
मध्यप्रदेश (MP) में प्रॉपर्टी रेट्स (Property Rates) को लेकर जिला मूल्यांकन समिति ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए नई कलेक्टर गाइडलाइन (Collector New Guideline) का प्रस्ताव पास कर दिया है। इस प्रस्ताव के तहत शहरी क्षेत्रों की 1490 लोकेशन में से 1101 पर और ग्रामीण क्षेत्रों की 701 लोकेशन में से 471 पर भूमि दरों में वृद्धि की गई है। यह 2014 के बाद की सबसे बड़ी वृद्धि मानी जा रही है, जिससे नई गाइडलाइन लागू होने के बाद जमीनों के दाम आसमान छू सकते हैं।
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इस वृद्धि से सरकार की राजस्व आय में 300 से 350 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना है। हालांकि, जिन लोगों का खुद का घर बनाने का सपना है, उनके लिए स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) और पंजीयन शुल्क (Registration Fees) पर भारी खर्च बढ़ सकता है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कितनी हुई वृद्धि?
नए वित्त वर्ष में शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.9% और ग्रामीण क्षेत्रों में औसतन 20.8% की वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
शहरी क्षेत्रों में वृद्धि
- ग्वालियर वृत्त-1 : 35.5%
- ग्वालियर वृत्त-2 : 34.13%
- डबरा : 23.48%
- भितरवार : 2.62%
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ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि
- ग्वालियर वृत्त-1 : 23.06%
- ग्वालियर वृत्त-2 : 38.12%
- डबरा : 8.6%
- भितरवार : 13.8%
25 स्थानों पर 100% से 200% तक गाइडलाइन दर में बढ़ोतरी
शहर के 25 स्थानों पर गाइडलाइन में 100% से 200% तक वृद्धि की गई है। वहीं, 4 स्थानों पर यह बढ़ोतरी 200% से अधिक दर्ज की गई है।
गाइडलाइन निर्धारण में बाजार भाव को प्राथमिकता दी गई है। इस संबंध में दावे और आपत्तियां भी दर्ज की गई थीं, जिनमें से 26 आपत्तियों का निराकरण कर दिया गया। कुछ आपत्तियां आंशिक रूप से स्वीकार की गईं, जबकि कई आपत्तियां अमान्य कर दी गईं।
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बड़ी लोकेशन पर कितनी हुई बढ़ोतरी?
- वार्ड 60 (नियोटेरिक हाउसिंग इंडिया) : गाइडलाइन 30,000 स्क्वायर मीटर से 1 लाख स्क्वायर मीटर कर दी गई थी। आपत्ति के बाद इसे 70,000 स्क्वायर मीटर किया गया।
- ग्राम गंगापुर : 3,000 स्क्वायर मीटर से बढ़ाकर 10,000 स्क्वायर मीटर कर दिया गया।
- वार्ड क्रमांक 60, डोंगरपुर : 25,000 व 40,000 स्क्वायर मीटर की दरें लागू की गईं।
- शंकरपुर : 15,000 से बढ़ाकर 25,000 स्क्वायर मीटर, 8,000 से बढ़ाकर 10,000 स्क्वायर मीटर किया गया।
- बरोआ नूराबाद रोड : आवासीय दर 10,000 से 15,000 स्क्वायर मीटर कर दी गई।
कलेक्टर की बैठक और आगामी प्रक्रिया
गाइडलाइन निर्धारण को लेकर कलेक्ट्रेट में कलेक्टर रुचिका चौहान की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में वरिष्ठ जिला पंजीयक ने नई गाइडलाइन पर चर्चा की और दावे-आपत्तियों के निराकरण के बाद इसे स्वीकृति दी गई। इसके बाद इस प्रस्ताव को केंद्रीय मूल्यांकन समिति (Central Valuation Committee) को भेजा जाएगा और 1 अप्रैल 2025 से नई गाइडलाइन लागू हो जाएगी।
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कलेक्टर ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि जहां सरकारी प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है, वहां गाइडलाइन में अनावश्यक वृद्धि न हो।
नए गाइडलाइन का असर क्या होगा?
- रियल एस्टेट सेक्टर (Real Estate Sector) पर असर : ज़मीन महंगी होने से बिल्डरों और निवेशकों को अधिक लागत चुकानी पड़ेगी, जिससे प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ेंगी।
- होम लोन (Home Loan) पर प्रभाव : ज़मीन और फ्लैट की कीमतें बढ़ने से होम लोन की मांग बढ़ सकती है, लेकिन ऋण की पात्रता भी प्रभावित होगी।
- स्टांप ड्यूटी (Stamp Duty) और रजिस्ट्रेशन फीस (Registration Fees) पर असर : ज़मीन के दाम बढ़ने से स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी होगी, जिससे खरीदारों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
- सरकारी राजस्व में वृद्धि : इस बढ़ोतरी से राज्य सरकार की आय 300 से 350 करोड़ रुपये तक बढ़ सकती है।