अब बिना लाइसेंस खाना बेचना बंद! अन‍िवार्य क‍िया रज‍िस्‍ट्रेशन, वरना भरना पड़ेगा लाखों का जुर्माना

उत्तर प्रदेश में अब कोई भी फूड बिजनेस बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के नहीं चल सकेगा। योगी सरकार के नए आदेश के तहत हर ढाबा, ठेला, रेहड़ी, होटल और रेस्टोरेंट को तय समय सीमा के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर लाखों रुपये का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई तय है। पूरी जानकारी जरूर पढ़ें!

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Written byRohit Kumar

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अब बिना लाइसेंस खाना बेचना बंद! अन‍िवार्य क‍िया रज‍िस्‍ट्रेशन, वरना भरना पड़ेगा लाखों का जुर्माना
अब बिना लाइसेंस खाना बेचना बंद! अन‍िवार्य क‍िया रज‍िस्‍ट्रेशन, वरना भरना पड़ेगा लाखों का जुर्माना

उत्तर प्रदेश में फूड बिजनेस (Food Business) अब बिना लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन के नहीं चल सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक अहम निर्णय लेते हुए यह व्यवस्था लागू कर दी है कि राज्य में कोई भी रेस्टोरेंट, ढाबा, ठेला, रेहड़ी या खाद्य निर्माण इकाई बिना वैध पंजीकरण या लाइसेंस के काम नहीं करेगी। इस संबंध में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (Food Safety and Drug Administration Department) द्वारा अप्रैल माह से शुरू किए गए पंजीकरण अभियान को अब 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

31 मई तक का मौका, फिर होगी सख्ती

विभाग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह विशेष अभियान राज्य के सभी जिलों में जारी है और इसका उद्देश्य फूड बिजनेस से जुड़े सभी छोटे-बड़े व्यवसायियों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम (Food Safety Act) के अंतर्गत पंजीकरण या लाइसेंस की प्रक्रिया में शामिल करना है। सरकार का लक्ष्य है कि आम नागरिकों को स्वच्छ, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण भोजन मिले, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर रोक लगाई जा सके।

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जो व्यापारी इस अभियान में अभी तक नहीं जुड़े हैं, उनके लिए यह अंतिम अवसर है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि 31 मई के बाद जो भी फूड व्यवसाय बिना लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन के संचालित होते पाए जाएंगे, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना, प्रतिष्ठान सील करने या अन्य दंडात्मक उपाय शामिल हो सकते हैं।

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहा विशेष कैंप

योगी सरकार के निर्देश पर इस अभियान को व्यापक रूप देने के लिए शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में विशेष कैंप लगाए जा रहे हैं। इन कैंपों के माध्यम से स्थानीय व्यवसायियों को ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की सुविधा दी जा रही है। विभाग की टीमें हर जिले में जाकर व्यवसायियों को रजिस्ट्रेशन के लिए जागरूक कर रही हैं और तकनीकी सहायता भी प्रदान कर रही हैं।

इन कैंपों में ढाबा, ठेला, रेहड़ी, रेस्टोरेंट, होटल से लेकर बड़ी खाद्य निर्माण इकाइयों तक को शामिल किया गया है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए विभाग ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से सुविधा उपलब्ध कराई है।

उपभोक्ताओं को मिलेगा गुणवत्तापूर्ण भोजन

इस पहल का सबसे बड़ा उद्देश्य उपभोक्ताओं को स्वच्छ और सुरक्षित भोजन उपलब्ध कराना है। वर्तमान समय में जब फूड पॉइजनिंग और मिलावटी खाद्य पदार्थों की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे में यह कदम बेहद जरूरी हो गया था। सरकार का मानना है कि रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की बाध्यता से न केवल खाद्य व्यवसायों में पारदर्शिता आएगी, बल्कि उपभोक्ताओं का भरोसा भी बढ़ेगा।

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पंजीकृत फूड व्यवसायों पर नियमित निरीक्षण भी किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स (Food Safety Standards) का पालन कर रहे हैं। इससे उन लोगों पर भी लगाम लगेगी जो अवैध रूप से या बिना मानकों के फूड आइटम्स बेचते हैं।

हजारों फूड व्यापारियों ने अब तक कराया पंजीकरण

विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, अभियान के शुरू होने के बाद से अब तक हजारों फूड व्यापारियों ने रजिस्ट्रेशन और लाइसेंस की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इनमें छोटे स्ट्रीट फूड वेंडर से लेकर नामी होटल और फूड मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स तक शामिल हैं।

फिर भी राज्य में अभी भी एक बड़ी संख्या में ऐसे व्यापारी हैं जो इस प्रक्रिया से वंचित हैं। उन्हें विभाग की ओर से जागरूक किया जा रहा है और कैंपों के माध्यम से सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं ताकि वे जल्द से जल्द इस प्रक्रिया में सम्मिलित हो सकें।

योगी सरकार की पारदर्शी नीति का हिस्सा है यह अभियान

यह पंजीकरण अभियान योगी सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने वाली नीति का हिस्सा है। सरकार का स्पष्ट मत है कि फूड सेक्टर (Food Sector) को नियमों के तहत लाना आवश्यक है ताकि न केवल आम लोगों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे, बल्कि व्यवसायों की विश्वसनीयता और ब्रांड वैल्यू भी बनी रहे।

सरकार की योजना है कि आगे चलकर इस पंजीकरण को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से जोड़ दिया जाए जिससे उपभोक्ता भी यह जान सकें कि वे जिस दुकान या रेस्टोरेंट से भोजन ले रहे हैं, वह पंजीकृत है या नहीं।

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