अब दूध भी बना महंगा सौदा! 4 रुपए किलो बढ़े दाम – बस, मेट्रो के बाद अब रसोई पर भी असर

अब दूध भी बना महंगा सौदा! 4 रुपए किलो बढ़े दाम – बस, मेट्रो के बाद अब रसोई पर भी असर
अब दूध भी बना महंगा सौदा! 4 रुपए किलो बढ़े दाम – बस, मेट्रो के बाद अब रसोई पर भी असर
अब दूध भी बना महंगा सौदा! 4 रुपए किलो बढ़े दाम – बस, मेट्रो के बाद अब रसोई पर भी असर

कर्नाटक सरकार ने दूध की कीमतों में इजाफा कर आम जनता को एक और झटका दिया है। बस और मेट्रो के किराये में हाल ही में हुई बढ़ोतरी के बाद अब राज्य सरकार ने नंदिनी दूध (Nandini Milk) के दामों में 4 रुपये प्रति लीटर तक का इजाफा कर दिया है। यह फैसला मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। बढ़ी हुई कीमतें शुक्रवार से लागू होंगी। यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब राज्य के लोग पारंपरिक त्योहार उगादी (Ugadi) मना रहे हैं, जिससे त्योहार की खुशियों पर महंगाई की मार महसूस की जा रही है।

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कितनी बढ़ी नंदिनी दूध की कीमतें?

कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF) के ब्रांड नंदिनी दूध की सभी श्रेणियों के दामों में करीब 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। हर प्रकार के पैक की कीमतें अब पहले से ज्यादा हो गई हैं।

  • नीला पैकेट, जो पहले 44 रुपये में मिलता था, अब 48 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
  • नारंगी पैकेट की कीमत 54 से बढ़कर 58 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
  • समृद्धि दूध, जो पहले 56 रुपये प्रति लीटर था, अब 60 रुपये में मिलेगा।
  • ग्रीन स्पेशल दूध का दाम भी 54 से बढ़कर 58 रुपये प्रति लीटर हो गया है।
  • वहीं सामान्य ग्रीन दूध अब 52 की बजाय 56 रुपये प्रति लीटर में मिलेगा।

यह पहली बार है जब नंदिनी ब्रांड का दूध 60 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंचा है, जो कि राज्य के उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गया है।

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सरकार के फैसले का असर

राज्य सरकार का यह निर्णय दूध उत्पादक किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार का तर्क है कि उत्पादन लागत बढ़ने के कारण यह मूल्य वृद्धि आवश्यक थी। हालांकि, इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ा है। घरों में रोजमर्रा की आवश्यक वस्तु होने के कारण दूध की कीमतों में वृद्धि का प्रभाव बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी पर पड़ेगा।

त्योहार के मौके पर यह फैसला राज्यवासियों के लिए दोहरी मार जैसा है – एक तरफ महंगाई की मार, दूसरी तरफ त्योहार की तैयारी पर असर। विपक्षी दलों ने भी इस फैसले को लेकर सरकार की आलोचना की है।

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क्या अमूल और मदर डेयरी भी बढ़ाएंगे दाम?

नंदिनी के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि क्या देश के अन्य प्रमुख डेयरी ब्रांड्स – अमूल (Amul) और मदर डेयरी (Mother Dairy) भी दूध के दाम बढ़ाएंगे? फिलहाल, जनवरी 2025 में अमूल ने अपने कुछ विशेष श्रेणी के एक लीटर पैक में 1 रुपये की कटौती की थी, लेकिन सामान्य दूध की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया।

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गौरतलब है कि जून 2024 में अमूल और नंदिनी दोनों ने दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। वहीं 2023 में नंदिनी ने एक बार फिर 3 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया था।

ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अन्य डेयरी कंपनियां नंदिनी के इस फैसले का अनुसरण करती हैं या नहीं।

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बढ़ती महंगाई में एक और झटका

पेट्रोल, डीजल, गैस और अब दूध – एक के बाद एक जरूरी वस्तुओं की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। आम आदमी की जेब पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। सरकार जहां इस फैसले को किसानों के हित में बता रही है, वहीं उपभोक्ताओं का कहना है कि बार-बार कीमतें बढ़ने से बजट बिगड़ गया है।

दूध की बढ़ती कीमतें न सिर्फ घरों के किचन बजट को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि इससे जुड़ी डेयरी उत्पादों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं, जिनमें दही, पनीर, घी और मिठाइयां शामिल हैं।

सरकार का तर्क और प्रतिक्रिया

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह मूल्य वृद्धि किसानों को लाभ पहुंचाने और डेयरी क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए की गई है। इसके माध्यम से डेयरी किसानों को दूध के उत्पादन की लागत के अनुरूप उचित मूल्य दिया जाएगा।

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हालांकि, उपभोक्ताओं और कुछ विपक्षी दलों ने इस कदम को लोकविरोधी करार देते हुए कहा है कि सरकार को आम जनता की कठिनाइयों का ध्यान रखना चाहिए, खासकर जब देशभर में महंगाई (Inflation) एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है।

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By Rohit Kumar

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