
हिमाचल प्रदेश के 19 लाख से आधिक राशन कार्ड धारकों के लिए राहत भारी खबर है। भारत सरकार द्वारा आयात शुल्क मे कटौती और खाध निगम आपूर्ति के कार्य को करते हुए, अब उपभोक्ता को सोया रिफाइंड तेल Refined Oil) ₹9 प्रति लीटर सस्ता उपलब्ध होगा। उसके अलावा यह बदलाव विशेष रूप से राष्टीय खाध सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और बीपीएल-BPLश्रेणी में आने वाले लाभार्थियों के लिए राहत का देने वाला बन गया है।
NFSA और BPL वालों को ₹125 प्रति लीटर रेट पर सोया रिफाइंड
अब तक हिमाचल प्रदेश की उचित मूल्य दुकानों (Fair Price Shops) पर एनएफएसए और बीपीएल उपभोक्ताओं को फोर्टिफाइड सोया रिफाइंड तेल ₹134 प्रति लीटर की दर से मुहैया कराया जा रहा था। इसी तरह, आयकरदाता उपभोक्ताओं को यह तेल ₹140 प्रति लीटर में खरीदना पड़ता था। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा रिफाइंड तेल पर आयात शुल्क घटाए जाने के फैसले के बाद अब कीमत में महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की गई है।
नई दरों के अनुसार, एनएफएसए और बीपीएल कार्डधारकों को अब यह तेल ₹125 प्रति लीटर तथा आयकरदाताओं को ₹131 प्रति लीटर की दर से मिलेगा। यह कटौती सीधा प्रभाव प्रदेश के 19 लाख उपभोक्ताओं पर डालेगी, जिससे उनका मासिक घरेलू बजट कुछ हद तक संतुलित होगा।
प्रदेश सरकार को होगा 4.10 करोड़ रुपये का वित्तीय लाभ
इस मूल्य कटौती का प्रभाव केवल व्यक्तिगत लाभ तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका सामूहिक असर भी देखा जाएगा। रिफाइंड तेल की कीमतों में ₹9 प्रति लीटर की कमी से राज्य भर के उपभोक्ताओं को कुल मिलाकर ₹4.10 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष वित्तीय लाभ होगा।
यह लाभ सीधे तौर पर उन परिवारों तक पहुंचेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग में आते हैं और हर महीने राशन प्रणाली पर निर्भर रहते हैं। राशन कार्डधारकों के लिए यह पहल न केवल आर्थिक राहत प्रदान करेगी, बल्कि इससे उनकी पोषण संबंधी आवश्यकताओं को भी बेहतर ढंग से पूरा किया जा सकेगा।
फोर्टिफाइड सोया रिफाइंड तेल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान
उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जाने वाला सोया रिफाइंड तेल सिर्फ सस्ता ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी फायदेमंद होगा। यह फोर्टिफाइड (Fortified) यानी पोषक तत्वों से युक्त रिफाइंड तेल है जो खासतौर पर गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों की पोषण स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से वितरित किया जाता है।
फोर्टिफाइड तेल में विटामिन A और D जैसे आवश्यक पोषक तत्व मिलाए जाते हैं, जो खासकर उन परिवारों के लिए आवश्यक हैं जो महंगे खाद्य विकल्प नहीं अपना सकते। इस योजना से पोषण सुरक्षा को भी बढ़ावा मिलेगा।
केंद्र सरकार की नीति का राज्य स्तर पर प्रभाव
भारत सरकार द्वारा हाल ही में रिफाइंड तेल पर लगाए गए आयात शुल्क (Import Duty) को घटाया गया है। इसका सीधा असर राज्य सरकार की आपूर्ति और मूल्य निर्धारण नीतियों पर पड़ा है। खाद्य आपूर्ति निगम ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से उपभोक्ताओं तक कम दरों पर तेल पहुंचाने की व्यवस्था को तेज कर दिया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि शीघ्र ही यह नई मूल्य प्रणाली राज्य भर की सभी उचित मूल्य दुकानों में लागू की जाएगी ताकि सभी पात्र उपभोक्ता इसका लाभ ले सकें।
खुले बाजार की तुलना में किफायती दरें
वर्तमान में खुले बाजार में रिफाइंड तेल की कीमत ₹150 से ₹160 प्रति लीटर तक पहुँच चुकी है। ऐसे में राशन कार्डधारकों को अब ₹125 या ₹131 प्रति लीटर की दर पर रिफाइंड तेल मिलना एक बड़ी राहत है। यह अंतर केवल ₹9 की छूट तक सीमित नहीं है, बल्कि खुले बाजार की तुलना में यह अंतर ₹25 से ₹30 प्रति लीटर तक हो सकता है, जिससे राशन प्रणाली की उपयोगिता और प्रासंगिकता और अधिक बढ़ जाती है।
भविष्य में अन्य खाद्य उत्पादों पर भी मिल सकती है राहत
राज्य सरकार की तरफ से संकेत मिले हैं कि अगर केंद्र सरकार की नीतियों और आयात शुल्क में राहत जारी रही, तो अन्य आवश्यक वस्तुओं जैसे गेहूं, चावल, दालें, और चीनी आदि पर भी उपभोक्ताओं को राहत दी जा सकती है। इससे राज्य में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे परिवारों को संपूर्ण खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी।
प्रदेश सरकार और खाध विभाग ने मिलकर काम किया
इस मूल्य कटौती को लागू करने में खाद्य आपूर्ति निगम और राज्य सरकार की संयुक्त भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। समय रहते नीति निर्धारण और वितरण व्यवस्था में सुधार करते हुए इस योजना को धरातल पर उतारा गया है।
इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि हिमाचल प्रदेश में इस पहल ने न केवल उपभोक्ताओं के वित्तीय बोझ को कम किया है, बल्कि सरकारी प्रणाली में विश्वास को भी सुदृढ़ किया है।