
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने वीजा इंटरव्यू से छूट देने के नियमों में हाल ही में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत कुछ विशेष वीजा श्रेणियों के आवेदकों को अब वीजा इंटरव्यू से राहत मिलेगी। इसके साथ ही, वीजा रिन्यूअल के लिए पात्रता अवधि को 48 महीने से घटाकर 12 महीने कर दिया गया है। हालांकि, इस फैसले से भारतीय H-1B और B1/B2 वीजा धारकों के लिए स्थिति कुछ जटिल हो सकती है, क्योंकि उन्हें अब अधिक व्यक्तिगत साक्षात्कार और लंबी प्रतीक्षा अवधि का सामना करना पड़ सकता है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि जिन आवेदकों को इस छूट का लाभ मिलेगा, वे विशेष वीजा श्रेणियों में शामिल होंगे, जिनमें सरकारी अधिकारी, राजनयिक और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के कर्मचारी शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ वीजा धारक, जो पिछले 12 महीनों के भीतर अपने वीजा का रिन्यूअल कराना चाहते हैं, उन्हें भी साक्षात्कार से छूट मिल सकती है।
वीजा साक्षात्कार छूट के पात्र कौन होंगे?
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के नए आदेश के अनुसार, कुछ वीजा श्रेणियों के तहत आवेदकों को साक्षात्कार से छूट मिलेगी। इनमें ए-1, ए-2, सी-3 (अटेंडेंट्स या सर्वेंट्स को छोड़कर), जी-1, जी-2, जी-3, जी-4, नाटो-1 से नाटो-6 या TECRO ई-1 वीजा धारक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, राजनयिक और आधिकारिक वीजा धारक, साथ ही वे लोग जिन्होंने पिछले 12 महीनों के भीतर अपने वीजा का रिन्यूअल कराया हो, वे भी इस छूट के पात्र होंगे।
यह विशेष छूट विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के संदर्भ में दी जाती है। ए-1, ए-2 और सी-3 वीजा सामान्यत: सरकारी अधिकारियों, जैसे राष्ट्राध्यक्षों और मंत्रियों के लिए होते हैं, जबकि जी-1 से जी-4 वीजा अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अधिकारियों और प्रतिनिधियों के लिए जारी किए जाते हैं।
साक्षात्कार छूट के लिए मानदंड
साक्षात्कार छूट के लिए कुछ निश्चित शर्तें रखी गई हैं। इन शर्तों के तहत, आवेदक को अपनी राष्ट्रीयता या निवास के देश में ही वीजा आवेदन करना होगा। इसके साथ ही, यह भी अनिवार्य है कि आवेदक को पहले कभी वीजा नकारा न गया हो, या यदि ऐसा हुआ हो तो वह नकारा पहले ही समाप्त या माफ किया गया हो। आवेदक के खिलाफ कोई स्पष्ट या संभावित अयोग्यता भी नहीं होनी चाहिए।
ड्रॉपबॉक्स प्रोसेसिंग में बदलाव
एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि अब वीजा रिन्यूअल के लिए ड्रॉपबॉक्स प्रक्रिया की पात्रता अवधि को 48 महीने से घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि आवेदक को अब अपनी वीजा रिन्यूअल के लिए पिछले 12 महीनों के भीतर ही आवेदन करना होगा। इसके कारण कई भारतीय आवेदकों को अब वीजा साक्षात्कार का सामना करना पड़ सकता है, जो पहले ड्रॉपबॉक्स प्रक्रिया का उपयोग कर रहे थे।
यह बदलाव भारतीय H-1B और B1/B2 वीजा धारकों के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है, क्योंकि इन्हें आमतौर पर लंबी प्रतीक्षा अवधि का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, यह संभावना बढ़ सकती है कि यात्रा की योजना में देरी हो और यात्रियों को अधिक समय तक इंतजार करना पड़े।
राजनयिकों और अधिकारियों के लिए अपवाद
इस बदलाव के बावजूद, कुछ अपवाद भी बनाए गए हैं। राजनयिकों और विशेष अधिकारियों को वीजा साक्षात्कार से छूट मिल सकती है। हालांकि, अन्य आम वीजा आवेदकों को अब वीजा रिन्यूअल के लिए कठिन प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। यह बदलाव ऐसे आवेदकों के लिए समस्या उत्पन्न कर सकता है जो पहले वीजा रिन्यूअल के लिए आसानी से पात्र होते थे, लेकिन अब उन्हें वीजा साक्षात्कार की प्रक्रिया में ज्यादा समय और प्रयास करना पड़ेगा।
भारतीयों के लिए क्या होगा असर?
इस बदलाव का सबसे बड़ा असर भारतीय नागरिकों पर पड़ेगा। भारतीय नागरिकों की एक बड़ी संख्या H-1B और B1/B2 वीजा धारक हैं, और इस वर्ग के लिए वीजा रिन्यूअल प्रक्रिया में बदलाव ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले वीजा रिन्यूअल के लिए ड्रॉपबॉक्स प्रणाली का उपयोग करना आसान था, लेकिन अब इस प्रणाली के लिए पात्रता घटने से वीजा धारकों को साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरना पड़ सकता है।
इसके अलावा, भारतीय नागरिकों को अब अधिक समय तक वीजा प्रक्रिया का इंतजार करना पड़ सकता है, जिससे यात्रा योजनाओं में बाधा उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में, भारतीयों को इस नई प्रक्रिया के बारे में पहले से तैयारी करनी चाहिए ताकि वे समय पर वीजा रिन्यूअल कर सकें और किसी भी प्रकार की देरी से बच सकें।