बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए घर-घर में सोलर पैनल देखे जा रहे हैं, सोलर पैनल की इस बढ़ती लोकप्रियता के दौर में वैज्ञानिकों द्वारा सोलर पैनल की आधुनिक तकनीक (Advance Technology of Solar Panel) को विकसित किया है। इस तकनीक के सोलर पैनल का प्रयोग कर घर के अंदर भी बिजली बनाई जा सकती है। सोलर एनर्जी के प्रयोग से बिजली बिल को काफी कम किया जा सकता है, और घर में उपयोग किये जाने वाले किसी भी विद्युत उपकरण को आसानी से चलाया जा सकता है।
सोलर पैनल की आधुनिक तकनीक
सोलर पैनल सामान्यतः सूर्य के प्रकाश में रखने पर बिजली का उत्पादन शुरू करते हैं, ऐसे में मौसम जैसे कारकों पर बिजली उत्पादन निर्भर करता है। लेकिन इस नई तकनीक के सोलर पैनल का प्रयोग कर खराब मौसम में भी घर के अंदर बिजली बनाई जा सकती है, यह सिर्फ रोशनी से भी बिजली का निर्माण करना शुरू कर देते हैं।
घर के अंदर प्रयोग किये जाने वाली सोलर पैनल की आधुनिक तकनीक इनडोर सोलर पैनल (Indoor Solar Panel) है, इन सोलर पैनल की दक्षता को अन्य सोलर पैनल की दक्षता के तुलना में डेवलप किया गया है। ये लगभग 37% की शानदार दक्षता के साथ कार्य करते हैं, और बिजली का उत्पादन ज्यादा मात्रा में करते हैं।
घर के अंदर इंस्टाल होंगे ये सोलर पैनल
सोलर पैनल की आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर कृत्रिम प्रकाश से बिजली बिजली प्राप्त होती है, ये सोलर पैनल लाइट बल्ब के प्रकाश से भी बिजली बना सकते हैं। कॉनस यूनिवर्सिटी (लिथुआनिया) के रिसरचर्स द्वारा इस तकनीक के सोलर सेल को विकसित किया जा रहा है, ऐसे आधुनिक सोलर पैनल से एनर्जी सेक्टर और भी ज्यादा डेवलप होगा।
वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया है कि इनडोर सोलर पैनल की तकनीक को विकसित किया जा रहा है, और इनकी दक्षता को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। पेरोव्स्काइट सोलर सेल का प्रयोग इस प्रकार के पैनल में किया जाएगा, जो कृत्रिम लाइट से भी बिजली बनाने में सक्षम होते हैं। इस सेल को कार्बनिक सेमीकंडक्टर से बनाया गया है।
सोलर पैनल की आधुनिक तकनीक को किया जाएगा विकसित
आज के समय में ये सोलर पैनल अभी भारतीय बाजारों में उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन आने वाले समय में बाजारों में प्रचुर मात्रा में इन्हें देखा जा सकता है। सोलर पैनल की इस एडवांस टेक्नोलॉजी के पूरी तरह से डेवलप हो जाने के बाद ये बाजारों में लांच किये जाएंगे। ऐसे सोलर पैनल सनलाइट के साथ-साथ आर्टिफीसियल लाइट से भी बिजली जनरेट करेंगे। ऐसे में ज्यादा बिजली का उत्पादन संभव है।
सोलर एनर्जी को भविष्य की ऊर्जा भी कहा जाता है, क्योंकि इस ऊर्जा के प्रयोग से सभी क्षेत्रों में कई कार्यों को किया जा सकता है, और इनके प्रयोग से ही जीवाश्म ईंधन के प्रयोग को कम किया जा सकता है। सोलर एनर्जी के माध्यम से संचालित होने वाले उपकरण किसी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न नहीं करते हैं। ऐसे में पर्यावरण को सुरक्षित रखने में इस ऊर्जा का प्रयोग होना जरूरी है।