
मध्य प्रदेश सरकार ने शहरों के भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए MP City Survey Program की शुरुआत कर दी है। इस अभियान का शुभारंभ आज (18 फरवरी) को रायसेन से हुआ, जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य शहरी भूमि के रिकॉर्ड को डिजिटाइज़ करना और नागरिकों को उनके भूखंड व संपत्तियों की स्पष्ट जानकारी देना है।
डिजिटल भूमि रिकॉर्ड की आवश्यकता और अभियान की शुरुआत
शहरी विकास में पारदर्शिता और संरचना को सुदृढ़ करने के लिए डिजिटल भूमि रिकॉर्ड अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने MP City Survey Program लॉन्च किया है, जो देशभर में अपनी तरह का सबसे बड़ा डिजिटल भूमि रिकॉर्ड अभियान है।
आज सुबह 11:00 बजे रायसेन में इस अभियान की आधिकारिक शुरुआत हुई। सरकार इस कार्यक्रम के तहत हवाई सर्वेक्षण और आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके भूमि रिकॉर्ड को अपडेट करेगी। वेब GIS (Geographic Information System) प्लेटफॉर्म की सहायता से पूरी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जाएगा।
सिटी सर्वे प्रोग्राम की मुख्य विशेषताएँ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बताया। उनके अनुसार, यह पहल मध्य प्रदेश के शहरी विकास को नई दिशा प्रदान करेगी। इसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:
- भूमि मालिकाना हक की स्पष्टता: सर्वेक्षण के माध्यम से नागरिकों को अपने भूखंड और मकान का स्पष्ट स्वामित्व प्रमाण मिलेगा।
- शहरी विकास में तेजी: भूमि रिकॉर्ड पारदर्शी होने से योजनाओं को लागू करने में आसानी होगी, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को गति मिलेगी।
- क्रेडिट और लोन की सुविधा: स्पष्ट संपत्ति रिकॉर्ड होने से नागरिकों को बैंक लोन और अन्य वित्तीय सहायता आसानी से मिल सकेगी।
- संपत्ति कर वसूली में सुधार: सही भूमि रिकॉर्ड होने से राजस्व संग्रहण और कर प्रणाली को प्रभावी बनाया जा सकेगा।
- आपदा प्रबंधन में सहायक: सटीक डिजिटल डेटा से किसी भी आपदा के दौरान प्रभावी योजना बनाई जा सकेगी।
नागरिकों को क्या-क्या सुविधाएँ मिलेंगी?
मध्य प्रदेश सरकार का दावा है कि MP City Survey Program के बाद नागरिकों को कई प्रकार की सुविधाएँ प्राप्त होंगी:
- उनकी भूमि और संपत्ति से जुड़े विवादों का शीघ्र समाधान होगा।
- अवैध कब्जों को रोकने में सहायता मिलेगी।
- सरकारी योजनाओं और Infra Projects को सही दिशा मिलेगी।
- संपत्ति की रीसेल व लोन से संबंधित प्रक्रियाएँ सरल होंगी।
- सरकारी नीतियों में पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे नागरिकों का सरकार पर विश्वास बढ़ेगा।