
वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसी खोज की है जिसने अंतरिक्ष अनुसंधान के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। धरती से खरबों मील दूर, एक ग्रह पर जीवन के संकेत मिलने की पुष्टि हुई है। यह पहली बार है जब वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से बाहर life beyond Earth का इतना ठोस प्रमाण पाया है। इस खोज ने वैज्ञानिक समुदाय को उत्साहित कर दिया है और अब यह मानने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है कि हम ब्रह्मांड में अकेले नहीं हैं।
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कौन-सा ग्रह है जीवन का यह संभावित घर?
इस खोज का केंद्र बिंदु है K2-18b नामक एक ग्रह, जो पृथ्वी से लगभग 120 प्रकाशवर्ष दूर स्थित है। यह ग्रह लियो (Leo) तारामंडल में मौजूद है और एक लाल बौने तारे की परिक्रमा करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि K2-18b ग्रह पर कुछ ऐसी जैविक गतिविधियाँ पाई गई हैं जो जीवन की ओर इशारा करती हैं।
वैज्ञानिकों ने कैसे की जीवन की पुष्टि?
NASA और James Webb Space Telescope (JWST) के माध्यम से इस ग्रह के वायुमंडल का विश्लेषण किया गया। जांच में पाया गया कि वहां डायमेथाइल सल्फाइड (DMS) नामक एक अणु मौजूद है, जो पृथ्वी पर केवल जैविक स्रोतों से ही उत्पन्न होता है। DMS की मौजूदगी इस बात का संकेत है कि वहां किसी प्रकार की जैविक प्रक्रिया चल रही हो सकती है।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने मेथेन और कार्बन डाइऑक्साइड के भी संकेत पाए हैं। इन गैसों की उपस्थिति यह दर्शाती है कि K2-18b ग्रह का वातावरण पृथ्वी की तरह हो सकता है – जहाँ जीवन की संभावना बढ़ जाती है।
K2-18b: एक ‘हायसियन’ ग्रह
K2-18b को वैज्ञानिकों ने Hycean Planet की श्रेणी में रखा है। हायसियन ग्रह ऐसे ग्रह होते हैं जो महासागरों से ढके हो सकते हैं और जिनका वातावरण हाइड्रोजन से भरपूर होता है। हाइड्रोजन युक्त वायुमंडल और जलमय सतह जीवन के अनुकूल वातावरण बना सकती है।
इस ग्रह का आकार पृथ्वी से लगभग 2.6 गुना बड़ा है और इसका तापमान लगभग 280 से 310 केल्विन के बीच है, जो पानी के तरल रूप में बने रहने के लिए उपयुक्त माना जाता है।
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क्या यह खोज जीवन की सीधी पुष्टि है?
हालाँकि DMS की मौजूदगी एक अहम संकेत है, लेकिन वैज्ञानिक इस निष्कर्ष पर पहुँचने से पहले और भी गहन विश्लेषण कर रहे हैं। NASA के प्रमुख वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अब तक का सबसे मजबूत संकेत हो सकता है, लेकिन अंतिम पुष्टि के लिए और डेटा की आवश्यकता है।
JWST आने वाले महीनों में K2-18b की और अधिक जाँच करेगा। यदि जैविक प्रक्रियाओं के और प्रमाण मिलते हैं, तो यह Exoplanet Research के क्षेत्र में ऐतिहासिक खोज साबित हो सकती है।
क्या पृथ्वी से वहां संपर्क हो सकता है?
अब सवाल उठता है कि क्या हम K2-18b से संपर्क कर सकते हैं? फिलहाल यह संभव नहीं है, क्योंकि यह ग्रह हमसे 120 प्रकाशवर्ष दूर है। मौजूदा तकनीकों के साथ इतनी दूरी तय करना असंभव है। लेकिन आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष यात्रा और संचार की तकनीक में जबरदस्त प्रगति हो रही है, जिससे भविष्य में ऐसी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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इस खोज का महत्व और भविष्य की दिशा
K2-18b पर मिले संकेत यह दर्शाते हैं कि हमारी आकाशगंगा में जीवन संभवतः आम बात हो सकती है। यह खोज न केवल वैज्ञानिक दृष्टि से बल्कि दर्शन और मानव अस्तित्व की समझ के लिए भी बहुत अहम मानी जा रही है।
NASA और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियाँ अब और अधिक ऐसे ग्रहों की खोज में लग गई हैं जो ‘हायसियन’ जैसे वातावरण वाले हों। भविष्य में K2-18b जैसे ग्रहों का अध्ययन करके हम पृथ्वी के बाहर Alien Life की अधिक गहराई से समझ विकसित कर सकेंगे।