
सरकार द्वारा समर्थित एक लोकप्रिय दीर्घकालिक बचत योजना, सार्वजनिक भविष्य निधि यानी Public Provident Fund (PPF) स्कीम, एक बार फिर चर्चा में है। केंद्र सरकार ने हाल ही में पीपीएफ पर ब्याज दरों की घोषणा की है। यह योजना उन निवेशकों के लिए आदर्श मानी जाती है जो जोखिम से बचते हुए टैक्स छूट और गारंटीड रिटर्न की तलाश में रहते हैं। PPF स्कीम में सालाना न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है। निवेशक इस राशि को एकमुश्त (lumpsum) या किस्तों में जमा कर सकते हैं।
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अगर आप एक ऐसा निवेश विकल्प तलाश रहे हैं जिसमें सुरक्षा, निश्चित ब्याज और टैक्स लाभ मिले, तो PPF स्कीम आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती है। केवल 500 रुपये से इसकी शुरुआत की जा सकती है और अधिकतम 1.5 लाख रुपये सालाना निवेश कर आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। यह स्कीम लंबी अवधि के निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर है।
सरकार ने घोषित की पीपीएफ की नई ब्याज दर
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, मौजूदा तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के लिए PPF पर ब्याज दर 7.1% सालाना रखी गई है। यह ब्याज दर तिमाही आधार पर सरकार द्वारा संशोधित की जाती है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह दर स्थिर बनी हुई है। ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है, लेकिन इसका भुगतान वित्त वर्ष के अंत में होता है।
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PPF स्कीम क्या है?
Public Provident Fund एक दीर्घकालिक निवेश योजना है जिसे वर्ष 1968 में सरकार द्वारा शुरू किया गया था। यह योजना भारत सरकार की गारंटी के साथ आती है और इसमें किए गए निवेश पर टैक्स छूट (Income Tax Act की धारा 80C के तहत) भी मिलती है। यह योजना मुख्य रूप से छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन की गई है, जो सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं।
कौन खोल सकता है PPF अकाउंट?
PPF खाता कोई भी भारतीय नागरिक खोल सकता है। इसे किसी भी पोस्ट ऑफिस, सरकारी बैंक और कुछ निजी बैंकों में खोला जा सकता है। एक व्यक्ति के नाम पर केवल एक ही PPF खाता खोला जा सकता है। हालांकि, माता-पिता अपने नाबालिग बच्चों के नाम से भी अकाउंट खोल सकते हैं, लेकिन संयुक्त खाता या HUF (हिंदू अविभाजित परिवार) के नाम पर यह अकाउंट नहीं खोला जा सकता।
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निवेश की शर्तें
PPF खाते में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। यह निवेश एक बार में या अधिकतम 12 किस्तों में किया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति न्यूनतम राशि जमा नहीं करता, तो उसका खाता निष्क्रिय हो जाता है, जिसे दोबारा सक्रिय करने के लिए जुर्माने और बकाया राशि का भुगतान करना पड़ता है।
ब्याज दर और कर छूट
PPF खाता टैक्स के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है। इसमें निवेश की गई राशि, उस पर मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी रकम तीनों टैक्स फ्री होती हैं। इसे EEE (Exempt-Exempt-Exempt) श्रेणी में रखा गया है।
लोन और आंशिक निकासी की सुविधा
PPF अकाउंट में निवेश करने वाले व्यक्ति को तीसरे वर्ष से लेकर छठे वर्ष तक के बीच अपने निवेश पर लोन लेने की सुविधा मिलती है। इसके अलावा, सातवें वित्तीय वर्ष से आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) भी की जा सकती है। पूरा खाता मैच्योर होने पर यानी 15 साल पूरे होने के बाद पूरा पैसा टैक्स फ्री रूप में निकाला जा सकता है।
PPF अकाउंट की अवधि और विस्तार
PPF अकाउंट की मूल अवधि 15 साल होती है। इस अवधि के बाद निवेशक चाहे तो इसे 5-5 साल के ब्लॉक्स में बढ़ा सकता है। खाता विस्तार की अवधि में भी निवेश और ब्याज की सुविधा यथावत रहती है।
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निवेशकों के लिए क्यों फायदेमंद है PPF?
- सरकारी गारंटी और जोखिम मुक्त रिटर्न
- टैक्स छूट की सुविधा
- लोन और आंशिक निकासी का विकल्प
- कंपाउंडिंग का लाभ
- रिटायरमेंट के लिए सुरक्षित विकल्प