आज के समय में वित्तीय सेवाओं की बढ़ती मांग के बीच Savings Account यानी बचत खाता लगभग हर व्यक्ति की पहली बैंकिंग जरूरत बन चुका है। बैंक में खाता खोलना अब सिर्फ पैसे जमा रखने के लिए नहीं, बल्कि डिजिटल ट्रांजेक्शन, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, ऑटो पेमेंट और निवेश सेवाओं तक पहुंच का जरिया भी बन चुका है।

अक्सर लोग अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग जरूरतों के लिए बचत खाते खोलते हैं, लेकिन एक सवाल जो अक्सर उठता है—क्या एक ही बैंक में दो या अधिक Savings Account खोले जा सकते हैं? इसका सीधा उत्तर है—हां, खोले जा सकते हैं। हालांकि यह पूरी तरह बैंक की पॉलिसी पर निर्भर करता है, लेकिन ज्यादातर बैंक एक ही ग्राहक को कई खाते खोलने की अनुमति देते हैं, खासकर जब उनका उद्देश्य और खाता प्रकार अलग-अलग हो।
एक ही बैंक में दूसरा सेविंग अकाउंट खोलना संभव है?
बैंकिंग नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति एक ही बैंक में एक से ज्यादा Savings Account खोल सकता है। हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें होती हैं। अगर खाता अलग शाखा में हो, या उसका उद्देश्य अलग हो (जैसे एक अकाउंट Salary के लिए और दूसरा Personal Expenses के लिए), तो बैंक आम तौर पर अनुमति दे देता है।
कुछ बैंक खासतौर पर अलग-अलग प्रकार के सेविंग्स अकाउंट ऑफर करते हैं जैसे Salary Account, Senior Citizen Account, Minor Account, Women Account आदि। अगर आप इनमें से किसी विशेष योजना के तहत खाता खोलते हैं तो दूसरा खाता खोलना और भी आसान हो जाता है।
एक ही बैंक में दो खाते खोलने के फायदे
एक ही बैंक में दो Savings Account खोलने के कई फायदे हो सकते हैं, खासतौर पर यदि आप अपनी वित्तीय योजना को व्यवस्थित रखना चाहते हैं।
पहला फायदा यह होता है कि आप अपनी इनकम और खर्च को अलग-अलग ट्रैक कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक अकाउंट में सिर्फ सैलरी आए और वहीं से निवेश हो, जबकि दूसरा खाता घरेलू खर्चों के लिए उपयोग हो। इससे बजटिंग आसान हो जाती है।
दूसरा फायदा यह है कि यदि एक खाता किसी तकनीकी कारण से अस्थायी रूप से निष्क्रिय हो जाए तो दूसरे खाते से ट्रांजेक्शन जारी रखा जा सकता है।
तीसरा, यदि आप एक अकाउंट को केवल ऑटो डेबिट या EMI जैसे भुगतान के लिए रखते हैं तो उससे मैन्युअल हस्तक्षेप की जरूरत नहीं रहती।
इसके क्या नुकसान हो सकते हैं?
जहां फायदे हैं, वहीं कुछ नुकसान भी हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है। सबसे बड़ा नुकसान है कि आपको दोनों खातों का न्यूनतम बैलेंस (Minimum Balance) बनाए रखना पड़ सकता है।
यदि आप ऐसा नहीं कर पाए तो आपको हर खाता नियम के अनुसार Penalty देनी पड़ सकती है।
दूसरा नुकसान यह है कि दोनों खातों की निगरानी बनाए रखना कठिन हो सकता है। खासकर यदि दोनों में नियमित लेन-देन हो रहा हो तो ट्रांजेक्शन हिस्ट्री को समझना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
तीसरा यह कि आयकर विभाग (Income Tax Department) की नजर में आप पर अतिरिक्त निगरानी हो सकती है। यदि आपके सभी खातों में ज्यादा ट्रांजेक्शन हो रहे हैं तो आपको उनके स्रोत स्पष्ट करने पड़ सकते हैं।
बैंक की पॉलिसी क्या कहती है?
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India – RBI) ने सीधे तौर पर एक व्यक्ति के लिए एक बैंक में एक से ज्यादा सेविंग्स अकाउंट खोलने पर रोक नहीं लगाई है। लेकिन यह निर्णय संबंधित बैंक की नीतियों पर आधारित होता है।
कुछ बैंक एक ही व्यक्ति के दो सेविंग्स अकाउंट को लेकर सशर्त अनुमति देते हैं। वहीं कुछ बैंक ग्राहकों को सुझाव देते हैं कि वे दो खातों की जगह एक ही खाता रखें और उसमें अलग-अलग उद्देश्य से Virtual Account Number या Sub Accounts का उपयोग करें।
क्या यह कदम वित्तीय दृष्टि से सही है?
यदि आप अपनी वित्तीय योजना को सुव्यवस्थित करना चाहते हैं, तो एक ही बैंक में दो सेविंग्स अकाउंट खोलना गलत नहीं है। लेकिन ध्यान रहे कि आप उन खातों का सही तरीके से उपयोग करें और आवश्यक शर्तों का पालन करें।
बिना प्लानिंग के अगर कई खाते खोल दिए जाएं तो उससे उलझन, अनावश्यक शुल्क और कर नियमों में परेशानी आ सकती है। इसलिए यह निर्णय लेने से पहले अपनी जरूरतों और बैंक की शर्तों को अच्छी तरह समझ लेना जरूरी है।