यूपी अब एक बड़ा कदम की ओर बढ़ रहा है। राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने के सबसे महत्वपूर्ण शहरी विकास प्रोजेक्ट न्यू नोएडा को हरि झंडी दे दी है। इस मास्टर प्लान के विस्तार में अब 144 नए गांवों को शामिल किया गया है, जिससे इस इलाके में कुल गांवों की संख्या 257 तक पहुंच जाएगी। यह विकास उत्तर प्रदेश के लिए एक बड़ी शहरी क्रांति साबित होने जा रहा है, जिससे इस क्षेत्र का नक्शा बदल सकता है।

न्यू नोएडा शहर के निर्माण का उद्देश्य इस क्षेत्र को नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद की मौजूद खामियों से मुक्त करना है और इसे एक बेहतर, सुनियोजित और अत्याधुनिक शहर के रूप में विकसित करना है। इस नए शहर के लिए दादरी और बुलंदशहर के 84 गावों की भूमि का चयन किया गया है, और इसके निर्माण का कार्य चार चरणों में पूरा किया जाएगा। यह परियोजना वर्ष 2041 तक पूरी तरह से तैयार हो जाएगी।
चार चरणों में होगा विकास
न्यू नोएडा मास्टर प्लान 2041’ के तहत इस शहर का विकास छोटे-छोटे हिस्सों से किया जाएगा, प्रत्येक चरण में विशेष ध्यान शहर के बुनयादी ढांचे आवासीय क्षेत्रों और व्यावसायिक क्षेत्रों के निर्माण पर दिया जाएगा। पहले चरण (2023-2027) में 3,165 हेक्टेयर जमीन पर बुनियादी ढांचे का विकास किया जाएगा, जिसमें भूमि अधिग्रहण, आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों का निर्माण शामिल होगा। दूसरे चरण चरण (2027-2032) में 3,798 हेक्टेयर भूमि पर आवासीय और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। तीसरे चरण (2032-2037) में इस शहर का विस्तार और अधिक क्षेत्रों तक किया जाएगा। अंतिम चरण (2037-2041) में परियोजना पूरी तरह से विकसित हो जाएगी। हर चरण में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ अत्याधुनिक शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
किसानों को मिलेगा बड़ा मुआवजा
इस परियोजना के तहत 257 गावों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसमें बुलंदशहर, हापुड़, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर के प्रमुख गावं शामिल है। जिनमें से कुछ गांवों के नाम हैं- अच्छेजा, अहमदपुर अगवाना, आमका, खटाना, रानौली, गेसूपुर, बिसहाड़ा, प्यावली और ऊंचा अमीपुर इन गांवों की जमींन पर अधिग्रहणजल्द ही शुरू होने वाला है, जिससे किसानों को आर्थिक रुप से लाभ होगा।
Master Plan 2041 के अंतर्गत 41 नए गांवों को जोड़ना के बाद ग्रेटर नोएडा का कुल क्षेत्रफल करीब 55,970 हेक्टेयर हो जाएगा, जो पहले 22,255 हेक्टेयर था। इस विस्तार का प्रमुख उद्देश्य इस क्षेत्र में औद्योगिक, आवासीय और परिवहन के लिए आवश्यक सुविधाओं का विकास करना है, ताकि रोजगार के अवसर पैदा हो सकें।
विदेशी स्मार्ट सिटी की तर्ज पर होगा निर्माण
न्यू नोएडा को पूरी तरह से विदेशी स्मार्ट सिटीज़ की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। नोएडा अथॉरिटी के CEO डॉ. लोकेश एम के अनुसार, यह शहर पर्यावरण के अनुकूल, टिकाऊ और ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर से लैस होगा। यहां की इमारतें सौर ऊर्जा, ग्रीन बिल्डिंग तकनीक और ओपन ग्रीन स्पेस के कॉन्सेप्ट पर आधारित होंगी। साथ ही नागरिकों की सुविधा के लिए अत्याधुनिक स्मार्ट सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
स्मार्ट ट्रैफिक और सुरक्षा सिस्टम
शहर में स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल और हाई-टेक कैमरों के साथ इंटीग्रेटेड सर्विलांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ISTMS) लागू किया जाएगा, जो ट्रैफिक की निगरानी करेगा और रियल-टाइम में भीड़-भाड़ को नियंत्रित करेगा। इस प्रणाली से ट्रैफिक व्यवस्था और सुरक्षा दोनों ही सुधरेगी, जिससे नागरिकों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
भविष्य के लिए एक स्मार्ट मॉडल
न्यू नोएडा केवल एक शहर नहीं, बल्कि भविष्य का भारत है। इस परियोजना से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा, व्यवसायिक संभावनाओं में वृद्धि होगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। इसमें सभी वर्गों के लिए आवास, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की बेहतरीन सुविधाओं का प्रबंध किया जाएगा।
इस तरह, न्यू नोएडा का निर्माण न केवल उत्तर प्रदेश की शहरी योजनाओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि यह भारत के स्मार्ट सिटी की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, जो वैश्विक मानकों पर खरा उतरेगा।