
दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में फ्लैट खरीदारों को अब अतिरिक्त आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ सकता है। जिला प्रशासन ने सर्किल रेट में बढ़ोतरी का प्रस्तावित ड्राफ्ट जारी किया है, जिसके अनुसार फ्लैटों की रजिस्ट्री 20 से 30 प्रतिशत तक महंगी हो सकती है।
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गौतमबुद्ध नगर में सर्किल रेट में प्रस्तावित बढ़ोतरी से फ्लैट खरीदारों को अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ सकता है। खासकर मेट्रो लाइन के निकटवर्ती क्षेत्रों में यह बढ़ोतरी अधिक होगी। खरीदारों को सलाह दी जाती है कि वे इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया जिला प्रशासन को दें और भविष्य की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लें।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सर्किल रेट में वृद्धि
प्रस्तावित ड्राफ्ट के अनुसार, नोएडा में सर्किल रेट में 20 प्रतिशत और ग्रेटर नोएडा में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि का सुझाव दिया गया है। यह वृद्धि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर सीधे प्रभाव डालेगी, जिससे खरीदारों को अधिक स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा।
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मेट्रो लाइन के निकटवर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त बढ़ोतरी
ड्राफ्ट में एक नया प्रावधान भी शामिल किया गया है, जिसके तहत जो ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी मेट्रो लाइन के 500 मीटर के दायरे में आती हैं, वहां फ्लैटों के सर्किल रेट में 5 से 12.5 प्रतिशत की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी। इसका अर्थ यह है कि मेट्रो के निकट स्थित फ्लैटों की रजिस्ट्री और भी महंगी हो सकती है।
सर्किल रेट क्या होता है?
सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर किसी क्षेत्र में प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री की जाती है। यह दर राज्य सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है और इससे कम पर प्रॉपर्टी का पंजीकरण नहीं हो सकता। सर्किल रेट के आधार पर ही स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क की गणना की जाती है।
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संभावित प्रभाव और खरीदारों की चिंता
सर्किल रेट में इस प्रस्तावित वृद्धि से फ्लैट खरीदारों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। विशेषकर वे खरीदार जो पहले से ही वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह बढ़ोतरी चिंता का विषय है। खरीदारों का मानना है कि सरकार को ऐसी नीति बनानी चाहिए, जिससे अटकी हुई परियोजनाओं के खरीदारों को स्टांप शुल्क में कुछ राहत मिल सके।
आगे की प्रक्रिया
प्रस्तावित सर्किल रेट की दरों पर आम जनता से 15 दिनों के भीतर प्रतिक्रिया मांगी जाएगी। इसके बाद ही नई दरों को अंतिम रूप दिया जाएगा और इन्हें लागू किया जाएगा। जिला प्रशासन का कहना है कि सर्किल रेट को बाजार दर के करीब लाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है, ताकि प्रॉपर्टी बाजार में पारदर्शिता बनी रहे।