
देश के विकास में एक्सप्रेसवे और हाईवे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उत्तर प्रदेश (UP) के पश्चिम से लेकर पूर्वांचल तक के जिलों को आपस में जोड़ने के लिए गोरखपुर-शामली एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Gorakhpur-Shamli Expressway) का निर्माण इस साल के अंत तक शुरू होने की संभावना है। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा, पंजाब, यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल तक यात्रा को सुगम बनाएगा।
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22 जिलों को मिलेगी बेहतर कनेक्टिविटी
भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के तहत विभिन्न राज्यों को एक्सप्रेसवे के माध्यम से जोड़ा जा रहा है। इस योजना में कई एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य तेज गति से चल रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के 22 जिलों के बीच कनेक्टिविटी बेहतर बनाने के लिए गोरखपुर-शामली ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य इस साल के अंत तक शुरू होने की संभावना है।
700 किलोमीटर लंबा होगा गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे 700 किलोमीटर लंबा होगा और उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े एक्सप्रेसवे गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) से भी बड़ा होगा। हालांकि, दिसंबर 2024 में गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज महाकुंभ (Prayagraj Mahakumbh 2025) से पहले जनता को समर्पित किया जाएगा। लेकिन भविष्य में गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद, हरियाणा और पंजाब की दूरी काफी कम हो जाएगी।
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35,000 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण
लखनऊ में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 2023 में बताया था कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 6-लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Green Field Expressway) 25,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। वहीं, गोरखपुर से शामली तक एक अन्य ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे 35,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाने की योजना है।
रूट मैप : किन राज्यों और जिलों से गुजरेगा एक्सप्रेसवे?
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे निम्नलिखित जिलों से होकर गुजरेगा:
- उत्तर प्रदेश (UP) : गोरखपुर, संतकबीरनगर, बाराबंकी, गोंडा, बस्ती, बहराइच, लखनऊ, अयोध्या, सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर और शामली।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह यूपी का तीसरा सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे होगा, जो 22 जिलों और 37 तहसीलों को जोड़ेगा। इसके अलावा, यह पंजाब-नॉर्थ ईस्ट कॉरिडोर (Punjab-North East Corridor) का भी हिस्सा होगा, जिससे व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
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यात्रा समय होगा कम
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे से पूर्व और पश्चिम यूपी के शहरों को तेजी से जोड़ा जा सकेगा। वर्तमान में गोरखपुर से शामली की यात्रा में 15 घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह घटकर मात्र 8 घंटे रह जाएगी।
एक्सप्रेसवे पर होगी हवाई पट्टी
इस एक्सप्रेसवे को आपातकालीन सड़क मार्ग के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत एक हवाई पट्टी (Airstrip) बनाई जाएगी, जो किसी भी आपात स्थिति में उपयोगी साबित हो सकती है। यह विशेष रूप से चीन के साथ बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए बनाई जाएगी।
व्यापार और इंफ्रास्ट्रक्चर को मिलेगा बढ़ावा
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे से बंगाल, यूपी, हरियाणा और पंजाब तक व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, गोरखपुर से लखनऊ और दिल्ली तक आयात-निर्यात में भी आसानी होगी। इस एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रीन कॉरिडोर (Green Corridor) बनाने की योजना है, जिसके तहत हजारों पेड़ और झाड़ियां लगाई जाएंगी, जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहेगा।
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अंबाला और देहरादून से भी जुड़ेगा गोरखपुर
अंबाला से शामली के बीच एक नया इकनॉमिक कॉरिडोर (Economic Corridor) प्रस्तावित है, जो शामली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इस कॉरिडोर के माध्यम से अंबाला, शामली और गोरखपुर को एक साथ जोड़ा जाएगा, जिससे ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स को भी बढ़ावा मिलेगा।