
भारत सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए समय-समय पर कई योजनाएं शुरू की जाती हैं। देश की बड़ी आबादी आज भी खेती पर निर्भर है, ऐसे में किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। इन्हीं प्रयासों के तहत “पीएम किसान एफपीओ योजना” (PM Kisan FPO Yojana) की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को संगठित करके उनके कृषि-आधारित व्यवसायों को सहयोग देना है।
इस योजना के माध्यम से किसानों के समूह को फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन यानी एफपीओ (Farmer Producer Organization – FPO) के रूप में पंजीकृत किया जाता है और उन्हें 15 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह योजना उन किसानों के लिए एक बड़ा अवसर है जो केवल खेती तक सीमित न रहकर कृषि व्यवसाय में भी कदम रखना चाहते हैं।
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पीएम किसान एफपीओ योजना किसानों के लिए एक सुनहरा अवसर है। यह योजना उन्हें पारंपरिक खेती से निकालकर आधुनिक और व्यावसायिक कृषि की ओर ले जाती है। समूह में संगठित होकर कार्य करने से न सिर्फ लागत कम होती है, बल्कि आमदनी भी बढ़ती है।
क्या है पीएम किसान एफपीओ योजना?
प्रधानमंत्री किसान एफपीओ योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को संगठित कर एक कारोबारी इकाई के रूप में विकसित करना है, जिससे वे कृषि से जुड़े उत्पादों का उत्पादन, संग्रहण, प्रोसेसिंग और विपणन स्वयं कर सकें। इस योजना के तहत सरकार द्वारा बनाए गए एफपीओ को एक बार में 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है।
सरकार इस योजना के जरिए खेती को केवल एक परंपरागत पेशा न मानकर, एक संगठित व्यवसाय के रूप में विकसित करना चाहती है। एफपीओ बनने के बाद किसान न केवल अपनी उपज को बेहतर कीमत पर बेच सकते हैं बल्कि बीज, खाद और मशीनरी जैसी सुविधाएं भी थोक में सस्ती दर पर प्राप्त कर सकते हैं।
योजना का लाभ कौन उठा सकता है?
इस योजना का लाभ केवल वही किसान उठा सकते हैं जो सामूहिक रूप से एफपीओ का गठन करते हैं। किसी एक किसान को व्यक्तिगत रूप से इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। एफपीओ के गठन के लिए कम से कम 11 किसानों का एक समूह होना अनिवार्य है।
एफपीओ एक पंजीकृत संस्था होती है जिसमें सभी सदस्य किसान होते हैं। संस्था के प्रबंधन के लिए एक एमडी, सीईओ या मैनेजर की नियुक्ति की जाती है। सरकार एफपीओ को बिजनेस प्लान, प्रशिक्षण और बाजार से जुड़ाव जैसी सुविधाएं भी देती है।
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आवेदन की प्रक्रिया
जो भी किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, वे सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://www.enam.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है।
पहले वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है, उसके बाद लॉगिन करके आवेदन फॉर्म भरना होता है। आवेदन करते समय एफपीओ के एमडी, सीईओ या मैनेजर का नाम, पता, ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर जैसी जानकारियां देनी होती हैं। इसके अलावा संगठन की कानूनी स्थिति और बैंक खाते से जुड़ी जानकारियां भी फॉर्म में भरनी होती हैं।
योजना के लाभ
1. आर्थिक सहायता:
सरकार एफपीओ को 15 लाख रुपये तक की सहायता देती है जिससे वे कृषि आधारित व्यापार शुरू कर सकें।
2. व्यावसायिक अवसर:
एफपीओ के ज़रिए किसान फसलों की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग कर सकते हैं, जिससे उन्हें बेहतर दाम मिलते हैं।
3. सामूहिक खरीदारी और बिक्री:
एफपीओ थोक में बीज, खाद और अन्य कृषि सामग्री खरीदता है जिससे किसानों को लागत कम लगती है।
4. ट्रेनिंग और मार्गदर्शन:
सरकार एफपीओ को बिजनेस प्लान, मार्केटिंग स्ट्रैटेजी और नई तकनीकों की ट्रेनिंग भी देती है।
5. आत्मनिर्भरता:
किसान एफपीओ के जरिए अपनी उत्पादकता और आय को बढ़ा सकते हैं, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलती है।
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एफपीओ योजना और आत्मनिर्भर भारत
पीएम किसान एफपीओ योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान का एक अहम हिस्सा है। इस योजना के माध्यम से किसान सिर्फ उत्पादक नहीं, बल्कि उद्यमी भी बन सकते हैं। यह योजना रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy), स्मार्ट एग्रीकल्चर और ग्रामीण उद्योगों के साथ जुड़कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकती है।