BPL लिस्ट के नए नियम! पंचायत प्रधानों का पावर खत्म – अब फैसला कौन करेगा देखें

BPL लिस्ट के नए नियम! पंचायत प्रधानों का पावर खत्म – अब फैसला कौन करेगा देखें
BPL लिस्ट के नए नियम! पंचायत प्रधानों का पावर खत्म – अब फैसला कौन करेगा देखें
BPL लिस्ट के नए नियम! पंचायत प्रधानों का पावर खत्म – अब फैसला कौन करेगा देखें

हिमाचल प्रदेश में बीपीएल (Below Poverty Line) सूची तैयार करने की प्रक्रिया में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब तक बीपीएल सूची तैयार करने का जिम्मा ग्राम पंचायतों और विशेष रूप से पंचायत प्रधानों के पास होता था, लेकिन सरकार ने इस प्रणाली में पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने के लिए अब यह जिम्मेदारी एसडीएम (Sub-Divisional Magistrate) और बीडीओ (Block Development Officer) को सौंप दी है। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, पंचायत प्रधान अब बीपीएल सूची में किसी को शामिल या बाहर नहीं कर पाएंगे।

यह भी देखें: Google का Pixel 9a लॉन्च! धमाकेदार फीचर्स के साथ iPhone 16e को देगा कड़ी टक्कर

यह बदलाव राज्य सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसमें विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ सही पात्र व्यक्तियों तक पहुंचाने का उद्देश्य रखा गया है। बीपीएल सूची का निर्माण अब और अधिक पारदर्शी तरीके से किया जाएगा, जिससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ सही समय पर और सही तरीके से मिल सके।

अब बीपीएल सूची तैयार करेंगे एसडीएम और बीडीओ

हिमाचल सरकार ने बीपीएल सूची बनाने की प्रक्रिया में व्यापक बदलाव करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका समाप्त कर दी है। अब बीपीएल सूची का निर्धारण एसडीएम और बीडीओ के पर्यवेक्षण में किया जाएगा। पंचायतों को अब केवल सहयोगी भूमिका में रखा गया है, जबकि अंतिम निर्णय लेने का अधिकार प्रशासनिक अधिकारियों के पास होगा।

इस निर्णय से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि बीपीएल सूची में सिर्फ उन्हीं लोगों को शामिल किया जाए, जो वास्तव में इसके पात्र हैं। पहले की प्रणाली में शिकायतें मिलती थीं कि पंचायत स्तर पर सूची में गड़बड़ियां होती हैं और कई बार राजनीतिक या व्यक्तिगत लाभ के लिए पात्र लोगों को बाहर कर दिया जाता था।

बीपीएल के लिए आय सीमा निर्धारित

राज्य सरकार ने बीपीएल सूची के लिए आय की सीमा भी तय कर दी है। अब वार्षिक आय की सीमा एक मानदंड होगी, जिसके आधार पर पात्रता निर्धारित की जाएगी। हालांकि अभी तक सरकार की ओर से आय सीमा का सटीक आंकड़ा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन संकेत हैं कि इसे सामाजिक-आर्थिक आधार पर तय किया जाएगा।

यह भी देखें: योगी सरकार के 8 साल पूरे – जश्न की गूंज के बीच विपक्ष के सवाल और जनता का मूड जानिए

यह आय सीमा राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की औसत आय और जीवनयापन की लागत को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि वास्तव में जरूरतमंद लोग ही इस सूची में शामिल हों और उन्हें सरकार की योजनाओं का अधिकतम लाभ मिल सके।

Also Read

बिना NEET के भी बन सकता है मेडिकल प्रोफेशनल! जानिए हाई सैलरी वाले टॉप करियर ऑप्शन

आवेदन की प्रक्रिया और समय-सीमा

बीपीएल सूची में शामिल होने के लिए आवेदन की प्रक्रिया भी तय कर दी गई है। इच्छुक लाभार्थियों को 1 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच आवेदन करना होगा। इस निर्धारित समय सीमा के भीतर आवेदन न करने पर सूची में नाम नहीं जुड़ पाएगा।

आवेदन प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संचालित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सभी जरूरतमंद लोग आसानी से आवेदन कर सकें। बीडीओ कार्यालय में विशेष सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग आवश्यक दस्तावेजों और जानकारी के साथ आवेदन कर सकेंगे।

पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

बीपीएल सूची निर्माण की इस नई प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देना है। पंचायत स्तर पर हो रही गड़बड़ियों और भाई-भतीजावाद को समाप्त करने के लिए यह कदम उठाया गया है। एसडीएम और बीडीओ के पर्यवेक्षण में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी प्रकार का पक्षपात न हो और हर पात्र व्यक्ति को सूची में शामिल किया जाए।

यह भी देखें: प्याज पर 20% निर्यात शुल्क खत्म! अब क्या बढ़ेंगे दाम? या होगा किसानों को फायदा देखें

इसके अलावा, राज्य सरकार इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी विकसित कर रही है, जिससे कोई भी नागरिक बीपीएल सूची की स्थिति की जांच कर सकेगा और अगर किसी को कोई आपत्ति हो तो वह सीधे प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर सकेगा।

सरकार का लक्ष्य: सही लाभार्थियों तक पहुंचे योजना का लाभ

हिमाचल प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि इस नई व्यवस्था का उद्देश्य राज्य की कल्याणकारी योजनाओं जैसे कि फ्री राशन, स्वास्थ्य बीमा, आवास योजना आदि का लाभ सही लोगों तक पहुंचाना है। बीपीएल सूची को अक्सर विभिन्न सरकारी योजनाओं में पात्रता के आधार के रूप में उपयोग किया जाता है, इसलिए इसकी निष्पक्षता और पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है।

सरकार को उम्मीद है कि बीपीएल सूची की इस नई प्रक्रिया से वास्तविक लाभार्थियों तक सरकारी सहायता पहुंचेगी और समाज के सबसे कमजोर वर्ग को सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी।

Also Read

सनरूफ SUV पर ₹70,000 की भारी छूट – जानें इस महीने कितने में मिल रही

By Rohit Kumar

नमस्ते, Eath NEWJ में आपका स्वागत है! मैं रोहित कुमार हूं, Earthnewj.com चलाने वाला व्यक्ति। कई समाचार पोर्टलों में काम करने के बाद अपने 8 सालों के अनुभव से मैं अर्थ न्यूज को चला रहा हूँ, इस पोर्टल पर मेरी कोशिश हैं की अपने पाठकों को काम की खबर दे पाऊँ।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version