राजस्थान पुलिस ने एक ऐसे संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो अपहरण और लूटपाट के अपराधों में शामिल था। इस गिरोह का संचालन मेरठ के पुलिसकर्मी और एक वकील मिलकर कर रहे थे। राजस्थान के झुंझुनू जिले में बिसाऊ थाना पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें दो मेरठ पुलिस के जवान और एक वकील शामिल है।
कैसे चल रहा था ‘अपहरण गैंग’?
पकड़े गए आरोपियों में यूपी पुलिस के कांस्टेबल रिंकू सिंह गुर्जर और हेड कांस्टेबल अमित खटाना के साथ एक वकील आकाश शर्मा भी शामिल है। यह गिरोह अपने आप को उत्तर प्रदेश पुलिस की एसओजी टीम का अधिकारी बताकर लोगों को डराता था और अपहरण कर उनसे लूटपाट करता था। गिरोह की गिरफ्तारी के दौरान, यह कपड़े बेचने वाले दंपती समेत चार लोगों को अपहरण करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने समय पर पहुंचकर सभी को धर दबोचा।
आरोपियों की पहचान और अपराध का तरीका
गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी हैं मीनू रानी, अनुज नागर, और मुनकाद, जो उत्तर प्रदेश और दिल्ली के निवासी हैं। गिरोह ने चूरू से झुंझुनू आ रही एक रोडवेज बस से बुलंदशहर निवासी जाखिया सहित पाँच लोगों का अपहरण किया। बस में मौजूद एक व्यक्ति ने घटना की जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद बिसाऊ पुलिस ने गांगियासर तिराहे पर नाकाबंदी कर सभी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस को बरामद हुए हथियार और हथकड़ी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से दो गन, होलस्टर और एक हथकड़ी बरामद हुई है। राजस्थान के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया और विभागीय जांच के आदेश भी जारी किए हैं।
इस गिरोह की गिरफ्तारी ने पुलिस विभाग में फैले कुछ भ्रष्ट तत्वों को उजागर किया है, जो कानून का दुरुपयोग कर अपराधों में लिप्त थे। पुलिस और न्यायिक अधिकारियों के संगठित अपराध में शामिल होने से कानून व्यवस्था पर सवाल उठते हैं। इस घटना से यह साफ है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।