पेंशन (Pension) एक ऐसी वित्तीय सहायता है जो रिटायरमेंट के बाद लोगों को उनके बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। खासकर सरकारी कर्मचारियों और बुजुर्गों के लिए यह एक अहम साधन है। पेंशन की राशि हर महीने सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पेंशनधारी अपनी पेंशन की राशि बैंक अकाउंट से समय पर नहीं निकाल पाते हैं, या फिर इसे निकालने की आवश्यकता नहीं समझते। इसके बाद सवाल उठता है कि क्या सरकार उन पैसों को वापस ले लेगी, जो कई महीनों तक बैंक अकाउंट में पड़े रहते हैं? आइए जानें इस विषय में पूरी जानकारी।
पेंशन के पैसे वापस लेने का कोई नियम नहीं है
पहली बात तो यह कि सरकार का उद्देश्य पेंशन धारकों को सहायता प्रदान करना है, और पेंशन धारी अपने हक के पैसे किसी भी समय निकाल सकते हैं। यदि पेंशन धारी किसी कारणवश अपनी पेंशन को बैंक अकाउंट से निकालना भूल जाते हैं या नहीं निकाल पाते हैं, तो सरकार उस राशि को वापस नहीं लेती। हालांकि, एक खास बात ध्यान में रखने की जरूरत है कि यदि पेंशन के पैसे छह महीने या उससे ज्यादा समय तक बैंक अकाउंट में पड़े रहते हैं और पेंशन धारी उसे नहीं निकालते हैं, तो बैंक उस अकाउंट को संदिग्ध मान सकता है। इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार पैसे वापस ले लेगी, बल्कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों को मिले जो जीवित हैं और पेंशन के हकदार हैं।
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लाइफ सर्टिफ़िकेट का महत्व
सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए लाइफ सार्टिफिकेट (Life Certificate) की प्रक्रिया को अनिवार्य करती है। पेंशनधारकों को हर साल यह प्रमाण देना होता है कि वे जीवित हैं। अगर पेंशनधारी ने समय पर लाइफ सार्टिफिकेट नहीं जमा किया है या अगर किसी कारण से उनका खाता निष्क्रिय हो गया है, तो पेंशन की राशि रोकी जा सकती है। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि पेंशनधारी नियमित रूप से अपने लाइफ सार्टिफिकेट को बैंक में जमा करें, ताकि उनकी पेंशन रुकी न रहे।
रुकी हुई पेंशन को कैसे शुरू करें?
कई बार पेंशनधारी पेंशन की राशि निकालने में देर कर देते हैं या लाइफ सार्टिफिकेट का नवीनीकरण नहीं करते, जिसकी वजह से पेंशन रुक जाती है। अगर ऐसा होता है, तो पेंशन को फिर से चालू करने के लिए कुछ जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं। सबसे पहले, पेंशनधारी को बैंक या पेंशन कार्यालय में जाकर अपने जीवित होने का प्रमाण देना होता है, जिसे जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) कहते हैं। इसके बाद, एक आवेदन पत्र में यह बताना होता है कि पेंशन क्यों नहीं निकाली गई और अब उसे पुनः चालू करने की अनुमति दी जाए।
एक बार सभी आवश्यक दस्तावेजों और जानकारी की जांच कर लेने के बाद, पेंशन को फिर से चालू कर दिया जाता है। इसके साथ ही रुकी हुई पेंशन की राशि ब्याज सहित पेंशनधारी के अकाउंट में वापस ट्रांसफर की जा सकती है।
पेंशन के पैसे सुरक्षित रहते हैं
यह स्पष्ट है कि पेंशन की राशि सुरक्षित रहती है, भले ही वह लंबे समय तक बैंक अकाउंट में पड़ी रहे। सरकार पेंशनधारकों को मदद प्रदान करने के लिए पेंशन की राशि वापस नहीं लेती, लेकिन अगर पेंशन का पैसा कई महीनों तक अकाउंट में पड़ा रहता है, तो उस अकाउंट को संदिग्ध माना जा सकता है। ऐसे में, पेंशनधारकों को पेंशन निकालते रहना चाहिए और समय-समय पर लाइफ सार्टिफिकेट जमा करना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो।
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पेंशन से जुड़ी सामान्य समस्याएं
पेंशन से जुड़ी सबसे आम समस्याओं में से एक जीवन प्रमाण पत्र का न जमा होना है। इसके अलावा, पेंशन खाते का डीएक्टिवेट हो जाना भी पेंशन को रोकने का कारण बन सकता है। यदि पेंशन धारी समय पर लाइफ सर्टिफ़िकेट जमा नहीं करते हैं, तो उनका पेंशन खाता निष्क्रिय हो सकता है। ऐसे मामलों में, पेंशन धारी को संबंधित संस्थाओं से संपर्क करके अपनी पेंशन को फिर से चालू करवा सकते हैं।