MP New Liquor Policy: MP की आबकारी नीति में बदलाव, मध्य प्रदेश में इन जगहों पर बंद होंगे शराब के ठेके

MP New Liquor Policy: MP की आबकारी नीति में बदलाव, मध्य प्रदेश में इन जगहों पर बंद होंगे शराब के ठेके
MP New Liquor Policy
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मध्य प्रदेश सरकार ने MP New Excise Policy को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस नीति के तहत राज्य के 19 पवित्र शहरों में शराब की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इस निर्णय के कारण राज्य सरकार को आबकारी राजस्व में लगभग 450 करोड़ रुपये के संभावित नुकसान का सामना करना पड़ेगा।

शराबबंदी के दायरे में आने वाले क्षेत्र

राजभवन की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रदेश के 19 पवित्र स्थलों में शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक रहेगी। इसमें उज्जैन नगर निगम, ओंकारेश्वर नगर पंचायत, महेश्वर नगर पंचायत, मंडलेश्वर नगर पंचायत, ओरछा नगर पंचायत, मैहर नगर पालिका, चित्रकूट नगर पंचायत, दतिया नगर पालिका, पन्ना नगर पालिका, मंडला नगर पालिका, मुलताई नगर पालिका, मंदसौर नगर पालिका, अमरकंटक नगर पंचायत, सलकनपुर ग्राम पंचायत, बरमान कला ग्राम पंचायत, लिंगा ग्राम पंचायत, बरमान खुर्द ग्राम पंचायत, कुंडलपुर ग्राम पंचायत और बांदकपुर ग्राम पंचायत शामिल हैं।

‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ का शुभारंभ

MP New Excise Policy के तहत पहली बार राज्य में ‘Low Alcoholic Beverage Bar’ खोले जाएंगे। इन बारों में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक मादक पेय पदार्थों की ही अनुमति होगी, जिनमें 10 प्रतिशत तक वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) अल्कोहल की सीमा होगी। मौजूदा समय में पूरे प्रदेश में लगभग 460-470 बीयर बार संचालित हैं, और इस नई नीति के तहत इनकी संख्या में बढ़ोतरी होगी।

नए नियमों और शुल्क में बढ़ोतरी

सरकार ने आबकारी नीति के तहत शराब की दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि की है। हालांकि, हेरिटेज शराब और वाइन उत्पादन नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हेरिटेज शराब निर्माताओं को मूल्य वर्धित कर (VAT) में छूट जारी रहेगी।

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इसके अलावा, राज्य की अंगूर प्रसंस्करण नीति को भी बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके। इस नीति के तहत अंगूर, जामुन और अन्य स्थानीय फलों के साथ शहद से भी शराब उत्पादन की अनुमति दी जाएगी।

विदेशी शराब उत्पादन और निर्यात की अनुमति

नई नीति के तहत अगले वित्तीय वर्ष से विदेशी शराब की बोतल निर्माण इकाइयों को विशेष अनुमति दी जाएगी। इस नीति के तहत शराब निर्माण, भंडारण, निर्यात, आयात और बिक्री को लेकर भी नई व्यवस्थाएँ लागू की जाएंगी। अनुमान है कि राज्य में 3,600 शराब दुकानें इस वित्तीय वर्ष में लगभग 15,200 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करेंगी।

शराबबंदी के बावजूद व्यक्तिगत उपयोग की छूट

हालांकि, सरकार ने 19 प्रतिबंधित क्षेत्रों में शराब बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी है, लेकिन वहां बाहरी स्रोतों से शराब लाने और व्यक्तिगत रूप से सेवन करने पर कोई दंड नहीं लगाया जाएगा। इसके पीछे का कारण यह है कि मध्य प्रदेश में पूर्ण निषेध कानून (Prohibition Law) लागू नहीं है।

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By Rohit Kumar

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