Property Rights: बुआ का प्रोपर्टी में कितना अधिकार, जानिये क्या कहता है प्रोपर्टी कानून

भारतीय कानून के तहत बेटियों और बुआओं को संपत्ति में बराबर का अधिकार है। 2005 के संशोधन ने इसे और स्पष्ट किया है। वसीयत के माध्यम से संपत्ति का हस्तांतरण चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन पैतृक संपत्ति में सभी उत्तराधिकारियों का समान अधिकार है। अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक लिंक पर जाएं।

Photo of author

Written byRohit Kumar

verified_75

Published on

Property Rights: बुआ का प्रोपर्टी में कितना अधिकार, जानिये क्या कहता है प्रोपर्टी कानून
Property Rights: बुआ का प्रोपर्टी में कितना अधिकार, जानिये क्या कहता है प्रोपर्टी कानून

भारत में संपत्ति विवाद एक सामान्य लेकिन संवेदनशील मुद्दा बन चुका है। यह समस्या खासतौर पर तब उभरती है जब बेटियां या बेटों की बुआ अपने कानूनी अधिकारों को लेकर जागरूक होती हैं। समाज में लंबे समय तक यह परंपरा रही कि संपत्ति केवल बेटों के नाम की जाती थी, लेकिन बदलते वक्त के साथ अब बेटियां भी संपत्ति पर अपने अधिकार को लेकर सजग हो चुकी हैं।

इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय कानून के तहत बेटियां और बुआ संपत्ति में कैसे और किन परिस्थितियों में दावा कर सकती हैं, और अगर संपत्ति सिर्फ बेटों के नाम कर दी गई हो, तो उनके लिए क्या कानूनी विकल्प उपलब्ध हैं।

भारतीय कानून और संपत्ति पर अधिकार

1. पैतृक संपत्ति में बेटियों का अधिकार

Earthnewj से अब व्हाट्सप्प पर जुड़ें, क्लिक करें

2005 के संशोधन के बाद, हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 ने बेटियों को पैतृक संपत्ति में बेटों के समान अधिकार दिया।

  • पैतृक संपत्ति का अर्थ:
    जो संपत्ति पूर्वजों से विरासत में मिली हो।
  • शादी के बाद भी अधिकार:
    शादी के बाद भी बेटियों का अपने पिता की पैतृक संपत्ति में बराबर का हिस्सा होता है।

2. स्व-अर्जित संपत्ति पर अधिकार

  • अगर पिता ने वसीयत बनाई है, तो वह संपत्ति उन्हीं को जाएगी, जिनका नाम वसीयत में लिखा है।
  • वसीयत न होने पर, स्व-अर्जित संपत्ति का बंटवारा उत्तराधिकार अधिनियम के तहत होगा। इसमें बेटियों और बुआओं को हिस्सा मिलेगा।

वसीयत और संपत्ति विवाद

1. वसीयत के माध्यम से संपत्ति का ट्रांसफर

  • वैध वसीयत:
    अगर वसीयत कानूनी रूप से वैध है और उसमें केवल बेटों का नाम है, तो बेटियों का दावा करना मुश्किल हो सकता है।
  • वसीयत को चुनौती:
    यदि वसीयत में अनियमितताएं हैं या बेटियों को संपत्ति से बेदखल करने के लिए गलत कारण दिए गए हैं, तो बेटियां अदालत में चुनौती दे सकती हैं।

2. बिना वसीयत के संपत्ति

अगर पिता की मौत बिना वसीयत के होती है, तो कानून के अनुसार संपत्ति का बंटवारा सभी उत्तराधिकारियों के बीच समान रूप से होता है। इसमें बेटियां, बेटे, पत्नी और मां सभी हिस्सेदार होते हैं।

संपत्ति विवाद में बेटियों और बुआओं के कानूनी विकल्प

1. कानूनी चुनौती के माध्यम से दावा करें

  • बेटियां और बुआ:
    अगर संपत्ति पर बेटों का एकाधिकार हो, तो बुआ या बेटियां अदालत का दरवाजा खटखटा सकती हैं।
  • पैतृक संपत्ति:
    यदि यह पैतृक संपत्ति है, तो बेटियां और बुआ कानूनी रूप से समान हिस्सेदार हैं।

2. अदालत द्वारा संपत्ति का बंटवारा

  • अदालत यह सुनिश्चित करती है कि सभी उत्तराधिकारियों को उनका उचित हिस्सा मिले।
  • इसमें महिलाओं के अधिकार को प्राथमिकता दी जाती है।

3. लिखित सहमति और समझौता

परिवार के भीतर सहमति और लिखित समझौते से विवादों को सुलझाया जा सकता है।

Also ReadNSP Scholarship Online Apply: अब सरकार दे रही है सभी विद्यार्थियों को 75 हजार रूपये की स्कॉलरशिप, यहाँ से करे आवेदन

NSP Scholarship Online Apply: अब सरकार दे रही है सभी विद्यार्थियों को 75 हजार रूपये की स्कॉलरशिप, यहाँ से करे आवेदन

FAQs

1. क्या शादी के बाद बेटियों का संपत्ति पर अधिकार होता है?

हां, शादी के बाद भी बेटियों का पैतृक संपत्ति पर अधिकार होता है। 2005 के संशोधन ने इसे कानूनी मान्यता दी है।

2. क्या स्व-अर्जित संपत्ति में बेटियों का अधिकार है?

वसीयत न होने पर, बेटियों को स्व-अर्जित संपत्ति में बराबर का हिस्सा मिलता है।

3. क्या बुआ संपत्ति पर दावा कर सकती है?

हां, अगर संपत्ति पैतृक है और बुआ को उनके हिस्से से वंचित किया गया है, तो वह कानूनी दावा कर सकती हैं।

4. वसीयत को चुनौती कैसे दी जा सकती है?

वसीयत में अनियमितताओं या गलत कारणों का हवाला देकर इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है।

Also Readknow-how-much-solar-power-is-required-for-a-1-5-ton

1.5 टन AC चलाने में जरूरी सोलर सिस्टम की क्षमता को जाने

You might also like

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें