स्मार्ट मीटर लगाना अब अनिवार्य! UPPCL ने किया बड़ा ऐलान – नहीं माने तो हो सकता है नुकसान

स्मार्ट मीटर लगाना अब अनिवार्य! UPPCL ने किया बड़ा ऐलान – नहीं माने तो हो सकता है नुकसान
स्मार्ट मीटर लगाना अब अनिवार्य! UPPCL ने किया बड़ा ऐलान – नहीं माने तो हो सकता है नुकसान
स्मार्ट मीटर लगाना अब अनिवार्य! UPPCL ने किया बड़ा ऐलान – नहीं माने तो हो सकता है नुकसान

उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए Smart Meter व्यवस्था अब एक नए दौर में प्रवेश कर चुकी है। Uttar Pradesh Power Corporation Limited (UPPCL) के चेयरमैन आशीष गोयल ने खुद के सरकारी आवास पर पहला प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगवाकर इस नई पहल की शुरुआत की है। अब प्रदेश में कुल तीन करोड़ नौ लाख अठत्तर हजार उपभोक्ताओं को यह अत्याधुनिक सुविधा मिलने जा रही है, जिससे न केवल गलत बिलिंग की आशंका खत्म होगी बल्कि बिजली चोरी पर भी अंकुश लगेगा।

चेयरमैन आवास से हुई शुरुआत, उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ

22 अक्टूबर 2024 को यूपीपीसीएल प्रमुख आशीष गोयल के गौतमपल्ली स्थित सरकारी आवास पर पहले पारंपरिक स्मार्ट मीटर को इंस्टॉल किया गया था। अब 23 अप्रैल 2025 को इसी स्थान पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाकर एक नई शुरुआत की गई। इस मौके पर चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि यह योजना पूरी तरह से उपभोक्ता-केंद्रित है और इसका मकसद बिजली वितरण प्रणाली को पारदर्शी और आधुनिक बनाना है।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर न केवल सटीक रीडिंग देता है, बल्कि यह पूरी तरह से निशुल्क है और इसमें मासिक रीडिंग की आवश्यकता नहीं होती। उपभोक्ता अब अपनी खपत को रियल-टाइम में ट्रैक कर पाएंगे और उसे बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकेंगे।

प्रदेश में लगेगा 3 करोड़ से अधिक मीटर, अभी तक लगे 28.45 लाख मीटर

यूपीपीसीएल का लक्ष्य प्रदेश में 3,09,78,000 स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करने का है। इस दिशा में अब तक 28 लाख 45 हजार 274 मीटर लगाए जा चुके हैं। इसमें सिर्फ आम नागरिक ही नहीं, बल्कि कई प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारियों ने भी अपने घरों पर स्मार्ट मीटर लगवाकर इस मुहिम को समर्थन दिया है।

राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख, पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर, भाजपा एमएलसी श्रीचंद्र शर्मा, विधायक रमेश जायसवाल, विधायक ओपी श्रीवास्तव, विधायक योगेश शुक्ला और अजीत पाल त्यागी जैसे नेता पहले ही अपने घरों में स्मार्ट मीटर लगवा चुके हैं।

सरकारी भवनों में भी जारी है इंस्टॉलेशन

प्रदेश के सभी सरकारी भवनों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इनमें डीएम मुरादाबाद, एसपी ऑफिस मुरादाबाद, डीएम बुलंदशहर, पुलिस कंट्रोल रूम बुलंदशहर, सीएमओ बिजनौर, डीएम अमरोहा, डिस्ट्रिक्ट जज अमरोहा, सीडीओ अमरोहा, मेयर बरेली और राज्य सूचना आयोग लखनऊ के भवन शामिल हैं।

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राज्य सूचना आयोग के सचिव और आईएएस अधिकारी अभय सिंह ने कहा कि यह पहल उपभोक्ताओं की सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी और ऊर्जा प्रबंधन को अधिक संगठित बनाएगी।

प्रीपेड स्मार्ट मीटर की खासियतें

प्रीपेड मोड में स्मार्ट मीटर की सबसे बड़ी विशेषता है कि इसे एक क्लिक में रिचार्ज किया जा सकता है। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल है जिससे उपभोक्ताओं को कहीं भी, कभी भी रिचार्ज की सुविधा मिलती है। इसके साथ ही मीटर उपभोक्ताओं को उनकी दैनिक ऊर्जा खपत का रियल-टाइम डेटा प्रदान करता है।

इसकी मदद से न केवल उपभोक्ता अपनी बिजली खपत को बेहतर तरीके से मॉनिटर कर सकते हैं, बल्कि यह सिस्टम उन्हें लोड मैनेजमेंट की सुविधा भी देता है। अधिक खपत पर यह अलर्ट देता है और बिजली कटौती की जानकारी पहले से दे देता है।

पारदर्शिता और ऊर्जा बचत की दिशा में बड़ा कदम

Smart Meter योजना को सरकार ने एक ऐसा Renewable Energy और पारदर्शी बिजली प्रबंधन मॉडल बताया है, जिससे न केवल सिस्टम पर बोझ कम होगा बल्कि ऊर्जा की बर्बादी भी रुकेगी। डिजिटल बिलिंग और प्रीपेड प्रणाली से न सिर्फ सरकारी राजस्व बढ़ेगा, बल्कि उपभोक्ताओं को भी राहत मिलेगी।

इस योजना से बिजली चोरी, गलत बिल, और अनावश्यक लोड जैसी समस्याओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। यह नई तकनीक ऊर्जा प्रबंधन की दिशा में उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय मॉडल बना सकती है।

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By Rohit Kumar

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