
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक प्रमुख सामाजिक कल्याण योजना है, जिसका उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे ऐसे परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना है, जो अब तक बेघर हैं या कच्चे मकानों में जीवन यापन कर रहे हैं। वर्ष 2016 में शुरू की गई यह योजना ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत संचालित की जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य “हर गरीब को छत” के संकल्प को पूरा करना है।
पात्रता (Eligibility) के मापदंड
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PMAY-G) का लाभ लेने के लिए कुछ स्पष्ट पात्रता शर्तें तय की गई हैं। योजना के तहत उन्हीं लोगों को प्राथमिकता दी जाती है, जिनके पास पहले से कोई पक्का मकान नहीं है या जिनके घर एक या दो कमरों वाले कच्चे मकान हैं। इसके अलावा, योजना के लिए चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (SECC 2011) के आधार पर किया जाता है। इसके तहत बीपीएल (BPL) श्रेणी में आने वाले परिवार स्वतः पात्र माने जाते हैं।
योजना के तहत मिलने वाले लाभ
PMAY-G योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों को 1.20 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। विशेष परिस्थितियों में, जैसे कि पहाड़ी क्षेत्रों या उत्तर-पूर्व राज्यों में यह राशि 1.30 लाख रुपये तक बढ़ाई जा सकती है। यह राशि तीन किस्तों में सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाती है ताकि घर निर्माण की प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।
लोन और सब्सिडी की सुविधा
अगर किसी लाभार्थी को मकान निर्माण के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता हो, तो वह योजना के अंतर्गत 70,000 रुपये तक का ऋण प्राप्त कर सकता है। यह ऋण रियायती ब्याज दर पर उपलब्ध होता है, जिसमें 3% तक ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है। ऋण चुकाने की अवधि अधिकतम 20 वर्ष तक हो सकती है। यह प्रावधान उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर घर बनाना चाहते हैं।
आवेदन की प्रक्रिया
PMAY-G के अंतर्गत आवेदन करने की प्रक्रिया बेहद सरल और पारदर्शी है। सबसे पहले यह आवश्यक है कि आवेदक का नाम SECC 2011 की सूची में दर्ज हो। यह सूची हर ग्राम पंचायत कार्यालय में उपलब्ध होती है, जहां जाकर कोई भी नागरिक यह जांच सकता है कि वह योजना के लिए पात्र है या नहीं।
यदि कोई व्यक्ति पात्र पाया जाता है, तो उसे अपने ग्राम पंचायत कार्यालय या ब्लॉक विकास कार्यालय में जाकर आवेदन करना होता है। आवेदन पत्र के साथ कुछ जरूरी दस्तावेज भी जमा करने होते हैं जैसे – आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, मनरेगा जॉब कार्ड और निवास प्रमाण पत्र।
इसके पश्चात स्थानीय अधिकारी द्वारा लाभार्थी की जानकारी और दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन किया जाता है। जब सब कुछ सही पाया जाता है, तो आवेदन को स्वीकृति दी जाती है और निर्धारित राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
सरकार ने इस योजना को डिजिटल रूप से भी सुलभ बनाया है। इच्छुक नागरिक भारत सरकार के आधिकारिक पोर्टल https://pmayg.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद आवश्यक जानकारी भरनी होती है और दस्तावेज अपलोड करने होते हैं।
इस पोर्टल की मदद से आवेदक आवेदन की स्थिति की जांच, लाभार्थी सूची में अपना नाम देखने और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों की प्राप्ति भी कर सकते हैं।
जरूरी दस्तावेज
PMAY-G में आवेदन करने के लिए कुछ अनिवार्य दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे –
आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर, और एक शपथ पत्र, जिसमें यह घोषित किया जाता है कि आवेदक या उसके परिवार के पास कोई स्थायी मकान नहीं है। ये दस्तावेज योजना के उद्देश्य की पुष्टि और पात्रता के निर्धारण के लिए जरूरी हैं।
पारदर्शी प्रक्रिया और व्यापक पहुंच
PMAY-G को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को बिना किसी भ्रष्टाचार और भ्रामक प्रक्रिया के सीधे लाभ मिल सके। ग्रामीण भारत के लाखों परिवार अब तक इस योजना के जरिए पक्के घर प्राप्त कर चुके हैं। यह योजना गरीबी उन्मूलन, सामाजिक समानता और आधारभूत ढांचे के विकास की दिशा में सरकार का एक सशक्त कदम है।