
TV9 नेटवर्क के WITT सम्मेलन में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने टोल टैक्स (Toll Tax) को लेकर बड़ा बयान दिया है। जब उनसे यह सवाल किया गया कि देश में सबसे अधिक टोल टैक्स एकत्रित करने वाला क्षेत्र गुजरात में स्थित है और लोग यह कहते हैं कि गडकरी जी शानदार हाईवे बनाते हैं लेकिन टोल बहुत वसूलते हैं, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “अच्छी सेवा चाहिए तो पेमेंट करना पड़ेगा।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगले एक हफ्ते में टोल व्यवस्था पर एक बड़ा ऐलान किया जाएगा, जिससे लोगों की नाराजगी दूर हो जाएगी।
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‘मैं टोल का जन्मदाता हूं’, गडकरी का मीम्स पर मजाकिया जवाब
नितिन गडकरी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि “मैं टोल का जन्मदाता हूं।” उन्होंने बताया कि जब वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे, तब मुंबई-पुणे हाईवे, 55 फ्लाईओवर्स, और बांद्रा-वर्ली सीलिंग जैसे प्रोजेक्ट उन्होंने ही शुरू किए थे। इन सभी प्रोजेक्ट्स के लिए फंड जुटाने का कार्य उन्होंने कैपिटल मार्केट (Capital Market) से किया था। उस समय जनता ने भी उनके काम में विश्वास जताया और प्रोजेक्ट्स को सफल बनाया।
दो साल में 25,000 किलोमीटर रोड निर्माण का लक्ष्य
गडकरी ने बताया कि अगले दो वर्षों में 25,000 किलोमीटर टू-लाइन टू-फोर-लाइन सड़कें बनेंगी, जिनका बजट 10 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यह भारत के सड़क परिवहन क्षेत्र के इतिहास में एक बहुत बड़ी योजना मानी जा रही है। संसद में अपने हालिया भाषण का जिक्र करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्माण कार्य समयसीमा में पूरा किया जाएगा और इससे देश के विकास को रफ्तार मिलेगी।
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इनविट मॉडल से जुटाया गया फंड, निवेशकों को आकर्षक रिटर्न
गडकरी ने बताया कि सरकार ने इनविट मॉडल (INVIT Model) के जरिए पूंजी जुटाई, जहां मात्र सात घंटे में फंडिंग की बारिश हो गई। उन्होंने निवेशकों को 8.05% वार्षिक ब्याज (Interest) की गारंटी दी, जिससे भारी निवेश प्राप्त हुआ। उन्होंने यह भी बताया कि इनविट में शामिल निवेशकों को शेयर के रूप में फायदा भी हो रहा है — 100 रुपये का शेयर अब 140 रुपये का हो गया है।
अब इन निवेशकों को हर महीने उनके खाते में ब्याज मिलेगा, जिससे यह एक स्थायी और आकर्षक निवेश माध्यम बन गया है। गडकरी का मानना है कि जब आप लोन लेते हैं तो उसे चुकाना भी जरूरी होता है और इसी के तहत टोल टैक्स को आवश्यक बताया।
ट्रैफिक और गाड़ियों की संख्या बढ़ने से इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव
गडकरी ने यह भी कहा कि देश में लगातार वाहनों की संख्या बढ़ रही है, जिससे ट्रैफिक जाम (Traffic Jam) आम होता जा रहा है। ऐसे में लोगों की मांग होती है कि ब्रिज और ओवरपास बनाए जाएं। लेकिन इसके लिए फंड कहां से आएगा? यही वजह है कि टोल टैक्स जैसी व्यवस्थाएं जरूरी हैं ताकि बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सके।
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भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका से बेहतर होगा
गडकरी ने आत्मविश्वास के साथ दावा किया कि 2024 तक भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर (Road Infrastructure) अमेरिका के बराबर होगा, लेकिन अब वे कहते हैं कि अगले दो सालों में भारत का इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका से भी बेहतर होगा। यह बयान भारत की तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
क्या बदल सकती है टोल की नीति?
गडकरी के बयान से यह संकेत मिलते हैं कि सरकार टोल टैक्स वसूली प्रणाली में सुधार करने जा रही है। संभावना है कि टोल कलेक्शन के नए तकनीकी विकल्पों पर विचार हो रहा है, जिससे यात्रियों को राहत मिले और पारदर्शिता भी बनी रहे। आने वाले सप्ताह में इस संबंध में बड़ा ऐलान हो सकता है, जिसका असर देशभर में महसूस किया जाएगा।