
भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से मसूर दाल (Lentil) के आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है। वहीं, पीली मटर (Yellow Peas) के शुल्क मुक्त आयात को मई 2025 के अंत तक तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। इस फैसले का उद्देश्य दालों की उपलब्धता सुनिश्चित करना और किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है।
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मसूर दाल पर शुल्क और पीली मटर आयात में राहत
सरकार ने 5 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क (Basic Customs Duty) और 5 प्रतिशत एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) मसूर दाल पर लगाने का निर्णय लिया है। यह नया शुल्क शनिवार से प्रभावी हो गया है। वहीं, पीली मटर का आयात शुल्क मुक्त (Duty-Free Import) जारी रहेगा, ताकि बाजार में आपूर्ति बनी रहे और कीमतों में अत्यधिक बढ़ोतरी न हो।
घरेलू उत्पादन और दालों के दाम नियंत्रित करने का प्रयास
सरकार दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए समय-समय पर टैरिफ नीति में बदलाव करती रही है। दिसंबर 2023 में सरकार ने पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी, क्योंकि देश में चना (Gram) का उत्पादन कम हुआ था। यह छूट पहले फरवरी 2024 तक बढ़ाई गई थी और अब इसे मई 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
2024 में 67 लाख टन दालों का आयात
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में कुल 67 लाख टन दालों (Pulses) का आयात किया गया था। इसमें अकेले पीली मटर का आयात 30 लाख टन तक पहुंच गया। इस बड़े आयात का कारण घरेलू उत्पादन में कमी और बढ़ती मांग रही।
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किसानों को एमएसपी पर दालों की खरीद का लाभ
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM-AASHA) के तहत किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर दालें खरीदने की मंजूरी दी है। यह योजना 15वें वित्त आयोग के 2025-26 तक के चक्र में जारी रहेगी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना और घरेलू आपूर्ति बढ़ाना है।
13.22 लाख मीट्रिक टन तुअर की खरीद को मंजूरी
सरकार ने खरीफ 2024-25 सीजन में 13.22 लाख मीट्रिक टन तुअर (अरहर) की खरीद को मंजूरी दी है। यह खरीद केंद्र सरकार की मूल्य समर्थन योजना (PSS) के तहत की जाएगी। इसमें नैफेड (NAFED) और एनसीसीएफ (NCCF) जैसी केंद्रीय नोडल एजेंसियां किसानों से सीधे खरीद करेंगी। इस फैसले से दाल उत्पादकों को बड़ा लाभ मिलेगा और बाजार में संतुलन बना रहेगा।
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किन राज्यों में होगी तुअर दाल की खरीद?
खरीफ 2024-25 सीजन में तुअर दाल की खरीद निम्नलिखित राज्यों में होगी:
- आंध्र प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- गुजरात
- हरियाणा
- कर्नाटक
- मध्य प्रदेश
- महाराष्ट्र
- तेलंगाना
- उत्तर प्रदेश
सरकार का उद्देश्य और भावी रणनीति
सरकार की इस नीति का मुख्य उद्देश्य दालों की कीमतों को स्थिर बनाए रखना और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाना है। मसूर दाल पर शुल्क लगाने से आयात में कमी आ सकती है, जिससे घरेलू किसानों को लाभ होगा। वहीं, पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात को जारी रखने से बाजार में आपूर्ति बनी रहेगी और संभावित महंगाई पर नियंत्रण रहेगा।