की विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने उन बच्चों के लिए अनिवार्य बायोमीट्रिक अपडेट को पूरा करने के महत्व को दोहराया है, जिन्होंने सात वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, लेकिन अभी तक अपने आधार कार्ड में बायोमीट्रिक्स अपडेट नहीं किए है, यूआईडीएआई ने ऐसे बच्चों के आधार में पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर एमबीयू प्रक्रिया को पूरा करने के लिए एसएमएस भेजना शुरू कर दिया है।

पांच वर्ष पर फिंगरप्रिंट अपडेट कराना अनिवार्य

पांच वर्ष की कम आयु का बच्चा आधार के लिए अपनी तस्वीर, नाम, जन्मतिथि, लिंग पता और प्रमाण के रूप में दस्तावेज प्रदान करके पंजीकरण करता है, पांच वर्ष की आयु से पहले बच्चे के फिंगरप्रिंट और आइरिस बायोमेट्रिक्स आधार पंजीकरण के लिए नहीं लिए जाते क्यूंकि इस आयु में ये विकसित नहीं होते है।

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मुफ्त में अपडेट करा सकते डाटा

मौजूदा नियमों के अनुसार जब बच्चा पांच वर्ष का हो जाता है, तो उसके आधार में फिंगरप्रिंट आइरिस स्कैन और एक फोटो को अनिवार्य रूप से अपडेट करना अनावश्यक है, इसे अनिवार्य बायोमीट्रिक अपडेट कहा जाता है, यदि बच्चा पांच से सात वर्ष की आयु के बीच एमबीयू करता है, तो यह मुफ्त में प्रदान किया जाता है।

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हालाँकि सात वर्ष की आयु के बाद इसके लिए सौ रुपए का शुल्क लिया जाता है, समय पर अनिवार्य बायोमीट्रिक अपडेट का पूरा होना बच्चों के बायोमीट्रिक डाटा की सटीकता और विश्वसनीयता के लिए जरुरी है, यदि बच्चे के सात वर्ष का होने तक एमबीयू नहीं होता है, तो उनके आधार नंबर को मौजूद नियमों के अनुसार निष्क्रिय किया जा सकता है।

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By Rohit Kumar

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