इंदौर से उज्जैन के बीच बनेगा नया फोरलेन रोड, जमीन अधिग्रहण का काम जल्द होगा शुरू

इंदौर से उज्जैन के बीच बनेगा नया फोरलेन रोड, जमीन अधिग्रहण का काम जल्द होगा शुरू
इंदौर से उज्जैन के बीच बनेगा नया फोरलेन रोड, जमीन अधिग्रहण का काम जल्द होगा शुरू
इंदौर से उज्जैन के बीच बनेगा नया फोरलेन रोड, जमीन अधिग्रहण का काम जल्द होगा शुरू

मध्यप्रदेश में इंदौर और उज्जैन के बीच एक नया ग्रीन फील्ड फोरलेन रोड बनने जा रहा है, जिसे राज्य सरकार ने अपनी विकास योजनाओं के तहत मंजूरी दे दी है। इस नए फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए 48 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा, जो इन दोनों प्रमुख शहरों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी। इस परियोजना से यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी, जिससे इंदौर से उज्जैन का सफर महज 30 मिनट में पूरा किया जा सकेगा। विशेषकर, उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ से पहले इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

25 गांवों की जमीन का होगा अधिग्रहण

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए इंदौर और उज्जैन के कुल 25 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इनमें इंदौर के 19 और उज्जैन के 6 गांव शामिल हैं। कुल मिलाकर, 228 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जो इस सड़क मार्ग के निर्माण के लिए आवश्यक होगी। इस परियोजना की लागत लगभग 1370 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है, और इसे केंद्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा पूरा किया जाएगा।

नए फोरलेन मार्ग का निर्माण इंदौर के हातोद क्षेत्र से शुरू होकर उज्जैन में सिंहस्थ बायपास तक जाएगा। यह रास्ता दोनों शहरों के बीच यात्रा को और भी सुगम और तेज बनाएगा। विशेष रूप से, यह मार्ग उज्जैन आने-जाने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगा। सरकार ने इस रोड के निर्माण के लिए सभी जरूरी अनुमतियों को हासिल करने के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

प्रोजेक्ट की प्रगति और सर्वे कार्य

इस परियोजना के तहत सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। सर्वेक्षण के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि पानी के स्रोत, पेड़-पौधों की स्थिति और निर्माण से संबंधित सभी आवश्यक आंकड़े एकत्रित किए जाएं। इसके अलावा, भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत सभी आवश्यक दस्तावेजों की जांच की जा रही है, ताकि परियोजना की प्रक्रिया कानूनी रूप से सही तरीके से पूरी हो सके। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि भूमि अधिग्रहण के दौरान प्रभावित होने वाले लोगों को उचित मुआवजा दिया जाए और उनकी शिकायतों का समाधान किया जाए।

इस प्रोजेक्ट का Detailed Project Report (DPR) आगामी मानसून में तैयार किया जाएगा। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अगस्त 2025 तक इस परियोजना के लिए सुझाव और आपत्तियां भी आमंत्रित की जाएंगी। इसके बाद सरकार टेंडर प्रक्रिया को भी इसी दौरान पूरा करने की योजना बना रही है, ताकि निर्माण कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सके।

सड़क निर्माण के लाभ

यह नया फोरलेन सड़क मार्ग कई दृष्टिकोण से लाभकारी होगा। सबसे पहले, यह इंदौर और उज्जैन के बीच ट्रैफिक की भीड़ को कम करेगा और यात्रा को तेज करेगा। वर्तमान में इंदौर से उज्जैन तक का यात्रा समय लगभग 1.5 से 2 घंटे का होता है, जो इस नए मार्ग के बनने के बाद सिर्फ 30 मिनट रह जाएगा। इससे न केवल यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी यह राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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इसके अलावा, इस सड़क के बनने से दोनों शहरों के बीच व्यापारिक और औद्योगिक संबंधों में भी बढ़ोतरी हो सकती है। इंदौर पहले ही मध्यप्रदेश का प्रमुख व्यापारिक केंद्र है, और उज्जैन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस सड़क के माध्यम से इन दोनों क्षेत्रों के बीच आसान यातायात से रोजगार और व्यापार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।

भूमि अधिग्रहण और संबंधित प्रक्रिया

इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी एक महत्वपूर्ण चरण है। भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत, संबंधित अधिकारियों द्वारा गांवों की भूमि का खसरा नंबर और दस्तावेजों की जांच की जाएगी। प्रभावित किसानों और भूमि मालिकों को उनके अधिकारों के अनुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा। यह प्रक्रिया कानून के तहत पूरी की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी जटिलताओं से बचा जा सके।

प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों से सभी प्रकार की आपत्तियां और सुझाव अगस्त तक लिए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी संबंधित पक्षों के हितों का ध्यान रखा जाए और परियोजना में किसी भी प्रकार की रुकावट न हो।

जल्द पूरा होगा प्रोजेक्ट, बड़ी उम्मीदें

राज्य सरकार का मानना है कि यह फोरलेन रोड मध्यप्रदेश के विकास के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार के अधिकारियों ने बताया कि इस सड़क के बन जाने से न केवल यात्रा का समय कम होगा, बल्कि दोनों शहरों के बीच समग्र विकास के अवसर भी बढ़ेंगे। इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाओं को तेजी से पूरा किया जाएगा, ताकि 2028 तक सिंहस्थ महाकुंभ से पहले इसे जनता के लिए खोल दिया जाए।

इस परियोजना की सफलता से मध्यप्रदेश में अन्य क्षेत्रीय विकास कार्यों को भी गति मिल सकती है, खासकर जब बात यातायात और बुनियादी ढांचे के सुधार की हो। इस नई फोरलेन सड़क के निर्माण से न केवल इंदौर और उज्जैन के बीच यात्रा में सुधार होगा, बल्कि यह पूरे राज्य के लिए एक नए विकास मार्ग का प्रतीक बनेगा।

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By Rohit Kumar

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