यूपी में बनने जा रही नई रिंग रोड! 24 मीटर चौड़ी सड़क के लिए इस किसानों की जमीन ली जाएगी, देखें

मेरठ में बन रहे रिंग रोड के निर्माण के लिए मेडा को 150-200 करोड़ रुपये जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जानिए कैसे यह परियोजना शहर के विकास को नई दिशा देगी और क्या होगा जमीन खरीदने का तरीका। 22 फरवरी को होने वाली बैठक में लिए जाएंगे महत्वपूर्ण फैसले

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Written byRohit Kumar

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यूपी में बनने जा रही नई रिंग रोड! 24 मीटर चौड़ी सड़क के लिए इस किसानों की जमीन ली जाएगी, देखें
यूपी में बनने जा रही नई रिंग रोड! 24 मीटर चौड़ी सड़क के लिए इस किसानों की जमीन ली जाएगी, देखें

शासन की ओर से हापुड़ रोड से जुर्रानपुर, दिल्ली रोड होते हुए दून बाईपास तक रिंग रोड के निर्माण के लिए जो भी खर्च आएगा, उसमें आधे से अधिक हिस्सा मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) को चुकाना होगा। यह फैसला अब तक लगभग तय हो चुका है। मेडा को अपने हिस्से की धनराशि जुटाने के लिए 150 से 200 करोड़ रुपये तक की व्यवस्था करनी होगी।

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इस फैसले से संबंधित प्रारंभिक बैठक शुक्रवार को मेडा सभागार में आयोजित की गई। बैठक में विकासकर्ताओं और राजस्व के उपायों पर चर्चा की गई। इसके साथ ही निवेश और राजस्व की संभावनाओं पर भी विचार किया गया। बैठक के बाद यह तय किया गया कि अगली बैठक 22 फरवरी को सभी जनप्रतिनिधियों के साथ की जाएगी, जिसमें रिंग रोड परियोजना से जुड़े अंतिम निर्णय लिए जाएंगे।

रिंग रोड की चौड़ाई 24 मीटर रखने की योजना

22 फरवरी को होने वाली बैठक में यह तय होगा कि रिंग रोड की चौड़ाई कितनी रखी जाएगी। 45 मीटर चौड़ी सड़क के निर्माण के लिए पहले 291 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें से 75 करोड़ रुपये सड़क के निर्माण के लिए और बाकी धनराशि जमीन खरीदने के लिए मांगी गई थी। हालांकि, शासन ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है और उम्मीद की जा रही है कि शासन से जमीन खरीद के लिए 50 करोड़ रुपये और सड़क निर्माण के लिए 25 से 50 करोड़ रुपये तक मिलेंगे।

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इस तरह की स्थिति में यदि 45 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण किया जाता है तो मेडा को करीब 240 करोड़ रुपये जुटाने होंगे। अब संभावना है कि रिंग रोड को 24 मीटर चौड़ी बनाने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए मेडा को लगभग 150 करोड़ रुपये ही जुटाने होंगे। यह राशि मेडा विभिन्न मानचित्रों, रिंग रोड के एलाइनमेंट से संबंधित औद्योगिक भूउपयोग की जमीन को बिक्री के लिए प्रोत्साहित करके जुटाने की योजना बना रहा है।

मेडा को 150 करोड़ रुपये जुटाने होंगे

मेडा द्वारा इस धनराशि के जुटाने के लिए एक प्रमुख कदम रिंग रोड के एलाइनमेंट से संबंधित औद्योगिक भूमि को बिक्री के लिए प्रोत्साहित करना है। लगभग 200 करोड़ रुपये से जमीन खरीदी जाएगी, और फिर पीडब्ल्यूडी उस पर सड़क का निर्माण करेगा। हालांकि, यह ध्यान में रखना जरूरी है कि जमीन की खरीद 24 मीटर चौड़ी सड़क के लिए की जाएगी, लेकिन भविष्य में अगर जरूरत पड़ी तो दोनों तरफ 10 मीटर अतिरिक्त भूमि आरक्षित की जाएगी, ताकि भविष्य में आवश्यकता पर इसे खरीदा जा सके।

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पूठा के पास 100 हेक्टेयर भूमि पर बनेगा औद्योगिक केंद्र

रिंग रोड का दूसरा हिस्सा दिल्ली रोड से दीवार रबर मिल के पास होते हुए वेदव्यासपुरी तक बनेगा। इस हिस्से में लगभग 1.2 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी, और यहां लगभग 100 हेक्टेयर भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध है। हालांकि, सड़क न होने के कारण यह भूमि अभी तक बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं हो पाई थी। अब रिंग रोड के निर्माण से यह भूमि उद्यमियों के लिए आकर्षक बनेगी और इसे खरीदने के लिए उद्यमियों की रुचि बढ़ेगी।

इसके साथ ही, किसानों से जमीन खरीदने के लिए जनप्रतिनिधियों के माध्यम से वार्ताएं की जाएंगी। इस प्रक्रिया से राजस्व जुटाने के लिए उद्यमियों से सहमति ली जाएगी, ताकि भूमि खरीद की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जा सके।

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रिंग रोड परियोजना के लिए राजस्व जुटाने के उपाय

22 फरवरी को होने वाली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे, जिनमें रिंग रोड परियोजना के लिए राजस्व जुटाने के उपायों पर चर्चा होगी। बैठक में यह तय किया जाएगा कि मेडा किन-किन नियमों में छूट दे सकता है, किस शुल्क में बढ़ोतरी की जा सकती है, और सड़क की चौड़ाई 45 मीटर, 24 मीटर या उससे कम रखी जाए। इसके अलावा, सड़क निर्माण की समय सीमा क्या रखी जा सकती है और क्या विकासकर्ताओं, उद्यमियों आदि से अग्रिम धनराशि जमा कराना उचित रहेगा या नहीं।

आगामी योजनाएं और उनकी चुनौती

इस परियोजना के लिए मेडा को जिस प्रकार की योजनाएं बनानी हैं, उन पर आगामी बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। सड़क की चौड़ाई और भूमि अधिग्रहण से जुड़े सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी। इस परियोजना के तहत भूमि खरीदने और सड़क निर्माण के लिए राशि जुटाने के लिए मेडा को विभिन्न वित्तीय विकल्पों पर विचार करना होगा।

इस महत्वपूर्ण परियोजना के माध्यम से न केवल शहर में बेहतर यातायात सुविधा प्रदान की जाएगी, बल्कि यह औद्योगिक क्षेत्र के विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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