पेट्रोल पंप खोलने के नियमों में हुआ बदलाव, CPCB ने जारी की नई गाइडलाइन

CPCB ने पेट्रोल पंपों के लिए जारी की नई SOP, अब एनओसी, बीमा, लीक डिटेक्शन सिस्टम और पर्यावरणीय डेटा रिपोर्ट होगी अनिवार्य। जानिए कैसे ये कदम बचाएंगे पानी, मिट्टी और हवा को और क्यों होगा हर नियम का पालन जरूरी।

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Written byRohit Kumar

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पेट्रोल पंप खोलने के नियमों में हुआ बदलाव, CPCB ने जारी की नई गाइडलाइन
पेट्रोल पंप खोलने के नियमों में हुआ बदलाव, CPCB ने जारी की नई गाइडलाइन

देश भर में पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक कठोर और पर्यावरण-संवेदनशील बन गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी की है, जो पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए कई सख्त दिशा-निर्देश तय करती है। इन नियमों का पालन करना अब सभी पेट्रोल पंप ऑपरेटरों और नई यूनिट खोलने के इच्छुक आवेदकों के लिए अनिवार्य होगा।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से लेनी होगी अनिवार्य एनओसी

CPCB द्वारा जारी नई SOP के तहत अब पेट्रोल पंप शुरू करने से पहले संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) या समिति से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना आवश्यक होगा। यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के निर्देशों के बाद लिया गया है, जिसने 17 अप्रैल 2023 को CPCB को तीन माह के भीतर SOP तैयार करने का आदेश दिया था। हालांकि इसमें करीब दो साल का विलंब हुआ, लेकिन अब यह SOP सभी संबंधित पक्षों पर लागू होगी।

जल, वायु और मृदा प्रदूषण की निगरानी होगी अनिवार्य

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पेट्रोल पंपों को जल, वायु और भूमि प्रदूषण से पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए बेसलाइन डेटा रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंप के संचालन से आसपास के पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े। 50 मीटर की परिधि में जल और मृदा गुणवत्ता की नियमित निगरानी की जाएगी।

वाष्प रिकवरी और लीक डिटेक्शन सिस्टम की अनिवार्यता

SOP में यह भी निर्धारित किया गया है कि सभी पेट्रोल पंपों को अब वाष्प रिकवरी सिस्टम (Vapor Recovery System) और लीक डिटेक्शन सिस्टम (Leak Detection System) लगाना अनिवार्य होगा। ये उपकरण वातावरण में खतरनाक हाइड्रोकार्बन गैसों के उत्सर्जन को नियंत्रित करने और रिसाव की स्थिति में त्वरित पहचान और समाधान में मदद करेंगे।

सार्वजनिक सुरक्षा के लिए बीमा लेना भी जरूरी

1991 के सार्वजनिक दायित्व बीमा अधिनियम के तहत पेट्रोल पंपों को पब्लिक लाइबिलिटी इंश्योरेंस (Public Liability Insurance) लेना भी जरूरी होगा। यह बीमा किसी भी अप्रत्याशित दुर्घटना—जैसे कि लीक, आग या विस्फोट—से पर्यावरणीय और मानव जीवन को हुए नुकसान की भरपाई के लिए होगा।

फायर एनओसी और आपातकालीन योजना होगी जरूरी

पेट्रोल पंप संचालकों को फायर डिपार्टमेंट से एनओसी लेनी होगी और एक आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना (Emergency Response Plan) तैयार करनी होगी, जिसमें आग या विस्फोट की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों का स्पष्ट विवरण हो। किसी भी गंभीर दुर्घटना की स्थिति में संबंधित प्राधिकरण को 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट करना अनिवार्य किया गया है।

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आवासीय क्षेत्रों से दूर होगा पेट्रोल डिपो

नई SOP के तहत पेट्रोल डिपो की स्थापना के लिए स्थान चयन में सख्त सुरक्षा मानकों का पालन अनिवार्य होगा। यह निर्देश देता है कि डिपो 250 से 300 मीटर की सुरक्षा दूरी पर स्थित हो और किसी आवासीय या भीड़भाड़ वाले क्षेत्र से दूर हो, जिससे किसी भी अप्रत्याशित हादसे की स्थिति में जनहानि से बचा जा सके।

अपशिष्ट प्रबंधन और वर्षा जल संरक्षण की व्यवस्था

खतरनाक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों (Hazardous Waste Management Rules) के तहत पंपों को सभी खतरनाक और अन्य अपशिष्ट पदार्थों का सुरक्षित संग्रहण, निपटान और उपचार करना होगा। बरसात के मौसम में वर्षा जल के साथ बहकर प्रदूषकों के निकास को रोकने के लिए भी विशेष प्रबंध करने होंगे।

जल स्रोतों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान

SOP में कहा गया है कि डिपो से 50 मीटर की सीमा तक के जल स्रोतों और भूमिगत जल की नियमित निगरानी की जाएगी। यदि किसी प्रकार का प्रदूषण प्रमाणित होता है, तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इस कदम से जल जीवन मिशन और भूमिगत जल संरक्षण को नई दिशा मिलेगी।

वायुमंडलीय प्रदूषण पर सख्ती

पेट्रोल डिपो के आसपास के वातावरण को हाइड्रोकार्बन उत्सर्जन से मुक्त रखने की भी जिम्मेदारी अब पेट्रोल पंप संचालकों की होगी। SOP में निर्देश दिया गया है कि वायु में बेंजीन (Benzene), टोल्यून (Toluene), और जाइलिन (Xylene) जैसे रसायनों की मात्रा नियंत्रित की जाए ताकि मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिकीय तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

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